Surdas Ka Janm Kab Hua Tha: सूरदास जी के बारे में आप जानते ही होंगे, वे एक महान कवि थे। उनकी कविताएं और रचनाएं स्कूलो में पढ़ाई भी जाती है। अगर आपने उनकी कविताएं और रचनाएं पढ़ी है, तो आपको पता ही होगा की सूरदास जी कौन थे?
आज के इस लेख में हम आपको सूरदास का जन्म कब और कहां हुआ था (Surdas Ka Janm Kab Aur Kaha Hua Tha) के बारे में जानकारी देने वाले है, अगर आप यह सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आज के इस लेख को आखिरी तक अवश्य पढ़े, तो आइये जानते है –
सूरदास का जन्म कब हुआ था इन हिंदी (Surdas Ka Janm Kab Hua Tha)
महान कवि सूरदास जी का जन्म लगभग 1478 ई. में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि सूरदास जी का जन्म स्थान आगरा के मथुरा मार्ग पर स्थित रुनकता नामक गाँव था। सूरदास जी प्राचीन काल के बहुत प्रसिद्ध कवि हुआ करते थे, उनकी लिखी रचनाएँ आज भी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई जाती हैं।
सूरदास का जन्म कहां हुआ था (Surdas Ka Janm Kahan Hua Tha)
महाकवि श्री सूरदास का जन्म 1478 ई. में रुनकता क्षेत्र में हुआ था। यह गांव मथुरा-आगरा मार्ग के किनारे स्थित है। लेकिन कुछ विद्वानों का मत है कि सूरदास का जन्म दिल्ली के निकट सीही में एक गरीब सारस्वत ब्राह्मण परिवार (Saraswat Brahmin Family) में हुआ था।
सूरदास जी के बारे में (About Surdas Ji In Hindi)
महान कवि सूरदास जी का पूरा नाम सूरदास मदनमोहन था और उनका जन्म 1478 ई. के आसपास हुआ था। ऐसा माना जाता है कि सूरदास जी का जन्म स्थान आगरा के मथुरा मार्ग पर स्थित रुनकता नामक गाँव था। सूरदास जी की माता का नाम अज्ञात है अर्थात अभी तक ठीक से दर्शाया नहीं गया है परन्तु उनके पिता का नाम रामदास है।
सूरदास जी पेशे से एक महान कवि थे और जीवन भर अविवाहित रहे अर्थात उन्होंने शादी नहीं की। सूरदास को श्री वल्लभाचार्य से ज्ञान प्राप्त हुआ था। श्री वल्लभाचार्य जी सूरदास के गुरु थे।
सूरदास जी ने अपने जीवन में प्रमुख रचनाएँ दी हैं जो आज भी पढ़ी जाती हैं। सूरदास जी बहुत महान कवि थे, जिनकी प्रशंसा आज भी की जाती है।
सूरदास जी की मृत्यु 1580 ई. में हुई थी। इनका जीवन काल लगभग 102 वर्ष था, इनका मृत्यु का स्थान पारसौली (Parsauli) गांव (गोवर्धन पर्वत) था।
महान कवि सूरदास जी का जीवन बहुत ही कठिन परिस्थिति में बीता था, क्योंकि वे अंधे पैदा हुए थे और अंधे होने के कारण उनके परिवार वालों ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया था और उन्होंने महज 6 से 7 साल की उम्र में ही घर छोड़ दिया था।
कवि सूरदास जी ने अपनी मेहनत के दम पर अपना नाम और प्रसिद्धि बनाई। आप कल्पना कर सकते हैं कि उन्होंने कितनी मेहनत की होगी और कितनी कठिनाइयों का सामना किया होगा क्योंकि वे जन्म से अंधे और अकेले भी थे।
सूरदास के गुरु कौन थे (Surdas Ke Guru Kaun The)
वल्लभाचार्य सूरदास जी के गुरु थे। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि सूरदास जी एक बार भ्रमण पर वृन्दावन गए थे, जहाँ उनकी मुलाकात वल्लभाचार्य से हुई. जो ज्ञान में उनसे बहुत बड़े थे और उनके पास बहुत सारी जानकारी थी।
कुछ देर बात करने के बाद दोनों को एक दूसरे की बातें बहुत पसंद आईं और दोनों के विचार लगभग एक जैसे थे, तभी कवि सूरदास जी ने अपने मुंह से एक वाणी निकाली और एक कविता की पंक्ति बन गयी। कविता की वह पंक्ति थी वल्लभाचार्य को बहुत पसंद आई।
तब वल्लभाचार्य ने कवि सूरदास जी को शिक्षा देने का मन बना लिया और उन्हें अपने शिष्यों में स्थान दिया। कवि सूरदास जी ने वल्लभाचार्य जी को अपना गुरु माना और उनके द्वारा पढ़ाए गए पाठ को सीखना शुरू किया, तो इस तरह सूरदास जी के गुरु वल्लभाचार्य बन गए।
सूरदास की लिखी रचनाएं (Surdas Ki Rachnaye)
सूरदास जी द्वारा लिखी गयी रचनाएं कुछ इस प्रकार है – सूरसारावली, सूरसागर, साहित्य लहरी, ब्याहलो के अतिरिक्त दशमस्कंध टीका, नागलीला, गोवर्धन लीला, नल-दमयन्ती, भागवत्, सूरपचीसी, सूरसागर सार, प्राणप्यारी, आदि ग्रंथ शामिल हैं।
FAQs
सूरदास जी कौन थे?
वे भक्तिकाल के बहुत महान कवि थे, सूरदास जी ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण रचनाएँ दीं।
सूरदास जी किसके उपासक थे?
सूरदास जी भगवान श्री कृष्ण में आस्था रखते थे।
कवि सूरदास जी की भाषा कौन सी है?
सूरदास जी की भाषा ब्रजभाषा है, उन्होंने अपनी अधिकांश रचनाएँ ब्रजभाषा में ही रचीं।
सूरदास जी का पूरा नाम क्या है?
सूरदास जी का पूरा नाम सूरदास मदनमोहन था।
सूरदास क्या जन्म से अंधे थे?
हाँ, सूरदास जन्म से अंधे थे।
सूरदास का जीवन काल क्या है?
इनका जीवन काल 1478 से 1580 तक मतलब की कुल 102 साल का था।
सूरदास किसकी पूजा करते थे?
सूरदास श्री कृष्ण की पूजा करते थे।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने आपको सूरदास का जन्म कब हुआ था, सूरदास का जन्म कहां हुआ था और सूरदास के गुरु कौन थे के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख सूरदास का जन्म कब और कहां हुआ था (Surdas Ka Janm Kab Aur Kahan Hua Tha) अच्छा लगा है, तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।