शांत स्वभाव - आचार्य चाणक्य ने बताया है कि एक शांत स्वभाव वाली महिला लक्ष्मी स्वरुपा है। ऐसी महिला के घर में होने से घर की सुख-शांति बनी रहती है। परिवार खूब तरक्की करता है।
ऐसी महिला पुरुष को प्रगति के पथ पर ले जाती है और एक शांत पत्नी ही एक शांत मां बनती हैं और अपने बच्चों में भी ये ही गुण लाती है।
शांत वातावरण के बीच बच्चों का मानसिक विकास तेजी से होता है। ऐसे बच्चे ज्यादा एक्रागचित होते हैं और पढ़ाई में अव्वल रहते हैं।
शिक्षित और संस्कारी - आचार्य चाणक्य ने बताया है कि शिक्षित, संस्कारी और गुणवान महिला पति के लिए वरदान से कम नहीं है, साथ ही ऐसी मां अपनी सन्तान को अच्छे संस्कार देती हैं, जिससे समाज को फायदा होता है।
ऐसी स्त्री आत्मविश्वास से भरपूर होती है। ये सत्य को बताने से कभी पीछे नहीं हटती , ऐसे मां और पत्नी परिवार या बच्चों के लिए जो भी फैसला लेती है वो बिल्कुल सटीक होता है।
मधुर वाणी - आचार्य चाणक्य ने बताया है कि मृदुभाषी स्त्री अपने पति के जीवन को तो स्वर्ग बनाती ही हैं, ऐसी स्त्री जब मां बनती है तो ये गुण नैसर्गिक रुप से उसकी सन्तान में भी आ जाता है।
ऐसे बच्चे अच्छे वक्ता बनते हैं और हर क्षेत्र में अपनी वाणी से नाम कमाते हैं। इन लोगों को हर कोई पसंद भी करता है। मृदुभाषी स्त्री और मां अपनी बातों से दुख में भी मिठास घोल देने की क्षमता रखती हैं।
सीमित इच्छा - हालात के अनुरूप व्यवहार और इच्छाएं रखने वाली स्त्री, पत्नी और ससुराल के लिए सपने से कम नहीं होती। ऐसी मितव्ययी और संतुष्ठ मां, बच्चों को भी ये गुण देंगी और उन्हे भी हर हालात का सामना करने की क्षमता देती है।
ऐसी स्त्री पति के लिए भाग्यशाली होती है, तो ऐसी सुपर मॉम बच्चों को भी सुपर किड बना देती हैं।