शंख कब नहीं बजाना चाहिए – हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान शंख बजाना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। पूजा-पाठ के साथ-साथ हवन, अनुष्ठान, विवाह, गृह-प्रवेश आदि कई शुभ कार्यों के दौरान शंख बजाया जाता है। शंख को यश, सुख, समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसका महत्व इतना अधिक है कि शंख बजाए बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। हालांकि, लोगों को यह नहीं पता होता है कि शंख बजाने के भी कुछ नियम होते हैं, तो आइए जानते हैं कि शंख बजाने के क्या नियम हैं –
शंख कब नहीं बजाना चाहिए (Shankh Kab Nahi Bajana Chahiye)
शंख कभी भी रात को नहीं बजाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सूर्य अस्त होने के बाद सभी देवी-देवता सोने चले जाते हैं। इसलिए शाम के बाद पूजा के दौरान शंख बजाना अच्छा नहीं माना जाता है।
इसके अलावा अगर आप भोलेनाथ की पूजा कर रहे हैं तो आपको कभी भी शंख नहीं बजाना चाहिए। इसके साथ ही शंख में जल भरकर भगवान शिव का अभिषेक नहीं करना चाहिए। पूजा के बाद शंख को हमेशा धोना चाहिए। इसे कभी भी झूठा मंदिर में नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से भगवान का आशीर्वाद नहीं मिलता है।
शंख कितनी बार बजाना चाहिए (Shankh Kitni Baar Bajana Chahiye)
पूजा में शंख सुबह और शाम (संध्याकाल) के समय ही बजाना चाहिए। इसके अलावा किसी अन्य समय शंख नहीं बजाना चाहिए। हिंदू मान्यता के अनुसार, जब भी पूजा के दौरान शंख बजाना हो तो सबसे पहले भगवान का ध्यान करना चाहिए और फिर एक साथ तीन बार शंख बजाना चाहिए।
शाम को शंख बजाना चाहिए या नहीं (Shaam Ko Shankh Bajana Chahiye Ya Nahi)
हाँ, शाम यानी संध्याकाल को शंख बजाना चाहिए, सुबह और शाम पूजा के समय शंख बजाना चाहिए।
शंख से जुडी कुछ जरुरी बातें
अक्सर लोग अपने घरों में एक शंख रखते हैं, लेकिन घर में दो शंख होने चाहिए। एक शंख में पानी भरकर रखना चाहिए और दूसरे शंख को बजाने के लिए प्रयोग करना चाहिए। सुबह और शाम पूजा के समय शंख बजाना चाहिए।
पूजा के बाद जब शंख रखा जाए तो उसका बजने वाला या खुला हुआ भाग हमेशा ऊपर की ओर रखना चाहिए। पूजा के दौरान शंख को भगवान की मूर्ति के दाहिनी ओर रखना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि पूजा के दौरान शंख बजाने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है। जिस घर में सुबह और शाम (संध्याकाल) शंख बजाया जाता है, वहां नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
हिंदू धर्म में घर में शंख रखने और बजाने को बड़ा धार्मिक महत्व दिया गया है। ऐसा माना जाता है कि भगवान की पूजा करने के बाद यदि शंख में जल भरकर पूरे घर में छिड़का जाए तो घर के अंदर की सारी नकारात्मक ऊर्जा पलक झपकते ही दूर हो जाती है और उस घर में भगवान श्री विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा की कृपा बरसती रहती है।
FAQs
शंख बजाने का सही समय क्या है?
शंख बजाने का सही समय प्रात:काल और संध्याकाल है।
पूजा में कितनी बार शंख बजाना चाहिए?
पूजा में शंख बजाना सुबह और शाम के समय ही बजाना चाहिए।
क्या रात में शंख बजाया जा सकता है?
नहीं, रात में शंख नहीं बजाया जा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको शंख कब नहीं बजाना चाहिए, शंख कितनी बार बजाना चाहिए के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख शंख कब नहीं बजाना चाहिए (Shankh Kab Nahi Bajana Chahiye) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।