अपनी पुरानी गलतियों पर पछताने की जगह उनसे सीख लेने का प्रयास करें। बीती बातों से पछताने से अच्छा है गलतियों से सबक लेकर भविष्य को सुधारें।
कभी भी धन के मोह में न पड़ें। ऐसा धन किसी काम का नहीं जो ज्यादा तकलीफ सहने, दुश्मन की चाटुकारिता करने से मिले। इस प्रकार के धन का लालच न करें।
यदि आप गुणों से परिपूर्ण हैं और योग्य हैं तो आपको किसी के अधीन रहने की आवश्यकता नहीं है। आपके गुण और योग्यता लोगों तक स्वतः ही पहुंच जाएगी।
खुद की गलतियों से सीखना अच्छी बात है लेकिन कभी कभी । आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमेशा दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए।
किसी भी प्रकार के भय से भयभीत न हों। अगर भय आपके करीब आता है तो उससे भागना नहीं चाहिए बल्कि उसका पूरी हिम्मत के साथ सामना करना चाहिए।