कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें और क्या नहीं?

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर को है।

मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान व दान करने से सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है।

शास्त्रों के अनुसार, पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है। इस दिन अन्न, दूध, फल, चावल, तिल और आवंले का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

कार्तिक पूर्णिमा पर देव दिवाली भी मनाई जाती है। ऐसे में इस दिन पवित्र नदी या फिर देव स्थान पर जाकर दीपदान करना चाहिए। मान्यता है कि इससे देवता प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन की समस्याओं का अंत होता है।

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कार्तिक पूर्णिमा तिथि उत्तम मानी जाती है। ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी स्तुति का पाठ करना चाहिए।

कार्तिक पूर्णिमा पर क्या न करें - कार्तिक पूर्णिमा के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन जैसे मांस, मदिरा, अंडा, प्याज, लहसुन इनका प्रयोग नहीं करना चाहिए।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव की कृपा पाने के लिए इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। हो सके तो भूमि पर शयन करें।

इस दिन घर में किसी भी प्रकार का झगड़ा नहीं करना चाहिए।

 कार्तिक पूर्णिमा के दिन गरीब, असहाय, बुजुर्ग या फिर किसी से कटु वचन नहीं बोलें और न ही किसी का अपमान करें।