बुराई में से ढूंढ ले अच्छाई - चाणक्य नीति कहती है कि वही व्यक्ति जीवन में सफल होता है जो बुराई में से भी अच्छाई ढूंढने की कला रखता है।
साथ ही उन अच्छाइयों को अपने जीवन में उतारने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। यह सोच व्यक्ति को ऊंचाइयों पर ले जाती है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि कोई कीमती चीज गंदगी में भी पड़ी हो तो उठा लें।
उदाहरण के लिए सोना या हीरा गंदगी में भी पड़ा हो तो उसे उठा लें क्योंकि गंदगी में पड़े होने के बाद भी उसका मूल्य कम नहीं होता है।
वहीं जीवन में कभी दुष्ट व्यक्ति और सांप में से किसी एक को चुनने की स्थिति बन जाए तो सांप को चुनें।
क्योंकि सांप आपको तभी नुकसान पहुंचाएगा जब आप उसे सताएंगे या उसके जीवन को कोई खतरा हो।
वहीं दुष्ट व्यक्ति अपने दुष्टता भरे स्वभाव के कारण आपको बिना किसी कारण के भी नुकसान पहुंचा सकता है।
चाणक्य नीति कहती है कि यदि किसी दुष्ट परिवार में भी गुणी कन्या हो तो उसे अपने घर की बहू बनाने में संकोच न करें।
लड़की के परिवार की बजाय उसके गुणों को देखें क्योंकि गुणी कन्या अपने संस्कार-व्यवहार से घर को स्वर्ग बना देगी।