आचार्य चाणक्य ने बताया अच्छे पुत्र के ये है गुण

वर्तमान समय में भी अनगिनत युवा आचार्य चाणक्य को अपना गुरु एवं मार्गदर्शक मानकर उनकी नीतियों का पालन कर रहे हैं।

आचार्य चाणक्य ने कई नीतियों को प्रकृति के उदाहरण से भी कई महत्वपूर्ण गुणों को समझाया है।

चाणक्य नीति में बताया गया है कि जैसे एक सूखे हुए वृक्ष में आग लग जाने से सारा जंगल नष्ट हो जाता है।

ठीक उसी प्रकार समस्त कुल में कितने ही विद्वान क्यों न हो, लेकिन एक कुपुत्र के कारण समस्त कुल का नाम नीचा हो जाता है।

इसलिए सभी को सदमार्ग पर चलते हुए कार्य करना चाहिए और विद्या व सद्गुणों का त्याग कभी नहीं करना चाहिए।

तो व्यक्ति पाप करके कार्य करता है। न केवल समाज में बल्कि उसे भगवान के चरणों में भी शरण नहीं मिलता है।

आचार्य चाणक्य ने बताया है कि जिस तरह एक मात्र चंद्रमा पृथ्वी पर उजाला कर देता है, ठीक उसी प्रकार एक गुणी एवं विद्वान पुत्र से कुल का नाम ऊंचा हो जाता है।

इसलिए एक पुत्र को सदैव अपने कुल एवं समाज के प्रतिष्ठा को ध्यान में रखकर ही कार्य व निर्णय लेना चाहिए।

जो व्यक्ति निष्कलंक कार्य करता है उसके माध्यम से समस्त कुल को भी ख्याति प्राप्त होती है।