चाणक्य कहते हैं पति पत्नी का रिश्ता बहुत नाजुक होता है। अगर दोनों के बीच किसी तरह की गलतफहमी आ जाए तो ये कच्ची डोर टूट जाती है।
चाणक्य के अनुसार दिमाग को संतुलित करने का सलीका जिसे नहीं आता वो जिद पर उतर आता है और सिर्फ अपनी ही बात को सही मानता है। सिर्फ आप ही सही हैं ये सोच इंसान को कहीं का नहीं छोड़ती।
जब रिश्तों में बातों में मुकाबला या नीचा दिखने की होड़ लग जाए तो दोनों जीत जाते है और रिश्ता हार जाता है। एक दूसरे को चोट पहुंचें के लिए आकर कई बार पति अपत्नी ज़ुबानी जंग का इस्तेमाल करते हैं।
लेकिन जब मामला सहनत होता है तो उन्हें बाद में अभूत ज़्यादा पछतावा होता है। इसलिए बात करते समय हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि आपने पति या पत्नी को आपकी कोई बात बुरी न लगे।