Shree Shivay Namastubhyam Mantra In Hindi: सनातन संस्कृति में मंत्रों का बहुत ही महत्व है। किसी भी पूजा की शुरुआत से पहले मंत्रों का जाप किया जाता है। भारतीय ऋषि मुनि आयुर्वेद व मंत्रों के आधार पर किसी भी रोग को ठीक करने की शक्ति रखते थे।
आज हम आपको एक ऐसे ही मंत्र, जिसका जिक्र शिव महापुराण में मिलता है के बारे में जानकारी देने वाले है। यह मंत्र है – श्री शिवाय नमस्तुभ्यं | महामृत्युंजय मंत्र से भी महत्वपूर्ण श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र को माना गया है।
आज के इस लेख में हम आपको श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ क्या है, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे क्या है, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र कहां से लिया गया है और श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जप कैसे करे, इसके बारे में जानकारी देने जा रहे है। तो आइये जानते है श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के फायदे और अर्थ (Shri Shivaya Namastubhyam Mantra In Hindi) –
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र कहां से आया है हिंदी में (Shri Shivay Namastubhyam Mantra In Hindi)
यह मंत्र श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र शिव महापुराण से लिया गया है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र को शिवपुराण के नाम से भी जाना जाता है। शिव पुराण मूल रूप से भगवान शंभु को समर्पित है। इस पुराण में भगवान भोलेनाथ की महिमा का विस्तृत गुणगान किया गया है। शिवपुराण शैव संप्रदाय के किसी भी भक्त के लिए एक बहुत ही खास और महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
शिव पुराण में भगवान शिव शंकर को प्रसन्न करने के लिए पूजा की सभी विधियां बताई गई हैं और त्रिदेवों में से एक तथा संहार के देवता कहे जाने वाले महाशिव भगवान शिव को कैसे प्रसन्न किया जाए।
इसकी पूरी पूजा विधि और प्रक्रिया शिव पुराण में वर्णित है। भगवान शिव शंकर को प्रसन्न करने के लिए एक महामंत्र या बीज मंत्र भी दिया गया है जिसे श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र भी कहा जाता है।
लोककथाओं के अनुसार इस मंत्र के जाप से भगवान शंकर अत्यंत प्रसन्न होते हैं और लोगों की मनोवांछित मनोकामना पूरी करते हैं। सनातन संस्कृति और पुराणों में उल्लेख है कि भगवान शिव बड़े दयालु और भोले हैं। जो अपने भक्तों की सच्ची पुकार पर प्रसन्न होतेहै। लेकिन जब भगवान शिव क्रोधित हो जाते हैं तो उनके क्रोध से कोई भी बच नहीं सकता है।
भगवान शिव का प्रिय मंत्र श्री शिवाय नमस्तुभ्यं शिव महापुराण से लिया गया है। भगवान शिव के बारे में सब कुछ गहन शोध के बाद शिव पुराण में लिखा गया है, जैसे उनका जीवन, उनका रहन-सहन, उनका विवाह और उनके बच्चे और उनके बारे में सारी जानकारी दी गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवपुराण छह खंडों और 24000 श्लोकों में विभाजित है। शिवपुराण को निम्नलिखित छ: खण्डों में बांटा गया है – विद्येश्वर संहिता, रूद्र संहिता, कोटी रूद्र संहिता, उमा संहिता, कैलास संहिता और वायु संहिता।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का क्या अर्थ है (Shree Shivay Namastubhyam Mantra Meaning In Hindi)
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ, मतलब है “हे शिव, मैं आपको नमस्कार करता हूं, या श्री शिव को मेरा नमस्कार।” इस बीज मंत्र का अर्थ भगवान शिव को नमन करने के संदर्भ में समर्पित है।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे इन हिंदी (Shree Shivay Namastubhyam Mantra Ke Fayde In Hindi)
शिवपुराण में श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के कई लाभ, फायदे बताए गए हैं, जिनमें से कुछ इस फायदे प्रकार हैं –
- शिव पुराण में विस्तार से बताया गया है कि शिव का यह मंत्र बेहद प्रभावशाली है, यह महामृत्युंजय मंत्र के बराबर है।
- ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से एक हजार महामृत्युंजय मंत्रों के जाप का लाभ प्राप्त होता है।
- श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के जाप से किसी भी व्यक्ति को सुख, शांति, धन और समृद्धि का लाभ मिलता है। साथ ही मन प्रसन्न रहता है। व्यक्ति के जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती हैं।
- अगर आप किसी शुभ कार्य के लिए जा रहे हैं तो इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। इससे काम में सफलता मिलेगी।
- अगर आपको कोई पुराना रोग है और आप किसी रोग से ग्रसित हैं तो श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप करने से आप पुराने रोग से छुटकारा पा सकते हैं।
- मानसिक विकारों से मुक्ति मिलती है। अगर आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो इससे आपको राहत मिलेगी। आपको धन और ऐश्वर्य का लाभ मिलता है।
इस मंत्र के जाप से न केवल मनोकामना पूरी होती है बल्कि इस मंत्र के जाप से कई रोगों से भी मुक्ति मिलती है। पंडित प्रदीप मिश्रा जी का कहना है कि इस मंत्र के जाप से हार्ट अटैक, कैंसर जैसी भयंकर बीमारी का इलाज भी संभव है। यदि यह जाप पीड़ित व्यक्ति के पास डॉक्टर के पास पहुंचने तक किया जाए तो यह जाप बहुत लाभ देता है।
ऐसी भी मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से लकवा और बुखार के रोगी को भी लाभ मिलता है। यदि भगवान शिव पर चढ़ाया गया सरसों का तेल लकवे के रोगी को लगाया जाए, साथ में काली मिर्च, लौंग, कमल के पत्ते, बेलपत्र, शनि पत्र का भी प्रयोग किया गया हो तो इस तेल की मालिश करने से लकवा ठीक हो जाता है। इस मंत्र को हजार महामृत्युंजय मंत्रों के बराबर माना गया है। इस मंत्र के जाप से सुख-समृद्धि, धन और शांति की प्राप्ति होती है।
कैसे करें श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप (Om Shree Shivay Namastubhyam)
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र बहुत ही लाभकारी है। लेकिन अगर इस मंत्र का जप ठीक से नहीं किया जाए तो इसका फल नहीं मिलता है, इस मंत्र का जाप कैसे करना चाहिए, इसके बारे में हमने आपको नीचे विस्तार से बताया है –
- सबसे पहले आपको नहाना है। नहाने के बाद इस शक्तिशाली मंत्र का जाप करने के लिए जिस आसन पर आप बैठे हैं वह साफ सुथरा होना चाहिए।
- आपको ऐसे आसन का उपयोग करना है जो मूल रूप से जमीन से जुड़ा हो, जैसे कि चटाई या कपड़ा।
- इसके बाद आपको सुबह इस मंत्र का जाप या जप करना चाहिए। वैसे तो इस मंत्र का उच्चारण आप कभी भी कर सकते हैं।
- जहां तक संभव हो शिव जी की मूर्ति को अपने सामने रखें और फिर मंत्र का जाप करें।
- आपको इन बातों का ख्याल रखना है कि आपके मंत्रों का उच्चारण सही होना चाहिए।
- साथ ही मंत्र जाप करते समय आपके मन में किसी के प्रति विशेष रूप से द्वेष या क्रोध नहीं होना चाहिए।
- आपको इस मंत्र का एक बार में 108 बार जाप करना है। इसका केवल 108 बार जप करने से मृत्युंजय मंत्र के 108000 बार जप का फल मिलता है।
FAQs For Shivay Namastubhyam Mantra
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का क्या मतलब है?
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ, मतलब है “हे शिव, मैं आपको नमस्कार करता हूं।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हम आपको श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के लाभ, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ और श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप कैसे करें आदि के बारे में जानकारी दी है।
हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख ( Shree Shivay Namastubhyam Mantra In Hindi) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।