शुक्रवार को पीपल की पूजा करनी चाहिए या नहीं – हिंदू धर्म में पेड़-पौधों को देवी-देवताओं के समान माना जाता है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को संबंधित देवता या ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पीपल के बारे में मान्यता है कि इसमें सृष्टि के रचयिता भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी सहित सभी देवी-देवता निवास करते हैं। यही कारण है कि हिंदू धर्म में पीपल के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है और इसकी पूजा करने का विशेष विधान है।
लेकिन क्या आप जानते हैं शुक्रवार को पीपल की पूजा करनी चाहिए या नहीं, पीपल के पेड़ की पूजा किस दिन नहीं करनी चाहिए? अगर नहीं तो आज के इस लेख शुक्रवार को पीपल की पूजा करनी चाहिए या नहीं को अंत तक अवश्य पढ़े। तो आइये जानते है –
शुक्रवार को पीपल की पूजा करनी चाहिए या नहीं (शुक्रवार को पीपल की पूजा करनी चाहिए की नहीं)
हाँ, शुक्रवार को पीपल की पूजा करनी चाहिए। जिन लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे लोगों को शुक्रवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से धन से जुड़ी परेशानियां दूर होने लगती हैं।
पीपल के पेड़ की पूजा किस दिन नहीं करनी चाहिए (Pipal Ke Ped Ki Puja Kis Din Nahi Karni Chahiye In Hindi)
हिंदू मान्यता के अनुसार पीपल के पेड़ की पूजा के लिए कुछ दिन शुभ तो कुछ अशुभ माने जाते हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार, सप्ताह के छह दिन यानी सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा के लिए शुभ और पुण्यदायी माना जाता है, जबकि रविवार को इसकी पूजा करने से दोष लगता है। हिंदू मान्यता के मुताबिक पीपल के पेड़ (Pipal Ke Ped) पर रविवार के दिन देवी लक्ष्मी जी की बहन दरिद्रा का वास होता है। जिसके कारण इस दिन पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है और उसे हर समय आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।
पीपल की पूजा के फायदे
हिंदू मान्यता के अनुसार पीपल के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति पर भगवान श्री विष्णु की कृपा बनी रहती है। इसी तरह पीपल की पूजा करने से धन की देवी मां लक्ष्मी व शनिदेव की कृपा दृष्टि बनी रहती है।
पीपल के पेड़ के तने में केशव, जड़ में भगवान विष्णु (Vishnu), शाखाओं में नारायण (Narayan), पत्तों में भगवान हरि और फलों में सभी देवता निवास करते हैं। पीपल का पेड़ भगवान विष्णु का स्वरूप है। इस पेड़ की महात्मा लोग सेवा करते हैं और यह सभी पापों कर्मो को नष्ट करता है। इसके साथ ही पीपल में पितरों और तीर्थों का वास होता है।
पीपल की पूजा करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है। साथ ही सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी मिलता है। पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। इससे अक्षय पुष्ण की प्राप्ति होती है।
पीपल के पेड़ की जड़ में रोजाना जल देने से पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है। साथ ही रोजाना पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृदोष से भी राहत मिलती है। क्योंकि पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का निवास माना जाता है, इसलिए इसकी पूजा करने से सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
यदि कोई व्यक्ति अमावस्या तिथि के दिन पीपल के पेड़ को जल देता है तो उसके पूर्वज उससे प्रसन्न होते हैं और उसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस पीपल के पेड़ की पूजा से कुंडली में शनि दोष से राहत मिलती है।
उपाय
हिंदू मान्यता के अनुसार पीपल का पत्ता बहुत शुभ माना जाता है। ऐसे में अगर आप आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं और आर्थिक तंगी दूर नहीं हो रही है तो आप गुरुवार के दिन एक हरा पीपल का पत्ता घर में लाएं और उसे धोकर उस पर ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नम:’ मंत्र पीला चंदन या केसर से लिखें, और देवी लक्ष्मी को अर्पित करें। इसके बाद इसे प्रसाद समझकर अपने धन स्थान पर रख लें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको शुक्रवार को पीपल की पूजा करनी चाहिए या नहीं, पीपल के पेड़ की पूजा किस दिन नहीं करनी चाहिए के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख शुक्रवार को पीपल की पूजा करनी चाहिए या नहीं (Shukrawar Ko Pipal Ki Puja Karni Chahiye Ya Nahi) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।