एक बार ही होते हैं ये काम, बार-बार दोहराने से होती है हानि

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार ज्यादातर लोगों को सख्त और कठोर लगते हैं, लेकिन उनकी बातें जीवन का वास्तविक सत्य हैं। 

 आचार्य चाणक्य के अनुसार, राजा एक ही बार आज्ञा देते हैं, पंडित एक ही बार बोलते हैं और कन्या भी एक ही बार विवाह के समय दान में दी जाती है। 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सरकार एक ही बार आज्ञा देती है और उसका आदेश कानून का रूप ले लेता है।

जिसपर प्रजा को हर हाल में पालन करना ही पड़ता है।

पंडित लोग भी किसी आयोजन में एक बार ही श्लोक बोलते हैं। 

इसी प्रकार कन्या का विवाह भी एक ही बार होता है और कन्या का दान भी पिता एक बार ही करता है। 

आचार्य चाणक्य का कहना है कि ये ऐसे कार्य हैं, जो केवल एक बार ही होते हैं। इनको बार-बार नहीं दोहराया जाता। 

इनके संबंध में निश्चय बदलने से बात हल्की पड़ जाती है और उसका प्रभाव कम हो जाता है। 

इससे हानि होती है और समाज में अपयश प्राप्त होता है।