Types Of Cloud Computing In Hindi And What Is Cloud Computing

Types Of Cloud Computing In Hindi – इस लेख में हम क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में पढ़ेंगे और जानेगे की क्लाउड कितने प्रकार के होते है। तो चलिए जानते है क्लाउड कंप्यूटिंग कितने प्रकार के होते है –

क्लाउड कम्प्यूटिंग क्या है? (What Is Cloud Computing In Hindi)

क्लाउड कंप्यूटिंग इंटरनेट की मदद से लोगों को क्लाउड सर्विसेज या कंप्यूटिंग सर्विसेज प्रदान करने का तरीका है। आजकल हर कोई इंटरनेट का उपयोग कर रहा है और हर कोई यही चाहता है, उसे कम से कम पैसा खर्च करना पड़े और अधिक सर्विसेज प्राप्त हो जाए। जैसे यदि आप अपनी बहुत सारी फाइलों को स्टोर करना चाहते हैं तो आपको अधिक स्टोरेज वाली हार्ड डिस्क खरीदनी होगी। जिसकी कीमत बहुत अधिक होगी। लेकिन अगर आप उन्हीं फाइलों को क्लाउड-बेस्ड स्टोरेज पर स्टोर करेंगे तो आपकी फाइलें भी सुरक्षित रहेंगी और खर्चा भी कम होगा। इन सभी समस्याओं का समाधान क्लाउड कंप्यूटिंग है।

क्लाउड कई सारे कम्यूटर्स हैं, जो इंटरनेट की मदद से लोगों को कम लागत पर कंप्यूटिंग सर्विसेज प्रदान करते हैं, जैसे क्लाउड स्टोरेज, नेटवर्किंग या किसी सॉफ्टवेयर का उपयोग। आप इंटरनेट पर क्लाउड सर्विसेज की मदद से ही अपनी इमेजेज को बिना किसी सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल किए एडिट कर सकते हैं। इसके लिए आपको हाई स्पेसिफिकेशन वाला कंप्यूटर लेने की जरूरत नहीं है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार (Types of Cloud Computing In Hindi)

क्लाउड कंप्यूटिंग को उनकी सर्विसेज के आधार पर तीन भागों में बांटा गया है –

  • Infrastructure as a Service (IaaS)
  • Platform as a service (PaaS)
  • Software as a service (SaaS)

Infrastructure as a Service (IaaS)

यह एक क्लाउड कंप्यूटिंग मॉडल है। इस प्रकार की सर्विसेज में क्लाउड कंप्यूटिंग पावर, नेटवर्क पावर, स्टोरेज, सॉफ्टवेयर और अन्य सभी कण्ट्रोल उपयोगकर्ता के पास होते हैं। अधिकांश बिज़नेस इस प्रकार की सेवा का उपयोग करते हैं। कुछ क्लाउड प्रोवाइडर व्यवसायों को वर्चुअलाइज्ड इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में यह सर्विसे प्रदान करते हैं। इसमें बिजनेस इंटरनेट की मदद से स्टोरेज, सर्वर और क्लाउड नेटवर्किंग को आउटसोर्स करते हैं। इसका एक उदाहरण वीपीएस (वर्चुअल प्राइवेट सर्वर) है, जिसमें आपको नेटवर्क, सॉफ्टवेयर और कंप्यूटिंग पावर भी मिलती है।

Platform as a service (PaaS)

इसमें एक यूजर को सिर्फ एक प्लेटफॉर्म मिलता है। इसमें यूजर को स्टोरेज या कंप्यूटिंग पावर दी जाती है। इस सर्विस में आप चीजों को पूरी तरह से कण्ट्रोल नहीं कर सकते। केवल एक क्लाउड प्रोवाइडर ही इसे कण्ट्रोल करता है। इसके उदाहरण जीमेल, रेडिफ, आउटलुक, याहू आदि हैं।

Software as a service (SaaS)

इस प्रकार की सर्विस में, उपयोगकर्ता को सर्वर पर होस्ट किया गया सॉफ़्टवेयर मिलता है। इसमें यूजर को कोई सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होती है, यह सॉफ्टवेयर रिमोट सर्वर पर स्टोर होता है और यूजर इसका इस्तेमाल कर सकता है। यह सॉफ्टवेयर एक खास काम करने के लिए बनाया गया है। इसके उदाहरणों में गूगल डॉक्स या गूगल शीट जैसे सॉफ्टवेयर शामिल हैं।

क्लाउड कंप्यूटिंग को उनके डिप्लॉयमेंट के आधार पर तीन भागों में बांटा गया है –

  • Public Cloud
  • Private Cloud
  • Community Cloud
  • Hybrid Cloud

Public Cloud (What Is Public Cloud In Hindi)

पब्लिक क्लाउड सभी के लिए उपलब्ध है और इसे सर्विस प्रोवाइडर द्वारा मैनेज किया जाता है। सार्वजनिक क्लाउड सेवाएं अक्सर मुफ्त होती हैं या बहुत कम शुल्क लेती हैं। उदाहरण के लिए Amazon Web Services (AWS) और Microsoft Azure, ये सभी पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग हैं।

  • पब्लिक क्लाउड एक ऐसा क्लाउड है जो इंटरनेट पर उपयोगकर्ता को क्लाउड सेवाएं प्रदान करता है। सार्वजनिक क्लाउड का प्रबंधन तृतीय पक्षों (जैसे – अमेज़न, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल आदि) द्वारा किया जाता है।
  • पब्लिक क्लाउड का इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति इंटरनेट की मदद से कर सकता है। इसमें कोई भी व्यक्ति डाटा को स्टोर और एक्सेस कर सकता है।
  • पब्लिक क्लाउड में आपको पे-पर-यूज के हिसाब से भुगतान करना होता है, यानी आपको उतनी ही राशि का भुगतान करना होता है, जितना आप इसका इस्तेमाल करते हैं।
  • यह उन लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प है जिनके पास कम पैसे हैं। यह क्लाउड एक समय में एक से अधिक उपयोगकर्ता को सेवा प्रदान करता है।

Private Cloud (What Is Private Cloud In Hindi)

प्राइवेट क्लाउड में, सेविसेस और नेटवर्क को एक प्राइवेट क्लाउड (सर्वर) पर संग्रहीत किया जाता है। इसमें यूजर इस प्राइवेट क्लाउड को अपने लिए इस्तेमाल करता है और यह क्लाउड स्टोरेज एक यूजर के लिए है और कोई दूसरा व्यक्ति इस क्लाउड स्टोरेज को एक्सेस नहीं कर सकता है। उदाहरण के लिए गूगल ड्राइव जो एक प्राइवेट क्लाउड कंप्यूटिंग है। इस ड्राइव में आपका सारा डेटा आपकी अपनी ईमेल आईडी और पासवर्ड से सुरक्षित है और आप इस क्लाउड स्टोरेज को केवल अपनी ईमेल आईडी और पासवर्ड की मदद से ही एक्सेस कर सकते हैं।

  • प्राइवेट क्लाउड वे होते हैं जो प्राइवेट इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करते हैं। इसे इंटरनल या कॉर्पोरेट क्लाउड के रूप में भी जाना जाता है।
  • प्राइवेट क्लाउड एक ऐसा क्लाउड है जिसका इस्तेमाल प्राइवेट कंपनी करती है। प्राइवेट क्लाउड का उपयोग कंपनी द्वारा डेटा का प्रबंधन करने और अपने स्वयं के डेटा सेंटर बनाने के लिए किया जाता है।
  • प्राइवेट क्लाउड की सुरक्षा बहुत अधिक होती है, इसमें डेटा को सुरक्षित रखने के लिए फ़ायरवॉल का उपयोग किया जाता है।
  • यह क्लाउड उपयोगकर्ता द्वारा प्रबंधित किया जाता है और क्लाउड सेवा प्रदाता कोई सेवा प्रदान नहीं करता है।

Community Cloud (What Is Community Cloud In Hindi)

कम्युनिटी क्लाउड लोगों के केवल एक ग्रुप के लिए बनाया गया है। इसके अलावा कोई अन्य बाहरी व्यक्ति इस डेटा को एक्सेस नहीं कर सकता है। उदाहरण के लिए, एक सरकारी कार्यालय में, केवल उसके कर्मचारी ही उसकी साइट पर रखे गए सभी डेटा तक पहुंच पाएंगे।

  • कम्युनिटी क्लाउड एक प्रकार का डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम है, इसे कई संगठनों द्वारा एक्सेस किया जाता है और इसके माध्यम से ये संगठन आपस में डेटा साझा करते हैं।
  • यह क्लाउड एक या अधिक संगठनों या तृतीय पक्षों द्वारा प्रबंधित किया जाता है। सुरक्षा के लिहाज से ये क्लाउड अच्छे हैं।
  • यह अन्य क्लाउड की तुलना में काफी सस्ता है। यह पब्लिक क्लाउड से ज्यादा सुरक्षित है।

Hybrid Cloud (What Is Hybrid Cloud In Hindi)

हाइब्रिड क्लाउड में प्राइवेट क्लाउड और पब्लिक क्लाउड दोनों के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें आप अपनी जरूरत के हिसाब से क्लाउड का इस्तेमाल कर सकते हैं यानी आप जरूरी एप्लिकेशन को प्राइवेट क्लाउड में रखते हैं और बाकी एप्लिकेशन को आप पब्लिक क्लाउड में रखते हैं। यदि किसी साइट पर कुछ चीजें केवल रजिस्टर (प्राइवेट) लोगों के लिए उपलब्ध हैं और कुछ चीजें पब्लिक के लिए उपलब्ध हैं तो ऐसे क्लाउड को हाइब्रिड क्लाउड कहा जाता है।

  • हाइब्रिड क्लाउड पब्लिक और प्राइवेट क्लाउड का मेल है यानी यह पब्लिक क्लाउड और प्राइवेट क्लाउड से बना है। इस क्लाउड में पब्लिक और प्राइवेट दोनों तरह के क्लाउड की विशेषताएं हैं।
  • हाइब्रिड क्लाउड को हेटेरोजीनियस क्लाउड भी कहा जाता है, यह सार्वजनिक और प्राइवेट दोनों तरह की सेवाएं प्रदान करता है।
  • हाइब्रिड क्लाउड उन संगठनों या कंपनियों के लिए बेहतर होते हैं जिन्हें अधिक सुरक्षा की आवश्यकता होती है।
  • इस क्लाउड की सुरक्षा पब्लिक क्लाउड से बेहतर है लेकिन प्राइवेट क्लाउड से कम है।

क्लाउड कंप्यूटिंग का इतिहास (History Of Cloud Computing In Hindi)

क्लाउड कंप्यूटिंग का जन्म 1960 के दशक में हुआ था। एक ऐसे दौर में जहां इंटरनेट बहुत कम जगहों पर मौजूद था। इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या बहुत कम थी। इसलिए इस दौर में क्लाउड कंप्यूटिंग का विकास नहीं हुआ।

बाद में जब इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल होने लगा और यूजर्स की संख्या बढ़ने लगी तो 1990 में स्केलफोर्स नाम की कंपनी ने क्लाउड कंप्यूटिंग सेवा शुरू की। शुरुआती दौर में क्लाउड कंप्यूटिंग की कुछ ही सर्विस उपलब्ध थीं।

2000 के बाद जब लोगों को क्लाउड कंप्यूटिंग की सर्विस पसंद आने लगी और बिजनेस कंपनियों को इसकी जरूरत पड़ने लगी, तब गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन जैसी बड़ी कंपनियों ने क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विसेज की शुरुआत की।

क्लाउड कंप्यूटिंग समय के साथ विकसित हुई और इसका उपयोग सभी क्षेत्रों में होने लगा, आज के युग में इंटरनेट से ली जाने वाली सभी सर्विस क्लाउड कंप्यूटिंग द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं।

क्लाउड कंप्यूटिंग के उदाहरण (Examples Of Cloud Computing In Hindi)

क्लाउड कंप्यूटिंग के ऐसे कई उदाहरण हैं जिनका हम हर दिन जाने-अनजाने में उपयोग करते हैं जैसे –

गूगल ड्राइव

गूगल ड्राइव गूगल कंपनी द्वारा बनाई गई एक एप्लीकेशन और वेबसाइट है। जिसमें हम फोटो, वीडियो और दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं। इन सभी फाइलों को हम गूगल ड्राइव में जाकर देख सकते हैं और ऑनलाइन एडिट भी कर सकते हैं।

ऑनलाइन गेम

कई ऑनलाइन गेम का डेटा ऑनलाइन सर्वर पर अपलोड रहता है। कंप्यूटर और स्मार्टफोन में हम ऑनलाइन गेम के एप्लिकेशन को डाउनलोड कर सकते हैं और बिना किसी डेटा फ़ाइल के सीधे ऑनलाइन सर्वर के माध्यम से ऑनलाइन गेम खेल सकते हैं।

वेब होस्टिंग

वेब होस्टिंग का मतलब है वेबसाइट स्टोरेज जहां वेबसाइट का डेटा स्टोर रहता है। वेब होस्टिंग में हम डेटा स्टोर कर सकते हैं और वेबसाइट की मदद से डेटा को ऑनलाइन दिखा सकते हैं। वेब होस्टिंग क्लाउड कंप्यूटिंग का एक बेहतरीन उदाहरण है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के उपयोग (Uses Of Cloud Computing In Hindi)

आज की तकनीकी दुनिया में शिक्षा से लेकर अस्पताल और आईटी कंपनी से लेकर हर क्षेत्र में क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल हो रहा है।

ऑनलाइन एग्जाम

क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग स्कूलों और कॉलेजों में ऑनलाइन एग्जाम आयोजित करने के लिए किया जाता है। जहां प्रश्न पत्र सर्वर में से एक पर अपलोड किया जाता है यानी मुख्य कंप्यूटर पर और उस प्रश्न पत्र को अन्य कंप्यूटरों से देखा और वितरित किया जाता है। सभी ऑनलाइन कंपटीशन परीक्षाएं क्लाउड कंप्यूटिंग के माध्यम से आयोजित हैं।

डाटा स्टोरेज

क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग इंटरनेट में फोटो, वीडियो, सॉफ्टवेयर और अन्य दस्तावेज फाइलों को स्टोर करने के लिए किया जाता है। इंटरनेट में डेटा को क्लाउड स्टोरेज में रखा जाता है। क्लाउड स्टोरेज में डेटा वायरस से सुरक्षित रहता है। इसलिए महत्वपूर्ण डेटा को क्लाउड स्टोरेज में रखा जाता है।

गेमिंग

पबजी, कॉल ऑफ ड्यूटी और अन्य ऑनलाइन गेम्स क्लाउड कंप्यूटिंग के कारण काम करते हैं। ऑनलाइन गेम की फाइलें सर्वर पर अपलोड रहती हैं और सर्वर को क्लाउड कंप्यूटिंग द्वारा प्रबंधित किया जाता है, इसलिए ऑनलाइन गेम खेलने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग की आवश्यकता होती है। .

फाइल शेयरिंग

फाइल शेयरिंग क्लाउड कंप्यूटिंग आधारित सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशन की मदद से की जाती है। गूगल ड्राइव सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल ऑनलाइन फाइल शेयरिंग के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के लाभ (Benefits Of Cloud Computing In Hindi)

कम कीमत – अन्य हार्डवेयर उपकरणों और कंप्यूटर सिस्टम की तुलना में क्लाउड कंप्यूटिंग सिस्टम की लागत बहुत कम है। क्लाउड कंप्यूटिंग को आवश्यकता के अनुसार खरीदा जा सकता है। इसमें नेटवर्क, सिस्टम, डेटा, प्रोसेसिंग यूनिट और अन्य घटक शामिल हैं।

अनलिमिटेड स्टोरेज – 1Gb से 100TB तक की स्टोरेज का इस्तेमाल किया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर क्लाउड कंप्यूटिंग के स्टोरेज को बढ़ाया भी जा सकता है।

कहीं से भी पहुंच – किसी भी स्थान से जहां इंटरनेट उपलब्ध है। आप स्मार्टफोन और कंप्यूटर के माध्यम से क्लाउड कंप्यूटिंग के डेटा को मैनेज कर सकते हैं। क्लाउड कंप्यूटिंग के डेटा को मैनेज करने के लिए एक ऐसे सिस्टम की जरूरत होती है जिसमें इंटरनेट मौजूद हो।

पावरफुल एंड स्पीड – क्लाउड कंप्यूटिंग सिस्टम की स्पीड सामान्य कंप्यूटर सिस्टम की तुलना में बहुत तेज होती है, साथ ही क्लाउड कंप्यूटिंग बहुत शक्तिशाली होते है, इसका कारण यह है कि इसमें पावरफुल प्रोसेसर और हाई एंड हार्डवेयर कंपोनेंट होते हैं।

उपयोग में आसान – क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करना बहुत आसान है, जैसे हम गूगल ड्राइव पर फ़ाइलें अपलोड करते हैं, वैसे ही क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग किया जाता है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के नुकसान (Disadvantages Of Cloud Computing In Hindi)

क्लाउड कंप्यूटिंग में अगर हमारे पास अच्छा इंटरनेट कनेक्शन नहीं है तो हम डेटा और फाइलों तक नहीं पहुंच सकते हैं।

इसका सबसे बड़ा नुकसान है। इसमें संगठन या कंपनी को अपनी सेवाओं को एक कस्टमर से दूसरे कस्टमर में स्थानांतरित करने के लिए कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

हम सभी जानते हैं कि क्लाउड कंप्यूटिंग को सेवा प्रदाता द्वारा प्रबंधित और नियंत्रित किया जाता है, जिसके कारण बहुत कम उपयोगकर्ता इसकी सेवाओं को नियंत्रित और एक्सेस कर पाते हैं।

क्लाउड कंप्यूटिंग सुरक्षा के लिहाज से अच्छी है, लेकिन इसके बावजूद हैकर्स इसमें डेटा ट्रांसफर करते हुए डेटा चुरा सकते हैं।

निष्कर्ष

उम्मीद है की आपको यह जानकारी (Types Of Cloud Computing In Hindi) पसंद आयी होगी। अगर आपको यह लेख (Types Of Cloud Computing In Hindi) मददगार लगा है तो आप इस लेख (Types Of Cloud Computing In Hindi) को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। और अगर आपका इस लेख (Types Of Cloud Computing In Hindi) से सम्बंधित कोई सवाल है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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