सांप, शेर, बाज और गधे के ये गुण न करने देंगे बाल भी बांका

सांप- चाणक्य नीति में बताया गया है कि कभी किसी के सामने अपनी कमजोरी को उजागर नहीं करना चाहिए। सांप के पैर नहीं होते हैं। इस वजह से वो रेंगकर चलता है और शिकार करता है। 

 लेकिन पैर नहीं होने के बावजूद सांप कहीं से कमजोर नहीं दिखाई देता है। रेंगने को सांप ने अपनी मजबूती बना लिया।  सांप की तेजी और जहर के डर से उसको देखते ही लोग कांपने लगते हैं। 

शेर - चाणक्य नीति के मुताबिक, शेर से हम एकाग्रता का गुण सीख सकते हैं। कोई काम छोटा हो या बड़ा, शेर उसको बहुत एकाग्र भाव से करता है। वह कभी भी आलस नहीं करता है। 

हमें किसी भी काम को छोटा या बड़ा नहीं समझना चाहिए। शेर का ये गुण सीखकर हम कामयाबी पा सकते हैं। 

बाज- चाणक्य नीति के अनुसार, बाज से हमें लक्ष्य से नहीं चूकने का गुण सीखना चाहिए।  बाज कभी भी अपने लक्ष्य से नहीं चूकता है। वह कभी भी जल्दबाजी में फैसला नहीं करता है। 

परिस्थिति चाहे जैसी भी हो, सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए।  जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। 

गधा -  चाणक्य नीति में ये भी बताया है कि हमें गधे की तरह बिना किसी लक्ष्य के मेहनत नहीं करनी चाहिए। 

अपने लक्ष्य का निर्धारण जरूर करें। इससे आपकी प्रतिभा में निखार आएगा वरना जिंदगी भर दूसरों की गुलामी करनी पड़ेगी।