स्त्री और पुरुष हमेशा अकेले में ही करे ये काम

कभी भी एक साथ ना करें तपस्या - आचार्य चाणक्य ने बताया है पुरुष और महिला को किसी भी तरह की तपस्या हमेशा अलग-अलग करनी चाहिए और ऐसा नहीं करने पर ध्यान भटकता है।

चाणक्य नीति के अनुसार, अगर आपको तपस्या के माध्यम से लक्ष्य हासिल करना है तो कभी भी स्त्री-पुरुष एक-साथ तपस्या नहीं करनी चाहिए। 

अलग-अलग करें पढ़ाई चाणक्य नीति के अनुसार, दो या दो से ज्यादा लोग अगर एक-साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं तो इससे ध्यान भटकता है। 

इसलिए कभी भी ज्यादा लोगों को एक साथ बैठकर पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। 

ऐसे में अगर ठीक से पढ़ाई करनी है तो स्त्री और पुरुष को अलग-अलग बैठकर पढ़ाई करनी चाहिए। 

एक-दूसरे के सामने ना बदले कपड़े - चाणक्य नीति के अनुसार, पुरुष और महिला को कभी भी एक-दूसरे के सामने कपड़ा नहीं बदलना चाहिए। 

 इसके साथ ही आचार्य चाणक्य ने बताया है कि ऐसी महिला या लड़की को कभी भी भूलकर नहीं देखना चाहिए, जो अपने कपड़े बदल रही हो या ठीक कर रही हो। 

हमेशा साथ मिलकर करना चाहिए ये काम - आचार्य चाणक्य के अनुसार, कभी भी किसी से लड़ाई या झगड़ा नहीं करना चाहिए। लेकिन जब ऐसी स्थिति आ जाए तब किसी से लड़ने के लिए कभी अकेले में नहीं जाना चाहिए।

किसी भी लड़ाई में उसकी जीत होती है, जिसकी संख्या ज्यादा होती है। इसलिए, कभी भी किसी से लड़ाई करने जाने पर अधिक से अधिक लोगों को लेकर जाएं।