गधे से सीखें सफल बनने के 3 आवश्यक गुण

आचार्य चाणक्य बता रहे हैं कि एक व्यक्ति को विद्वान और सफल होने के लिए गधे से तीन गुण सीखने चाहिए। 

जब एक गधा बहुत थक जाता है तब भी वह बोझ उठाता है और वह कभी भी सर्दी या गर्मी नहीं देखता है। साथ ही वह प्रतिदिन संतुष्ट होकर घूमता रहता है।

यह तीन गुण व्यक्ति को गधे से सीखनी चाहिए।

पहला गुण यह है कि जिस तरह गधा पूरा दिन काम करने के बावजूद भी बोझ उठाता है। ठीक उसी तरह व्यक्ति को भी किसी कार्य में आलस्य न करते हुए अपने कार्य को लक्ष्य तक पहुंचाना चाहिए।

साथ ही उसे हर समय कुछ नया करने का प्रयत्न करते रहना चाहिए।

दूसरा गुण चाणक्य नीति में यह बताया है कि जिस तरह एक गधा सर्दी या गर्मी को न देखे अपना कार्य एक एक समान उर्जा से करता है।

ठीक उसी प्रकार एक व्यक्ति को सभी परिस्थितयों में एक समान और सकारात्मक रहना चाहिए। ऐसे ही व्यक्ति को श्रेष्ठ और विद्वान कहा जाता है।

इसके साथ तीसरा गुण यह है कि जिस तरह गधा हर समय संतुष्ट रहता है, ठीक उसी तरह व्यक्ति को जितना उसके पास साधन है उतने में ही संतुष्ट रहना चाहिए।

ऐसा इसलिए क्योंकि अधिक की लालसा में व्यक्ति गलत मार्ग भी अपना सकता है।