बने बुरे रहे बेशर्म, सलाम ठोकेगी ये दुनिया

हमेशा ये जताओं की आपके साथ बुरा किया तो बुरा होगा - सिंकदर को धूल चटाने वाले चंद्रगुप्त मौर्य के गुरू, आचार्य चाणक्य के मुताबिक कभी भी अपनी हैसियत के नीचे के लोगों से दोस्ती ना करें, क्योंकि बुरा वक्त आने पर ये लोग साथ नहीं दे पाएंगे और आपकी मनोदशा को खराब कर देंगे। 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर आपको अपनी हैसियत के नीचे के लोगों से दोस्ती करनी भी हो, तो तभी करें जब आपका स्वार्थ सिद्ध हो रहा हो, क्योंकि वास्तविक जीवन की सच्चाई ये ही हैं। 

अपने से ज्यादा हैसियत वाले लोगों से भी दोस्ती ना करें, ऐसा करने पर आप पूरा वक्त उनके बराबर दिखने की कोशिश में निकाल देंगे और वक्त को बर्बाद करेंगे। 

ऐसे लोग भी जरूरत पर काम नहीं आते। ये लोग भी स्वार्थ के लिए ही आपके साथ जुड़े होते हैं।

मूर्खों से बहस ना करें और अगर करनी भी पड़े तो बहस के दौरान बस हां कर दें. बहस से जीत या हार में से कोई एक परिणाम सामने आयेगा। अगर आप जीत भी गये तो हासिल कुछ नहीं होगा, लेकिन मूर्ख खुद को अपमानित महसूस करेगा और दुश्मन बन जाएगा। 

अगर आप ध्यान दें तो, आपके बोलने की वजह से ही आपकी जिंदगी में 70-80 फीसदी परेशानी आती है।  तो बेकार की बहस और बेकार की बातें बोलने से बचें। 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कोई दोस्त नहीं होता, सिर्फ स्वार्थ के चलते दो लोग साथ रहते है और दोस्ती करते हैं।  इसलिये अपने सीक्रेट किसी को ना बताएं। 

दोस्ती अगर दुश्मनी में बदली तो आपके बताये सीक्रेट ही आपको नुकसान पहुंचाएंगे और दोस्त बने दुश्मन के सामने आप नत मस्तक हो जाएंगे।