चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को उसके गुणों के आधार पर परखना चाहिए. घमंड, स्वार्थ से परिपूर्ण इंसान कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए।
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ऐसे लोग गलत बात नहीं सुन सकते, वो बराबरी से जवाब देते हैं। लोगों के सामने स्पष्ट शब्दों में अपनी बात रखें अगर वो अपना हुआ तो समझ जाएगा, नहीं तो मुंह मोड़ लेगा।
वहीं जो इंसान दुख के समय आपके साथ न खड़ा हो ऐसे लोगों से फौरन दूरी बना लें, क्योंकि अपनों की पहचान संकट के समय ही होती है।
जिनका आचरण यानी की जो मन में दूसरों के प्रति गलत भावना नहीं रखते वो सदैव आपको धोखा नहीं दे सकते।
जो लोग दूसरों के लिए गलत सोचते हैं, उनके कर्म भी वैसे ही होते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए किसी के साथ भी छल कर सकता है।