बेटी के लिए सुयोग्य वर की तलाश कर उसका विवाह करना पिता के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होती है। बेटी का विवाह करके पिता अत्यंत सुख का अनुभव करता है।
लेकिन यदि बेटी विधवा हो जाए तो माता-पिता के लिए ये जीवन का सबसे बड़ा दुख होता है।
स्त्री हो या पुरुष यदि उसका स्वभाव अच्छा नहीं है। वो झगड़ालू प्रवृत्ति का है, तो उसके जीवनसाथी की जंदगी नर्क के सामान बन जाती है।
यदि कोई व्यक्ति शराबी है और काम धाम नहीं करता तो उसकी पत्नी और बच्चों का जीवन नर्क के समान हो जाता है।
कहा जाता है कि पुत्र को पिता की बुढ़ापे की लाठी होता है, लेकिन यदि पुत्र मूर्ख हो तो वो जीवन भर माता-पिता पर बोझ के समान बन जाता है।