स्वार्थी व्यक्ति हमेशा अपने बारे में सोचते हैं। ऐसे लोग अपने स्वार्थ के आगे कभी किसी का दर्द नहीं समझते। इसलिए हमेशा ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए।
चाणक्य नीति के अनुसार, चोर कभी किसी के दुख और दर्द को नहीं समझते हैं। वे ये नहीं समझते हैं कि इस चोरी के बाद किसी का कितना नुकसान होगा।
वे सिर्फ चोरी पर ध्यान देते हैं। चोर प्रवृत्ति के व्यक्ति को किसी की परिस्थिति या दुख से उन्हें कोई मतलब नहीं होता है।
चाणक्य नीति के अनुसार राजा, शासन या प्रशासन किसी भी व्यक्ति के दुख और भावनाओं को नहीं समझ सकते हैं। वे हमेशा नियम और सबूत के आधार पर कोई भी फैसला लेते हैं।
इस संसार का नियम है कि जो व्यक्ति दुनिया में आया है उसे एक दिन जाना ही होगा।