सरदार पटेल का पूरा नाम – ऐसे असंख्य स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना सब कुछ बलिदान कर दिया, जिनमें से एक सरदार पटेल भी थे। भारत को एकजुट और स्वतंत्र बनाने के लिए कई बलिदानी हुए, जिन्होंने अपना जीवन राष्ट्रहित के लिए समर्पित कर दिया। उन्हीं महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल। यह पटेल जी के अथक प्रयासों का ही परिणाम था कि भारत की सभी रियासतों का सफलतापूर्वक भारतीय संघ में विलय हो गया। इस विलय ने भारत को एक राष्ट्र के रूप में मजबूत और समृद्ध बनाया।
आज के इस लेख में अआप जानेगे की सरदार पटेल का पूरा नाम क्या है (Sardar Patel Full Name In Hindi) –
सरदार पटेल का पूरा नाम क्या है – Full Name Of Sardar Patel In Hindi
सरदार पटेल का पूरा नाम है – वल्लभभाई झावरभाई पटेल (Vallabhbhai Jhavarbhai Patel)। सरदार पटेल को लोहपुरुष भी कहा जाता है। अपने कुशल नेतृत्व के कारण उन्हें सरदार की उपाधि मिली। सरदार पटेल को आधुनिक भारत का चाणक्य भी कहा जाता है, जिनके अथक प्रयासों से भारत की हर रियासत का भारत में विलय हुआ। सरदार पटेल ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीय राष्ट्र की प्रगति, अखंडता, समृद्धि और अस्मिता के लिए समर्पित कर दिया।
सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के बारे में कुछ बातें –
1) सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नडियाद, गुजरात में हुआ था। वह खेड़ा जिले के करमसद निवासी झावेर भाई और लाडबा पटेल की चौथी संतान थे। 1897 में 22 वर्ष की उम्र में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। वल्लभ भाई का विवाह झबेरबा से हुआ था। जब पटेल मात्र 33 वर्ष के थे, तब उनकी पत्नी की मृत्यु हो गयी।
2) सरदार पटेल अन्याय बर्दाश्त नहीं कर सकते थे। उन्होंने स्कूल के दिनों से ही अन्याय का विरोध करना शुरू कर दिया था। नडियाद में उनके स्कूल के शिक्षक किताबों का व्यापार करते थे और छात्रों पर दबाव डालते थे कि वे किताबें बाहर से न खरीदें बल्कि अपने पास से ही खरीदें। वल्लभभाई ने इसका विरोध किया और छात्रों को शिक्षकों से किताबें न खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया। परिणामस्वरूप अध्यापकों और विद्यार्थियों में संघर्ष छिड़ गया। 5-6 दिन तक स्कूल बंद रहा। आख़िरकार सरदार की जीत हुई। शिक्षकों द्वारा पुस्तकें बेचने की प्रथा बंद हो गई।
3) सरदार पटेल को अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने में काफी समय लगा। उन्होंने 22 साल की उम्र में 10वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की। सरदार पटेल का सपना वकील बनने का था और अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्हें इंग्लैंड जाना था, लेकिन उनके पास भारतीय कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं थे। उन दिनों, एक उम्मीदवार व्यक्तिगत रूप से अध्ययन करके बार परीक्षा में बैठ सकता था। ऐसे में सरदार पटेल ने अपने एक परिचित वकील से किताबें उधार लीं और घर पर ही पढ़ाई शुरू कर दी।
4) बारदोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहां की महिलाओं ने ‘सरदार’ की उपाधि दी। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को ‘भारत का बिस्मार्क’ और ‘लौह पुरुष’ भी कहा जाता है। सरदार पटेल जातिवाद और वर्गवाद के कट्टर विरोधी थे।
5) इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई करने के बाद भी उनका रुझान पैसा कमाने की ओर नहीं था। सरदार पटेल 1913 में भारत लौट आए और अहमदाबाद में अपनी वकालत शुरू की। जल्द ही वे लोकप्रिय हो गये। अपने मित्रों के आग्रह पर पटेल ने 1917 में अहमदाबाद के स्वच्छता आयुक्त का चुनाव लड़ा और वे जीत भी गये।
6) सरदार पटेल गांधीजी के चंपारण सत्याग्रह की सफलता से बहुत प्रभावित थे। 1918 में गुजरात के खेड़ा खंड में सूखा पड़ा। किसानों ने करों से राहत की मांग की, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने इनकार कर दिया। गांधीजी ने किसानों का मुद्दा उठाया, लेकिन वे अपना पूरा समय खेड़ा को नहीं दे सके, इसलिए वे एक ऐसे व्यक्ति की तलाश में थे जो उनकी अनुपस्थिति में संघर्ष का नेतृत्व कर सके। ऐसे समय में सरदार पटेल स्वेच्छा से आगे आये और संघर्ष का नेतृत्व किया।
7) गृह मंत्री के रूप में उनकी पहली प्राथमिकता देशी रियासतों (राज्यों) का भारत में विलय करना था। उन्होंने बिना कोई खून बहाए यह कार्य पूरा किया। उन्हें केवल हैदराबाद में ‘ऑपरेशन पोलो’ के लिए सेना भेजनी पड़ी। भारत के एकीकरण में उनके महान योगदान के लिए उन्हें भारत के ‘लौह पुरुष’ के रूप में जाना जाता है। सरदार पटेल का सबसे बड़ा योगदान 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलय कराकर भारतीय एकता का निर्माण करना था। विश्व के इतिहास में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं हुआ जिसने इतनी बड़ी संख्या में राज्यों का एकीकरण करने का साहस किया हो। 5 जुलाई 1947 को एक रियासती राज्य विभाग की स्थापना की गई।
8) सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते। महात्मा गांधी की इच्छा का सम्मान करते हुए वे इस पद से हट गये और नेहरूजी देश के पहले प्रधानमंत्री बने। देश की आजादी के बाद सरदार पटेल उपप्रधानमंत्री और गृह, सूचना एवं राज्य विभाग के पहले मंत्री भी रहे। सरदार पटेल की मृत्यु के 41 वर्ष बाद 1991 में उन्हें भारत के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनके पोते विपीनभाई पटेल ने स्वीकार किया।
9) सरदार पटेल के पास अपना घर भी नहीं था। वह अहमदाबाद में किराये के मकान में रहते थे । जब 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में उनकी मृत्यु हुई, तो उनके बैंक खाते में केवल 260 रुपये थे।
10) आजादी से पहले जूनागढ़ रियासत के नवाब ने 1947 में पाकिस्तान में शामिल होने का फैसला किया था, लेकिन भारत ने उनके फैसले को मानने से इनकार कर दिया और इसे भारत में मिला लिया। भारत के तत्कालीन उपप्रधानमंत्री सरदार पटेल 12 नवंबर 1947 को जूनागढ़ पहुंचे।
FAQs
सरदार वल्लभ भाई पटेल का पूरा नाम क्या है हिंदी में?
सरदार वल्लभ भाई पटेल का पूरा नाम वल्लभभाई झावरभाई पटेल है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको सरदार पटेल का पूरा नाम क्या है – Sardar Patel Full Name In Hindi के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख सरदार पटेल का पूरा नाम क्या है – Full Name Of Sardar Patel In Hindi अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।