चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति दूसरों की खुशी देखकर दुखी होता है, वह जीवनभर अकेला ही रहता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दिमाग से ही पूरा शरीर कंट्रोल होता है। जिस व्यक्ति का दिमाग काबू में नहीं रहता तो उसका मन व शरीर भी किसी काम को सही से नहीं कर पाता है।
अपने दिमाग को कंट्रोल न करने वाले व्यक्ति का दिमाग चंचल होता है और ऐसे में वह किसी काम पर सही से फोकस नहीं कर पाता। यह व्यक्ति की असफलता में सबसे बड़ा अवगुण है।