जाने ओटीपी क्या है? और कैसे सुरक्षित हैं ओटीपी 

ओटीपी का फुल फॉर्म वन टाइम पासवर्ड है।

ओटीपी एक सुरक्षा कोड है जो ज्यादातर 6 अंकों का होता है। इसके फुल फॉर्म वन टाइम पासवर्ड से पता चलता है कि इसे सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है।

साथ ही ओटीपी वेरिफिकेशन का एक तरीका है जिससे यह साबित होता है कि आप ही वह काम कर रहे हैं जिसके लिए ओटीपी आ रहा है, कोई और नहीं कर रहा है।

सरल भाषा में कहें तो यह एक ऐसा पासवर्ड होता है जो कंप्यूटर या किसी अन्य डिवाइस पर एक निश्चित समय के लिए वैध रहता है और समय सीमा समाप्त होने के बाद आप इसका उपयोग नहीं कर सकते हैं।

यह मोबाइल पासवर्ड,फेसबुक या गूगल अकाउंट पासवर्ड से बिल्कुल अलग है। इसलिए अगर कभी आपका पासवर्ड चोरी हो जाता है या किसी को आपका पासवर्ड पता चल जाता है तो बिना ओटीपी के वह आपके अकाउंट में लॉग इन नहीं कर सकता क्योंकि ओटीप आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी पर आएगा।

ओटीपी पूरी तरह से सुरक्षित है। और यह सही यूजर की पहचान करता है। राइट यूजर का मतलब उस यूजर से है जिसके पास ओटीपी एक्सेस करने का अधिकार है। या कहें कि जिसके पास रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर है।

सुरक्षा के लिहाज से ओटीपी हर बार रैंडम्ली जेनरेट होता है। यानी अगला ओटीपी क्या होगा, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।

इसके अलावा ओटीपी टाइम बेस्ड और इवेंट बेस्ड होता है। और केवल एक बार इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में इसका दुरुपयोग करना लगभग नामुमकिन है।