विटामिन-ए आंखों की सेहत के लिए बहुत आवश्यक है। ऐसे में जिन बच्चों में इसकी कमी होती है उन्हें चश्मा लगाने की जरूरत हो सकती है।

विटामिन-ए की कमी का सबसे आम लक्षण आंखों में होने वाली समस्याएं है।

इसके कारण  धुंधला दिखाई देने, आंखों में सूखापन और गंभीर मामलों में कॉर्निया को होने वाली क्षति से लेकर अंधेपन तक की भी समस्या हो सकती है।

रतौंधी नामक आंखों की एक बीमारी के लिए भी इसकी विटामिन की कमी को प्रमुख कारक के तौर पर जाना जाता है। सभी उम्र वालों के लिए आहार के माध्यम से इसका सेवन करना आवश्यक है।

आंखों की समस्याओं के अलावा विटामिन-ए की कमी के कारण आपमें त्वचा से संबंधित दिक्कतों का भी खतरा बढ़ जाता है।

जब आपके शरीर को पर्याप्त विटामिन-ए नहीं मिलता है, तो यह त्वचा की कोशिकाओं की मरम्मत करने में सक्षम नहीं हो पाता है।

ऐसे में विटामिन-ए की कमी वाले लोगों में एक्जिमा या त्वचा में सूखेपन की समस्या काफी सामान्य देखने को मिलती है। ऐसे लक्षणों को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए।

आहार विशेषज्ञों के मुताबिक वयस्क पुरुषों को 900 माइक्रोग्राम और वयस्क महिलाओं को रोजाना 700 माइक्रोग्राम  की मात्रा में इस विटामिन के सेवन की आवश्यकता होती है। 

विशेषज्ञ इसे सप्लीमेंट्स की जगह आहार के माध्यम से प्राप्त करने की सलाह देते हैं।

विटामिन-ए की प्राप्ति के लिए पत्तेदार हरी सब्जियां (केल, पालक, ब्रोकली), नारंगी और पीली सब्जियां (गाजर, शकरकंद, कद्दू), टमाटर, लाल शिमला मिर्च, खरबूजा, आम, दूध औऱ अंडे का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है।