इंटरनेट का आविष्कार किसने किया? | Internet Ka Avishkar Kisne Kiya?

इंटरनेट का आविष्कार किसने किया | इंटरनेट की खोज किसने की: इंटरनेट के आविष्कार ने दुनिया में क्रांति ला दी है। आज इंटरनेट इतना महत्वपूर्ण हो गया है कि अगर एक मिनट के लिए भी इंटरनेट बंद कर दिया जाए तो लाखों करोड़ का नुकसान हो जाता है। इंटरनेट दुनिया भर के लाखों कंप्यूटरों से जुड़ा है। जिसके कारण यह लाखों लोगों को एक-दूसरे से जोड़े रखता है। इंटरनेट से डेटा का आदान-प्रदान होता है।

इंटरनेट अंतरराष्ट्रीय स्तर नेटवर्क के ऊपर काम करता है। जिसके द्वारा यह दुनिया के यूजर्स को आपस में जोड़ता है। वर्ल्ड वाइड वेब को इंटरनेट के लिए सबसे महत्वपूर्ण साधन माना जाता है क्योंकि इसके बिना इंटरनेट का अच्छी तरह से उपयोग नहीं किया जा सकता है। यदि आप कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको वर्ल्ड वाइड वेब की आवश्यकता होगी। इसके बिना कोई जानकारी नहीं मिल सकती है।

और इंटरनेट में प्रवेश करने के लिए एक वेब ब्राउज़र की आवश्यकता होती है। बिना वेब ब्राउज़र के इंटरनेट का उपयोग नहीं किया जा सकता है। वेब ब्राउजर एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसके जरिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है और इंटरनेट का इस्तेमाल दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है।

आज के समय में हम हर रोज इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। इंटरनेट आज के समय में हमारे लिए एक जरूरत बन गया है। क्या आप जानते हैं कि इंटरनेट का मालिक कौन है? इंटरनेट का आविष्कार किसने किया? या इंटरनेट की खोज किसने की?

अगर आप इन सभी सवालों के जवाब ढूंढ रहे हैं तो इन सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिल जाएंगे। सरल भाषा में लिखे गए इस लेख को अंत तक पढ़ें ताकि आपको इसके बारे में पूरी जानकारी मिल सके। तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी।

हम हमेशा इंटरनेट का उपयोग करते हैं, अक्सर यह सवाल खोजने की कोशिश करते हैं कि आखिर इस इंटरनेट की खोज किसने की? और कैसे काम करता है इंटरनेट।

इंटरनेट का आविष्कार किसने किया

Included

  • इंटरनेट क्या है?
  • इंटरनेट का आविष्कार किसने किया
  • सबसे पहले इंटरनेट का प्रयोग किस देश में किया गया था?
  • कब हुआ था इंटरनेट का आविष्कार?
  • इंटरनेट का आविष्कार कैसे हुआ?
  • इसका इतिहास
  • इंटरनेट किसने बनाया?
  • इंटरनेट की खोज किसने की
  • भारत में इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ था?
  • इंटरनेट शब्दावली
  • इंटरनेट का उपयोग कहाँ किया जाता है?
  • प्रश्नोत्तरी

इंटरनेट का आविष्कार किसने किया

इंटरनेट क्या है?

इंटरनेट को लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां हैं। इसलिए सबसे पहले इन सभी को साफ करने की जरूरत है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इंटरनेट कोई वेब नहीं है न ही इंटरनेट एक क्लाउड है। ओर, इंटरनेट कोई चमत्कार भी नहीं है।

फिर इंटरनेट है क्या?

यह सुनने में बहुत आसान लगता है, और हमारे स्मार्टफोन में भी आसानी से चलता है। इसलिए हमने शायद इसे कभी ज्यादा महत्व नहीं दिया। लेकिन मैं आपको बता दूं कि इंटरनेट के पीछे बहुत सारी प्रक्रिया चलती है। तभी हमें इंटरनेट सेवा मिलती है। तो चलिए आसान शब्दों में समझते हैं कि आखिर इंटरनेट क्या है।

इंटरनेट वास्तव में एक तार या वायर है। सच कहूं तो दुनिया भर में बहुत ऐसे तार हैं जो कंप्यूटर से जुड़े हुए हैं।

आप इंटरनेट को एक इंफ्रास्ट्रक्चर मान सकते हैं। यह इंटरकनेक्टेड कंप्यूटरों का एक वैश्विक नेटवर्क है जो एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और एक साथ संचार भी कर रहे हैं, वह भी कुछ निश्चित प्रोटोकॉल के अनुसार मानकीकृत तरीके से।

इंटरनेट का आविष्कार किसने किया

इंटरनेट का प्रयोग सर्वप्रथम 1969 में किया गया था। इंटरनेट का इस्तेमाल सबसे पहले DOD यानी रक्षा विभाग ने किया था। इंटरनेट का उपयोग सबसे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा यूसीएलए और स्टैंडफोर्ड रिसर्च के कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से किया गया था।

इंटरनेट पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए एक नियम बनाया गया था। जिसे टीसीपी या आईपी के नाम से जाना जाता था। इसके बाद पहली बार इस इंटरनेट का इस्तेमाल ब्रिटिश पोस्ट ऑफिस में किया गया।

इस नेटवर्क को 1980 में ARPN यानी एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट और एजेंसी द्वारा लॉन्च किया गया था। इसके बाद 1980 में बिल गेट्स ने IBM के कंप्यूटरों पर माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम लगाने का सौदा किया और इन्टरनेट का सही से इस्तेमाल करने के लिए 1984 में Apple ने पहली बार फ़ाइलों और फ़ोल्डरों, ड्रॉप डाउन मेनू, माउस, ग्राफिक्स का प्रयोग आदि से युक्त “आधुनिक सफल कम्प्यूटर” लांच किया।

और इंटरनेट का सबसे ज्यादा और सबसे आसान इस्तेमाल तब शुरू हुआ जब 1989 में इंटरनेट पर संचार को सरल बनाने के लिए टिम बर्नर ली ने ब्राउज़र, पेज और लिंक का उपयोग करके वर्ल्ड वाइड वेब बनाया और 1998 में गूगल के आने के बाद, इंटरनेट का चेहरा बदल गया है। जिससे आज हम सब अच्छी तरह से वाकिफ हैं।

सबसे पहले इंटरनेट का प्रयोग किस देश में किया गया था?

इंटरनेट की खोज सबसे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग में की गई थी। जिसके बाद इसका इस्तेमाल किया गया। वैसे, खोज के अनुसार, अमेरिका में पहली बार इंटरनेट का उपयोग किया गया था।

कब हुआ था इंटरनेट का आविष्कार?

इंटरनेट की खोज किसने की | इंटरनेट का आविष्कार किसने किया हमने आपको इस संबंध में पर्याप्त जानकारी दी है। लेकिन अब यह जानना भी जरूरी है कि इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ था? क्योंकि वर्तमान समय में हमारे पास इंटरनेट का आधुनिक रूप उपलब्ध है। लेकिन इंटरनेट शुरू से ऐसा नहीं था।

इंटरनेट की शुरुआत 1969 में हुई थी। जब यूसीएल और स्टैनफोर्ड की 2 शोध टीमों ने अपने प्रयोग में लंबी दूरी के 2 कंप्यूटरों के बीच नेटवर्किंग की थी। वैसे, नेबरिंग कंप्यूटर में लॉगिन के दौरान सिस्टम क्रैश हो गया। पर प्रयोग का नेतृत्व करने वाले लियोनार्ड क्लेनरॉक (Leonard Kleinrock) दुनिया के पहले दो-नोड नेटवर्क के निर्माण में कामयाब रहे।

कई लोग इसे इंटरनेट की शुरुआत मानते हैं और कई लोग नहीं। क्योंकि इंटरनेट के आविष्कार का श्रेय मुख्य रूप से विंटन सेर्फ़ और बॉब कान (Vinton cerf & Bob Kahn) को ही जाता है। और उन्होंने 1980 में टीसीपी/आईपी की शुरुआत की। 1 जनवरी 1983 को इंटरनेट का जन्मदिन है। या यूं कहें कि तो इसे इंटरनेट की शुरुआत माना जाता है। क्योंकि इसी दिन टीसीपी/आईपी की स्थापना हुई थी।

इंटरनेट का आविष्कार कैसे हुआ?

इंटरनेट को सरल शब्दों में कम्प्यूटरो का जाल कहते है। जो कई कंप्यूटरों को एक साथ जोड़ने का काम करता है। कंप्यूटर के आने से दुनिया में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में क्रांति आ गई थी। कंप्यूटर का आविष्कार तेजी से फैल रहा था। और रक्षा समेत तमाम विभाग और कारोबार भी इसका इस्तेमाल करने लगे थे।

कंप्यूटर का क्षेत्र लगातार आगे बढ़ रहा था। लेकिन एक ऐसी व्यवस्था की जरूरत थी। जिससे दो या दो से अधिक कंप्यूटर को एक साथ जोड़ा जा सके। ताकि कम्युनिकेशन और डाटा ट्रांसफर अच्छी दूरी से भी संभव हो सके। यह इंटरनेट के आविष्कार की शुरुआत थी।

शायद ये जानकर आपको हैरानी होगी कि इंटरनेट का आविष्कार रक्षा के क्षेत्र से शुरू हुआ। अमेरिकी रक्षा विभाग ने कंप्यूटर को अपनाना शुरू कर दिया था। इसलिए अब उन्हें ऐसी व्यवस्था की जरूरत थी। जिससे कंप्यूटर से डेटा और सूचना को स्थानांतरित किया जा सके। ऐसे में सरकार ने इसके लिए फंडिंग शुरू कर दी है।

इसी फंड की वजह से ARPANET की शुरुआत हुई थी। ARPANET की शुरुआत 19 अक्टूबर 1959 को हुई थी। यह एक ऐसी प्रणाली थी जिसके द्वारा कंप्यूटरों को आपस जोड़ा जा सकता था। लेकिन यह बहुत एडवांस नहीं था। इसमें सुधार हुआ। जब बॉब कान और विंट सर्फ ने टीसीपी/आईपी की स्थापना की। और यहीं से इंटरनेट की शुरुआत हुई।

इसका इतिहास

अगर आप इंटरनेट के आविष्कार को सही तरीके समझना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको इंटरनेट के आविष्कार का इतिहास भी जान लेना चाहिए।

यह जानकर आप निश्चित रूप से हैरान रह जाएंगे। लेकिन इंटरनेट का आविष्कार कहीं न कहीं अमेरिका और रूस के बीच चल रहे युद्ध के कारण ही शुरू हुआ है। समय के साथ, इन दो महाशक्तियों के बीच युद्ध एक प्रतियोगिता में बदल गया था। और दोनों देश टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में खुद को आगे बढ़ाना चाहते थे।

तो मामला कुछ ऐसा था कि रूस और अमेरिका के बीच टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ने की होड़ मच गई। रूस ने दुनिया का पहला उपग्रह स्पुतनिक 4 अक्टूबर 1957 को लॉन्च किया था। रूस की इस उपलब्धि को देखकर अमेरिका हैरान रह गया। क्योंकि वह लंबे समय से सैटेलाइट पर काम भी कर रहे थे।

क्योंकि America को Russia पछाड़ रहा था। इसलिए अमेरिका के प्रेजिडेंट ने एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (Advanced Research Projects Agency) यानी ARPA की शुरुआत की। ताकि विज्ञान और तकनीक के मामले में अमेरिका सबसे आगे हो सके। यह एजेंसी तेजी से अपना विज्ञान विकसित कर रही थी। उस समय कंप्यूटर बहुत बड़े हुआ करते थे। और ऐसा कोई नेटवर्क नहीं था। जिससे उन्हें जोड़ा जा सके।

अरपा को लगा कि ऐसे Network की आवश्यकता है। जो Computer के मध्य कनेक्शन स्थापित कर सकता है। ताकि सूचना व डाटा ट्रांसफर संभव हो सके। इसके बाद ऐसा नेटवर्क बनाने पर काम शुरू हुआ। और इसके लिए एजेंसी ने कुछ कंपनियों की मदद भी ली।

जैसा कि हमने आपको बताया कि 1969 में, लियोनार्ड क्लेनरॉक के नेतृत्व में स्टैनफोर्ड और यूसीएल ने मिलकर एक प्रयोग में सफलतापूर्वक Two Node Network बनाया। ऐसा माध्यम ARPA को मिल चूका था। जिससे कंप्यूटर के मध्य कनेक्शन बनाया जा सके।

बाद में इस नेटवर्क का नाम ARPANET रखा गया। ARPANET को 29 अक्टूबर 1969 को लॉन्च किया गया था। ARPANET भी वह पहला नेटवर्क था। जिसके साथ Packet Switching जुड़ी हुई थी। पैकेट स्विचिंग एक ऐसा तरीका था जिसमें सूचना को डेटा के छोटे पैकेट में अलग करके भेजा जाता था।

लेकिन यहां समस्या डेटा को पैक करने और फिर उसे अनपैक करने की थी। या फिर, फिर से इकट्ठा करना एक भारी काम था। क्योंकि Two Node Network कुछ ही वर्षो में काफी फैल गया था। या यूं कहें कि अर्पानेट पॉपुलर हो गया था। तो ऐसे माध्यम की भी जरूरत थी। जो सभी नेटवर्क को इंटेग्रेट कर सके ।

पैकेट स्विचिंग को आधुनिक बनाने की आवश्यकता थी। और यहां इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) की जरूरत थी। इंटरनेट प्रोटोकॉल डेटा पैकेट स्विचिंग के माध्यम से एक स्वचालन पद्धति में तैयार किया जा सकता है। यहीं से सेर्फ़ और बॉब कान की कहानी शुरू हुई जिन्हें इंटरनेट के आविष्कार के रूप में देखा जाता है।

ARPA के बॉब कान ने Packet Switching को बेहतर बनाने के लिए, या बल्कि, नेटवर्क को एकीकृत करने के लिए एक साधन बनाने पर काम करना शुरू कर दिया। इसके लिए बॉब कान ने स्टैनफोर्स यूनिवर्सिटी के विंटन सेर्फ़ की रिक्रूट किया ।

इसके बाद बॉब कान ने इंटरनेशनल नेटवर्किंग वर्किंग ग्रुप की स्थापना की। जिसमें उनके और सेर्फ़ के साथ एलेक्स मैकेंज़ी, डोनाल्ड डेविस, रोजर स्कैंटलबरी, लुई पॉज़िन और ह्यूबर्ट ज़िमर्मन भी थे। इसके बाद समूह ने प्रोटोकॉल पर काम करना शुरू किया। और अंत में टीसीपी/आईपी सामने आया। जिससे हम आज के आधुनिक इंटरनेट का उपयोग कर पा रहे हैं।

1980 तक Data Trafnsfer के लिए बॉब कान, विंटन सेर्फ़ और उनके ग्रुप ने मिलकर दिशा-निर्देशों का एक सेट तैयार किया। जिसे Transmission Control Protocol (TCP) और Internet Protocol (IP) कहा गया।

टीसीपी डेटा को भेजने से पहले पैकेट में विभाजित कर सकता था। और प्राप्त करने से पहले असेम्ब्ल कर सकता था। यह एक आधुनिक खोज थी। जिससे एक बड़ी समस्या का समाधान हो गया। दूसरी ओर, आईपी ने ट्रिप ऑर्डिनेटर के रूप में काम किया। जिसने सूचना या डेटा की मूवमेंट को प्रारंभ बिंदु से अंत बिंदु तक मैप किया। यह भी एक उन्नत प्रणाली थी।

जहां पहले दो कंप्यूटरों के मध्य एक ही Network स्थापित किया जा सकता था। तो उसी TCP/IP के आने के बाद एक बड़ा वेब स्थापित किया जा सकता है यानी टीसीपी/आईपी के आने के बाद इंटरकनेक्टेड नेटवर्क का एक बड़ा वेब बनाया जा सका। जिसे शॉर्ट फॉर्म में ‘इंटरनेट’ कहा गया।

वैसे, कुछ प्रोटोकॉल जैसे FTP (फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल) और NCP (नेटवर्क कंट्रोल प्रोटोकॉल) TCP/IP से पहले ही स्थापित हो गए थे। लेकिन उनमें से कोई भी उतना सक्षम नहीं था। क्योंकि टीसीपी /आईपी कहीं ज्यादा सक्षम था। इसलिए उनका तेजी से विस्तार हुआ। और इंटरकनेक्टेड नेटवर्क पूरी दुनिया में फैल गया। जिसे बाद में इंटरनेट कहा जाने लगा।

इंटरनेट किसने बनाया?

वैसे तो इंटरनेट बनाने का श्रेय अमेरिका के रक्षा विभाग को ही जाता है, लेकिन आपको उन महान लोगों के बारे में भी पता होना चाहिए। जिनके पास इसे बनाने का दिमाग था। इसका पूरा श्रेय अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक विंटन सेर्फ़ (Vinton cerf) और बॉब कान (Bob Kahn) को जाता है। ये दोनों ही अमेरिका के मशहूर कंप्यूटर वैज्ञानिक थे। जिन्होंने दुनिया को इन्टरनेट से परिचित करवाया।

इंटरनेट की खोज किसने की

वैसे तो हम इंटरनेट का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं और इसके लिए बहुत से लोगों को धन्यवाद देते हैं। लेकिन जब बात आती है इंटरनेट की खोज किसने की, तो सबसे पहले विंटन सेर्फ़ (Vinton cerf) और बॉब कान (Bob Kahn) का नाम आता है।

भारत में इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ था?

दोस्तों अगर हम बात करें कि भारत में इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ था, तो इसके संदर्भ में हम आपको बता दें कि भारत में पहली बार इंटरनेट की सुविधा 14 अगस्त 1995 को शुरू की गई थी। भारत में विदेश संचार निगम लिमिटेड ही वो पहली कंपनी थी। जिसने भारत के लोगों को इंटरनेट दिया था।

देश में पहली बार इस कंपनी ने ब्रॉडबैंड के जरिए कंप्यूटर को कनेक्ट किया था। इस समय शुरुआत में कुछ ही ओग इंटरनेट से जुड़ पाते थे क्योंकि उस समय इंटरनेट की स्पीड बहुत कम थी। फिलहाल यह स्पीड एमबीपीएस में आती है लेकिन शुरुआत में यह स्पीड केबीपीएस या बीपीएस में आती थी।

इंटरनेट शब्दावली

इंटरनेट से जुड़े कुछ सामान्य शब्द जिनका प्रयोग हम अक्सर बोलचाल की भाषा में करते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही शब्द

एफ़टीपी – एफ़टीपी एक सामान्य शब्द है जिसका मतलब है फ़ाइल स्थानांतरण प्रोटोकॉल। इसका उपयोग फाइलों को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है। यह एक मानक नेटवर्क है। इस सॉफ्टवेयर और इस शब्दावली का उपयोग क्लाइंट और सर्वर के बीच डेटा का आदान-प्रदान करने के लिए किया जाता है।

आईपी पता – आईपी का पूरा नाम इंटरनेट प्रोटोकॉल है| आईपी कंप्यूटर का एक पता है जिससे सर्वर के लोकेशन को पहचाना जाता है।

आईएसपी – इंटरनेट की दुनिया में एक और बोलचाल का शब्द आईएसपी है। आईएसपी का पूरा नाम इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है। एक सेवा कंपनी जो यूजर को इंटरनेट एक्सेस करने वाले होस्ट-कंप्यूटर पर एक खाता प्रदान करती है।

लैन – लैन का पूरा नाम लोकल एरिया नेटवर्क है। यह एक ऐसा स्थानीय समूह है जो इंटरनेट की पहुंच एक निश्चित सीमा तक सुनिश्चित करता है। हम हर रोज इस का इस्तेमाल करते हैं लेकिन हम इस शब्द का अर्थ नहीं जानते हैं। हालांकि यह एक सामान्य शब्द है।

इंटरनेट का उपयोग कहाँ किया जाता है?

हम अपने दैनिक जीवन के कामों में इंटरनेट का उपयोग करते हैं जैसे ईमेल भेजना, व्हाट्सएप पर संदेश भेजना या वीडियो कॉल करना आदि। इसके अलावा, इंटरनेट का उपयोग कई जगहों पर किया जाता है।

प्रश्नोत्तरी

इंटरनेट की खोज किसने की

वैसे तो हम इंटरनेट का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं और इसके लिए बहुत से लोगों को धन्यवाद देते हैं। लेकिन जब बात आती है इंटरनेट की खोज किसने की, तो सबसे पहले विंटन सेर्फ़ (Vinton cerf) और बॉब कान (Bob Kahn) का नाम आता है।

सबसे पहले इंटरनेट का प्रयोग किस देश में किया गया था?

इंटरनेट की खोज सबसे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग में की गई थी। जिसके बाद इसका इस्तेमाल किया गया। वैसे, खोज के अनुसार, अमेरिका में पहली बार इंटरनेट का उपयोग किया गया था।

इंटरनेट की शुरुआत भारत में कब हुई थी?

भारत में इंटरनेट सेवाओं की शुरुआत 15 अगस्त 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड द्वारा की गई थी।

भारत में इंटरनेट की शुरुआत कहाँ हुई थी?

भारत में इंटरनेट की शुरुआत कोलकाता में हुई थी। यहां इंटरनेट का सबसे पहला आम इस्तेमाल किया गया।

भारत में इंटरनेट का प्रयोग कब शुरू हुआ?

देश में पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल 15 अगस्त 1995 को किया गया था।

इंटरनेट का फुल फॉर्म क्या है?

इंटरनेट के कई फुल फॉर्म इस समय प्रचलन में हैं। लेकिन अगर हम इसके असली फुल फॉर्म की बात करें तो यह ‘इंटरकनेक्टेड नेटवर्क’ है।

इंटरनेट को हिंदी में क्या कहते हैं?

इंटरनेट को हिन्दी में ‘अंतरजाल’ कहते हैं।

निष्कर्ष

इस लेख में हमने आपको इंटरनेट का आविष्कार किसने किया | इंटरनेट की खोज किसने की और इंटरनेट से जुड़ी कुछ जानकारी के बारे में बताया है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। हमें उम्मीद है कि इस लेख में आपको जो भी जानकारी दी गई है वह आपके लिए बहुत अच्छी और मददगार साबित हुई होगी।

इस लेख के अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद

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