चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति कितना भी अमीर क्यों ना बन जाए, उसे अपने पुराने दिन नहीं भूलना चाहिए।
उसे उन मुश्किल दिनों से सबक लेना चाहिए और हमेशा विनम्र रहना चाहिए। वरना फिर से गरीब होने में देर नहीं लगेगी।
व्यक्ति अमीर हो या गरीब उसे हर हाल में विनम्र रहना चाहिए।
पैसा आने के बाद बोलचाल और रवैये में बदलाव उसे फिर से कंगाल कर सकता है।
कड़वा बोलने वाले, दूसरों का अपमान करने वालों से मां लक्ष्मी हमेशा नाराज रहती हैं।
अहंकार से हमेशा दूर ही रहें। अहंकार ने भगवान शिव के परमभक्त और सबसे शक्तिशाली रावण तक को बर्बाद कर दिया था।
मां लक्ष्मी की कृपा पाना है तो अहंकार कभी ना करें।
चाणक्य नीति कहती है कि बुरी आदतें व्यक्ति को बहुत तेजी से बर्बाद करती हैं।
नशा, जुआ, अयैय्शी जैसी आदतों के चक्कर में व्यक्ति दिन-रात पैसा लुटाता है। ऐसा व्यक्ति करोड़पति भी हो तो उसे सड़क पर आने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है।
जब तक उसे इस बात का अहसास होता है, वह पैसे-पैसे का मोहताज हो चुका होता है।