इन 4 चीजों में संकोच न करने वाले व्यक्ति रहते हैं खुश 

आचार्य चाणक्य ने बेहतर व सुखमय जीवन जीने के लिए कई सूत्र दिए हैं। चाणक्य के इन सूत्रों पर पर भी बहुत से लोग भरोसा करते हैं और इनका अध्ययन करते हैं।

कहा जाता है कि आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र में बताई गई सभी नीतियों को अपनाना काफी मुश्किल होता है।

चाणक्य ने ऐसी ही नीतियों में शर्म-संकोच को लेकर कुछ नियम बताएं जिन्हें जानना काफी दिलचस्प हैं और अपनाने पर अच्छा भी रह सकता है।

चाणक्य ने एक नीति में एक श्लोक के जरिए 4 चीजों का जिक्र किया गया है जहां पर संकोच नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं कौन सी हैं वे चार चीजें जहां शर्म न करने से फायदा रहता है।

धन व संसाधनों के प्रयोग में किसी प्रकार संकोच नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही विद्या ग्रहण करने में भी संकोच नहीं करना चाहिए।

यदि आप कहीं विद्या अध्ययन के लिए गए हैं और किसी प्रश्न को लेकर कुछ शंका है तो वहां अपने शिक्षक या सीनियर से इस संबंध में जरूर पूछना चाहिए।

यानी पढ़ाई-लिखाई के मामले में संकोच नहीं करना चाहिए।

इसके साथ ही इंसान को भोजन के मामले में भी संकोच नहीं करना चाहिए।

इसी प्रकार से जीवन दिनचर्या जैसे नींद आने या किसी को कुछ कहना हो तो संकोच नहीं करना चाहिए।

कहा जाता हे किसी काम-धंधे पर भी संकोच नहीं करना चाहिए।