जीवन में इन चीजों पर टिका है व्यक्ति का भविष्य

आचार्य चाणक्य के अनुसार, आचरण व्यक्ति के कुल का प्रतिबिम्ब है। व्यक्ति की बोली उसके देश का परिचय देती है। आदर-सत्कार से व्यक्ति के प्रेम भावना का और शरीर से व्यक्ति के आहार का पता चलता है।

आचार्य चाणक्य यह बताना चाहते हैं कि व्यक्ति को अपना आचरण सरल और मधुर रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे उसकी कुल की प्रतिष्ठा भी जुड़ी हुई है।

साथ ही उसे अपनी बोली या मातृभाषा का भी ज्ञान होना चाहिए। इससे उसके देश का नाम जुड़ा हुआ है।

इसलिए विदेशों में निवास करते हुए भी व्यक्ति को अपनी मातृभाषा नहीं त्यागनी चाहिए।

आचार्य आगे बता रहे हैं कि व्यक्ति किस प्रकार से अपने बड़ों और अपने से निचले वर्ग के लोगों से व्यवहार करता है इसका भी जीवन पर अधिक प्रभाव पड़ता है।

इससे यह ज्ञात होता है कि उसमें प्रेम कितना है या क्या वह सम्मान या प्रेम के लायक है या नहीं।

इसके बाद चाणक्य नीति में बताया गया है कि व्यक्ति को हमेशा स्वस्थ आहार जरूर लेना चाहिए। यह स्वस्थ जीवन के लिए सबसे उपयोगी है।