धन के मामले में मान लें आचार्य की ये कीमती सलाह

बर्बादी नहीं बचत करना सीखें - चाणक्य कहते हैं कि रिश्तों के साथ पैसों की भी कदर करें, क्योंकि ये दोनों ही कमाना मुश्किल हैं और गवाना आसान।

पैसों का दिखावा करने के चक्कर में धन की बर्बादी न करें, जो व्यक्ति अनावश्यक खर्च न करे बचत पर ध्यान देता  है मां लक्ष्मी उस पर मेहरबान रहती हैं। 

जीवन सरल और सुखमय बीतेगा। बुरे वक्त में यही बचत आपको संकटों से बचाएगी। 

परिवार में प्रेम - जिस परिवार में एकता हो, आपसी प्रेम बना रहे वहां देवी लक्ष्मी सदा निवास करती है।

बड़ों का सम्मान और महिलाओं को जहां आदर होता है उन घरों में कभी धन की कमी नहीं होती। पूरा परिवार खुशहाल जीवन जीता है। 

चाणक्य कहते हैं कि रिश्तों में कभी पैसा नहीं आना चाहिए, क्योंकि रिश्तों की तुलना जब भी पैसों से होती है वहां दरार आना तय है। 

ये दरार कड़वाहट में बदल जाती है और क्लेश होने लगता है। देवी लक्ष्मी सिर्फ वहीं विराजमान होती है जहां सुख-शांति का माहौल हो। 

अहंकार से दूर रहें - मां लक्ष्मी को बहुत चंचल माना गया है। चाणक्य के अनुसार जो धन का अहंकार करते हैं वह बहुत जल्द कंगाली की कगार पर आ जाता है।

कहते हैं कि सब कुछ जीता जा सकता है संस्कार से लेकिन जीता हुआ भी हारा जा सकता है अहंकार से। धन का सम्मान ही मां लक्ष्मी की कृपा दिलाता है। 

कमाई का तरीका - पैसों के पीछे कभी न भागें। ईमानदारी और मेहनत से की गई कमाई लंबे समय तक फायदा पहुंचाती है।

चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति अपनी कमाई का कुछ हिस्सा दान-पुण्य के कार्य में लगाया है उसे कभी किसी के सामने हाथ फैलाने की जरुरत नहीं पड़ती।