इन 7 पर कभी भूलकर भी न लगाए पैर

हिंदु धर्म में अग्नि को बहुत शुद्ध माना जाता है। चाणक्य के अनुसार अग्नि को देवता माना जाता है और देवता तुल्य माना जाता है। 

कुछ भी शुभ कार्य करते समय अग्नि को साक्षी मानकर वचन लिया जाता है।  अगर गलती से भी अग्नि में पैर लग जाए तो छूकर माफी मांग लें।  

चाणक्य नीति के अनुसार इंसान को कुंवारी कन्या को भूलकर भी पैर नहीं लगाना चाहिए।  कुंवारी कन्या को देवी के तुल्य समझा जाता है। 

इसलिए कन्या को अपना पैर कभी ना छूने दें और अगर गलती से पैर लग जाए तो तुरंत माफी मांग लें।  ऐसा ना करने पर आप संकट में पड़ सकते है। 

हिंदु धर्म के अनुसार गुरु को माता-पिता से भी बढ़कर माना गया है | गुरु का हमेशा सम्मान और आदर करना चाहिए और उनके पैर हमेशा छूने चाहिए। 

जो लोग गुरु का आदर नहीं करते और उनका अपमान करते है उनका सर्वनाश जाता है।  गुरु को गलती से भी कभी पैर ना लगाए। 

हिंदु धर्म में ब्राम्हण का बहुत महत्व बताया गया है।  समाज में ब्राम्हण का दर्जा बहुत ऊपर है और इसलिए ब्राम्हणों को कभी भी पैर नहीं सगाना चाहिए। अगर आपसे गलती से पैर लग गए हो तो तुरंत माफी मांग लें।

घर के बड़े-बुजुर्गों का हमेशा सम्मान करना चाहिए।  बुजुर्गों का हमेशा सम्मान करना चाहिए और उन्हें गलती से भी पैर ना लगाएं।  जिस घर में बड़ो का आदर नहीं होता उस घर में सुख समृद्धि नहीं होती है।

चाणक्य की नीतिशास्त्र के अनुसार हिंदु घर्म के अनुसार शिशु को भगवान का रूप माना जाता है।  बच्चों का पैर छुना चाहिए और अपना पैर कभी ना लगने दें।

हिंदु धर्म में गाय को माता का रूप माना गया है। गाय के दूध को बहुत शुद्ध माना गया है।  गाय के गोबर के उपले बनाकर इसे खाना बनाने में उपयोग किया गया जाता है। गाय को कभी भी पैर नहीं लगाना चाहिए।  अगर गलती से पैर लग जाए तुरंत माफी मांग लें।