तरक्की की राह में रोड़ा है व्यक्ति की 4 आदतें

बुराई और बुरी संगत - चाणक्य कहते हैं कि बुरी संगत व्यक्ति को पतन के रास्ते पर ले जाती है और बुराई करने वाला इंसान कभी सम्मान का पात्र नहीं बन पाता। बुराई करना बुरे कार्यों की श्रेणी में आता। 

बुराई वही करता है जो लोगों को ईर्ष्या, द्वेष की भावना से देखता हो, जो अहंकार से परिपूर्ण हो, ये आदतें व्यक्ति की तरक्की की राह में बाधा बनती हैं। 

धन का गलत इस्तेमाल - गलत कार्यों में धन का उपयोग करना, दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए जो व्यक्ति पैसों का गलत तरीके से इस्तेमाल करता है उसकी तरक्की भी रुक जाती है।

दूसरों की नजरों में उसकी छवि छल और कपट करने वाली बन जाती है। मां लक्ष्मी भी ऐसे लोगों पर अपना कृपा नहीं बरसाती।

भेदभाव की आदत - चाणक्य कहते हैं कि जो लोग भेदभाव की भावना नहीं रखते वह सदा सुखी और सफल बनते हैं। 

भेदभाव करने की आदत व्यक्ति में अभिमान का भाव पैदा करती है और वह कभी संतुष्ट नहीं रह पाता। 

गुस्सा और लालच - पल भर के गुस्से से व्यक्ति अपना सबकुछ गवां बैठता है। वहीं लालच की आग इंसान को जलाकर खाक कर देती है।

क्योंकि मोह में व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों को भूल जाता है और हर काम में असफल होता है। 

इस आदत का त्याग करने वाले जीवन में बुलंदियों को छूते हैं।