टेलीफोन का आविष्कार किसने किया | Telephone Ka Avishkar Kisne Kiya Tha: दोस्तों आज भले ही मोबाइल फोन दूरसंचार का सबसे आधुनिक साधन बन गया हो, लेकिन मोबाइल फोन की शुरुआत भी टेलीफोन के उन्नत रूप वायरलेस टेलीफोन से ही हुई है। टेलीफोन विज्ञान की महत्वपूर्ण खोजों में से एक है जिसने 21वीं सदी में दूरसंचार के रूप को बदल दिया है। लेकिन क्या आप जानते है इस टेलीफोन का आविष्कार किसने किया और कब किया? तो बता दें कि इस उपकरण का आविष्कार स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक एलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने 2 जून 1875 को किया था।
टेलीफोन का आविष्कार किसने किया | Telephone Ka Avishkar Kisne Kiya
Included
- टेलीफोन का आविष्कार किसने किया?
- टेलीफोन के आविष्कार और आविष्कारक की दिलचस्प कहानी
- एलेक्जेंडर ग्राहम बेल का इतिहास
- क्या ग्राहम बेल से पहले ही हो गया था टेलीफोन का आविष्कार
- प्रश्नोतरी
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टेलीफोन का आविष्कार किसने किया?
टेलीफोन का आविष्कार एलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने किया था। पहले टेलीफोन का आविष्कार 2 जून 1875 को स्कॉटिश वैज्ञानिक अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने किया था। टेलीफोन के आविष्कार में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने थॉमस वाटसन की मदद ली थी। फिर 7 मार्च 1876 में एलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने अपने नाम से टेलीफोन आविष्कार का पेटेंट कराया और वह टेलीफोन के आविष्कारक बन गए।
इसके अलावा आपको यह भी जानना होगा कि टेलीफोन का आविष्कार अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने किया था, लेकिन अगर आप इसे गूगल पर खोजते हैं, तो आपको 3 और वैज्ञानिकों के नाम भी दिखाई देंगे। जिनमें से पहला नाम एलेक्जेंडर ग्राहम, दूसरा नाम एंटोनियो मुक्की, तीसरा नाम अमोस डोलबियर है।
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल के साथ, टेलीफोन के आविष्कार में कई अन्य नाम शामिल थे, जैसे: चार्ल्स बोउर्सुल, इन्नोसेंज़ो मन्जित्ती, जोहन फिलिप्प राइस, एलिशा ग्रे, अंटोनिओ मुक्की जैसे वैज्ञानिकों ने अपना योगदान दिया है|
टेलीफोन के आविष्कार और आविष्कारक की दिलचस्प कहानी
पहले तो लोगों ने बेल के इस युगांतरकारी आविष्कार पर ध्यान नहीं दिया। इसलिए बेल ने उपकरण के सार्वजनिक प्रदर्शन की तैयारी करने के बारे में सोचा। इस तरह का पहला प्रदर्शन 10 मई, 1876 को बोस्टन में “अमेरिकन एकेडमी ऑफ साइंसेज” के विद्वानों के सामने आयोजित किया गया था। यहां विशेषज्ञों ने उन्हें फिलाडेल्फिया में अमेरिकी स्वतंत्रता के शताब्दी समारोह में अपने यंत्र का प्रदर्शन करने का सुझाव दिया। इस समारोह से बेल को मिली प्रसिद्धि के बारे में हमने शुरू में चर्चा की है। इसके बाद हर तरफ टेलीफोन पर चर्चा होने लगी।
लेकिन टेलीग्राफ कंपनियां टेलीफोन को व्यावसायिक रूप से बाजार में उतारने के लिए तैयार नहीं थी। शायद उन्हें डर था कि टेलीफोन टेलीग्राफ डिवाइस का प्रतिद्वंद्वी न बन जाए। यह देखकर बेल और उनके सहयोगी वाटसन ने फैसला किया कि वे टेलीफोन की उपयोगिता को आम जनता के सामने लाकर ही दम लेंगे।
बेल और वॉटसन ने टेलीफोन को बढ़ावा देने के लिए एक के बाद एक कई सार्वजनिक प्रदर्शन किए। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि लंबी दूरी के संचार उपकरण के रूप में टेलीफोन के महत्व को जनता स्वयं ही समझ जाएगी।
बेल और वॉटसन जल्द ही एक टेलीग्राफ तार के माध्यम से 13 किलोमीटर की दूरी तक आवाज प्रसारित करने में सफल रहे। वह साल के अंत से पहले इस दूरी को 229 किमी तक बढ़ाने में सफल रहे।
लेकिन टेलीग्राफ कंपनियां अभी भी सार्वजनिक उपयोग के लिए टेलीफोन को बढ़ावा देने के लिए तैयार नहीं थीं। यह देखकर बेल ने खुद अपने नाम से एक टेलीफोन कंपनी खोलने का फैसला किया। गौरतलब है कि आज बेल की ऐतिहासिक कंपनी ‘एटी एंड टी’ के नाम से जानी जाती है और दूरसंचार के अपने साधनों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। पिछली सदी में, बेल प्रयोगशालाओं में विशेष रूप से दूरसंचार के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण शोध किए गए हैं। ट्रांजिस्टर का आविष्कार, जिसने इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में क्रांति ला दी, वह भी एक बेल प्रयोगशाला में किया गया था।
बेल द्वारा स्थापित टेलीफोन कंपनी का पहला विज्ञापन 1877 में बोस्टन के समाचार पत्रों में छपा। इस विज्ञापन के द्वारा बेल ने व्यक्ति की बोली को 32 किमी की दूरी तक भेजने की पेशकश की। घरेलू उपयोग के लिए टेलीफोन शुल्क प्रति वर्ष $20 पर सीमित किया गया था, जबकि व्यावसायिक उपयोग के लिए $40 प्रति वर्ष की सीमा तय की गई थी। इस तरह कमर्शियल टेलीफोन सबसे पहले 1877 में बाजार में लोगों के लिए उपलब्ध हुआ।
इस बीच, बेल ने देश भर में टेलीफोन विकसित करने के लिए वेस्टर्न यूनियन टेलीग्राफ कंपनी ऑफ अमेरिका को मनाने की कोशिश की। लेकिन कंपनी ने बेल को यह कहते हुए मना कर दिया कि उसे “इलेक्ट्रिकल टॉय” के उपयोग वाले व्यवसाय में कोई दिलचस्पी नहीं है।
निराश होकर बेल ने अपने जन्म स्थान इंग्लैंड जाकर वहां अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया। और उनकी किस्मत ने वास्तव में यहां चमत्कार किया जब उन्हें जनवरी 1878 में रानी विक्टोरिया के सामने टेलीफोन प्रदर्शन करने का निमंत्रण मिला। बेल द्वारा आविष्कार किए गए उपकरण से प्रभावित होकर, रानी ने शाही महल में दो यंत्रों की स्थापना को मंजूरी दे दी।
बस फिर क्या था! जल्द ही टेलीफोन इंग्लैंड में लोकप्रिय हो गया। जब यह अन्य यूरोपीय शहरों में पहुंचा, तो इसने वहां के लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता फैला दी।
यदि टेलीफोन अन्य देशों में इतना लोकप्रिय हो रहा होता, तो अमेरिका कब तक बचा रहता। अमेरिकियों को टेलीफोन की उपयोगिता साफ दिखाई देने लगी।
धीरे-धीरे टेलीफोन का व्यावसायिक उपयोग बढ़ता गया। इस बीच, बेल के सहयोगी वाटसन ने भी इसे और अधिक उपयोगी और कुशल बनाने के लिए टेलीफोन में कई बदलाव किए थे। प्रारंभ में, एक टेलीफोन कॉल प्राप्त होने पर घंटी नहीं बजती थी। कॉल पाने वाले का ध्यान आकर्षित करने के लिए टेलीफोन में ‘थम्पर’ नामक एक युक्ति हुआ करती था। वाटसन ने पहले इसे एक ‘बजर’ में बदला। और जिसका स्थान अब घंटी ने ले लिया।
धीरे-धीरे यह आविष्कार अमेरिका में भी फैल गया और वर्ष 1880 तक अमेरिका में 49,000 से अधिक टेलीफोन हो गए, जो स्कॉटिश वैज्ञानिक अलेक्जेंडर ग्राहम बेल के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।
इसके अलावा आपको यह भी जानना होगा कि टेलीफोन का आविष्कार अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने किया था, लेकिन अगर आप इसे गूगल पर खोजते हैं, तो आपको 3 और वैज्ञानिकों के नाम भी दिखाई देंगे। जिनमें से पहला नाम एलेक्जेंडर ग्राहम, दूसरा नाम एंटोनियो मुक्की, तीसरा नाम अमोस डॉल्बेयर है।
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल के साथ, टेलीफोन के आविष्कार में कई अन्य नाम शामिल थे, जैसे: चार्ल्स बोउर्सुल, इन्नोसेंज़ो मन्जित्ती, जोहन फिलिप्प राइस, एलिशा ग्रे, अंटोनिओ मुक्की जैसे वैज्ञानिकों ने अपना योगदान दिया है|
एलेक्जेंडर ग्राहम बेल का इतिहास
वैज्ञानिक एलेक्जेंडर ग्राहम बेल का जन्म 3 मार्च 1847 को स्कॉटलैंड में हुआ था। ग्राहम बेल के पिता प्रोफेसर थे जबकि मां गृहिणी थीं। ग्राहम बेल की माँ और पत्नी दोनों ही बहरे थे, शायद यही कारण था कि ग्राहम बेल को ध्वनी विज्ञान में इतनी दिलचस्पी थी। उन्होंने टेलीफोन के आविष्कार के बाद ही प्रसिद्धि मिली। लेकिन उनके अन्य आविष्कारों में मेटल डिटेक्टर, ऑडियोमीटर, फोटोफोन, हाइड्रोफॉइल और एयरोनॉटिक्स शामिल हैं। 2 अगस्त 1922 को मधुमेह के कारण उनका निधन हो गया।
क्या ग्राहम बेल से पहले ही हो गया था टेलीफोन का आविष्कार
हालांकि कई वैज्ञानिक यह भी दावा करते हैं कि ग्राहम बेल से पहले टेलीफोन का आविष्कार कर दिया गया था। उनमें से एक इलिशा ग्रे थे। यह बात 14 फरवरी, 1876 को है, जब इलिशा ग्रे ने अपने आविष्कार का दावा करते हुए पेटेंट कार्यालय में पेटेंट के लिए आवेदन किया था। तब उन्हे पता चला कि कुछ घंटे पहले किसी और ने इस आविष्कार को अपने नाम कर लिया है। जो कोई और नहीं बल्कि एलेक्जेंडर ग्राहम बेल थे। कोर्ट में यह मुकदमा काफी दिनों तक चला और ग्राहम बेल जीत गए। इलिशा ग्रे की हार का सबसे बड़ा कारण यह था कि ग्राहम बेल ने मूल पेटेंट आवेदन प्रस्तुत किये जबकि इलिशा ग्रे ने पेटेंट कैविएट प्रस्तुत किये। पेटेंट कैविएट किसी भी तरह से आविष्कार का दावा नहीं करता है। इसके आविष्कार के बारे में केवल पेटेंट लिखा जाता है। साथ ही कुछ चित्र भी मौजूद होते हैं। पेटेंट कैविएट जमा करने के बाद आपको एक साल का समय मिलता है। इस समय में आपको यह साबित करना होता है कि यह आविष्कार आपका है। इस समय कोई दूसरा व्यक्ति आपके आविष्कार को अपना नहीं बता सकता। हालांकि पेटेंट कैविएट अब काम नहीं करती है। इन सभी कारणों को देखते हुए अदालत ने फैसला किया कि असली आविष्कारक एलेक्जेंडर ग्राहम बेल हैं।
शायद उन्हें डर था कि टेलीफोन टेलीग्राफ डिवाइस का प्रतिद्वंद्वी न बन जाए। यह देखकर बेल और उनके सहयोगी वाटसन ने फैसला किया कि वे टेलीफोन की उपयोगिता को आम जनता के सामने लाकर ही दम लेंगे।
बेल और वॉटसन ने टेलीफोन को बढ़ावा देने के लिए एक के बाद एक कई सार्वजनिक प्रदर्शन किए। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि लंबी दूरी के संचार उपकरण के रूप में टेलीफोन के महत्व को जनता स्वयं ही समझ जाएगी।
बेल और वॉटसन जल्द ही एक टेलीग्राफ तार के माध्यम से 13 किलोमीटर की दूरी तक आवाज प्रसारित करने में सफल रहे। वह साल के अंत से पहले इस दूरी को 229 किमी तक बढ़ाने में सफल रहे।
लेकिन टेलीग्राफ कंपनियां अभी भी सार्वजनिक उपयोग के लिए टेलीफोन को बढ़ावा देने के लिए तैयार नहीं थीं। यह देखकर बेल ने खुद अपने नाम से एक टेलीफोन कंपनी खोलने का फैसला किया। गौरतलब है कि आज बेल की ऐतिहासिक कंपनी ‘एटी एंड टी’ के नाम से जानी जाती है और दूरसंचार के अपने साधनों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। पिछली सदी में, बेल प्रयोगशालाओं में विशेष रूप से दूरसंचार के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण शोध किए गए हैं। ट्रांजिस्टर का आविष्कार, जिसने इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में क्रांति ला दी, वह भी एक बेल प्रयोगशाला में किया गया था।
प्रश्नोतरी
टेलीफोन को हिंदी में क्या कहते हैं?
टेलीफोन को हिंदी में दूरभाष या दूरभाषी यंत्र कहा जाता है।
टेलीफोन का आविष्कार किसने किया किया था?
टेलीफोन का आविष्कार एलेक्जेंडर ग्राहम बेल (Alexander Graham Bell) ने किया था।
टेलीफोन का आविष्कार कब हुआ?
2 जून, 1875 में टेलीफोन का आविष्कार हुआ था।
एलेक्जेंडर ग्राहम बेल की कंपनी का क्या नाम है?
एलेक्जेंडर ग्राहम बेल की ऐतिहासिक कंपनी ‘एटी एंड टी’ के नाम से जानी जाती है।
निष्कर्ष
उम्मीद है की आपको यह जानकारी (टेलीफोन का आविष्कार किसने किया | Telephone Ka Avishkar Kisne Kiya Tha) पसंद आयी होगी। अगर आपको यह लेख (टेलीफोन का आविष्कार किसने किया | Telephone Ka Avishkar Kisne Kiya Tha) मददगार लगा है तो आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें । और अगर आपका इस आर्टिकल (टेलीफोन का आविष्कार किसने किया | Telephone Ka Avishkar Kisne Kiya Tha) से सम्बंधित कोई सवाल है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
लेख के अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद
सच में आपका ब्लॉग बहुत अच्छा है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद