आपके जान का दुश्मन बन सकती हैं ये चार परिस्थितियां, हमेशा रहें दूर

चाणक्य ने कुछ ऐसी परिस्थितियों के बारे में भी बताया है जब मनुष्य की साहस दिखाने बजाय पीछे हट जाना चाहिए। 

क्योंकि ऐसे समय में साहस काम नहीं आता। चाणक्य नीति के अनुसार, इन परिस्थितियों का सामना करने वाले बुरे फंस सकते हैं।

आइए जानते हैं कौन से वो चार हालात हैं जब व्यक्ति को उसका सामना करने के बजाय पीछे लौट जाना चाहिए...

दि कोई अपराधी व्यक्ति आपके पास आकर खड़ा हो या आपसे मदद मांगे तो उस जगह से आपको तुरंत हट जाना चाहिए।क्योंकि इससे आपके मान-सम्मान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और छवि भी खराब हो सकती है।

यदि आपका दुश्मन आप पर हमला कर दे, तो उससे लड़ने के बजाय वहां से भागने में ही भलाई है, क्योंकि वो पहले से रणनीति करके आया होगा और आप बिना रणनीति के उसका सामना नहीं कर पाएंगे। जान बचेगी तो आप उससे दोबारा मुकाबला कर सकते हैं।

यदि कहीं हिंसा भड़क जाए, दंगे हो जाएं तो व्यक्ति को उस जगह से तुरंत भाग जाना चाहिए। अक्सर उपद्रव में भीड़ बेकाबू हो जाती है और कभी भी हमला कर सकती है। ऐसे में वहां से जान बचाकर भागने में ही समझदारी है।

जिस जगह की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई हो, वहां के लोगों को खाने-पीने, रहने के संसाधनों के लिए तरसना पड़ रहा हो वहां से निकल जाना बेहतर होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसी जगह ज्यादा दिन तक रुकने से आपके साथ आपके परिवार को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।