सबसे शक्तिशाली रत्न कौन सा है – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सौरमंडल में नौ ग्रह मौजूद हैं। इन नौ ग्रहों की स्थिति भी बदलती रहती है। जब नौ ग्रहों की स्थिति में बदलाव होता है तो इसका व्यक्ति के जीवन पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है। वैसे तो ग्रहों की स्थिति की अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का भी बहुत महत्व है।
यदि किसी व्यक्ति के जीवन में कोई भी समस्या आती है, तो ज्योतिषी जातक को रत्न धारण करने की सलाह देते हैं। वैसे तो रत्न कई प्रकार के होते हैं, लेकिन सबसे शक्तिशाली रत्न के बारे में बहुत ही कम लोगों को मालूम होगा।
इसलिए अगर आप भी जानना चाहते है की सबसे शक्तिशाली रत्न कौन सा है और मुझे कौन सा रत्न पहनना चाहिए, तो इस लेख को आखिरी तक अवश्य पढ़े, क्योकि आज के इस लेख में हम आपको इसके बारे में जानकारी देने वाले है, तो आइये जानते है –
सबसे शक्तिशाली रत्न कौन सा होता है (Sabse Shaktishali Ratna)
सबसे शक्तिशाली रत्न नीलम रत्न माना जाता है। यह रत्न शनिदेव का माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि नीलम रत्न (Neelam Ratna) रंक को भी राजा बना सकता है।
नीलम धारण करने के नियम (Neelam Pahnne Ke Niyam)
धारण करने से पहले नीलम की जांच कर लें। कोशिश करें कि इसे लोहे या चांदी में ही पहनें। इसे सोने में पहनना ज्यादा शुभ नहीं रहेगा। शनिवार की आधी रात को नीलम धारण करना सबसे उपयुक्त माना जाता है। बायें हाथ में नीलम धारण करें तथा इसके साथ जल तत्व का रत्न अवश्य धारण करें। चौकोर नीलम धारण करना उत्तम एवं अधिक शुभ होता है। इसे धारण करने से पहले इसे भगवान शिव और शनिदेव को अवश्य समर्पित करें। नीलम शनि का रत्न है, इसे धारण करने के बाद भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।
नोट – इस बात का ध्यान रखें कि कुंडली के तत्वों और शनि को जाने बिना नीलम न पहनें।
रत्न धारण करने के कुछ नियम –
रत्न धारण करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि रत्न असली हो। कई बार लोग हमें नकली रत्न दे देते हैं और हम धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। इसलिए रत्न खरीदने से पहले किसी ज्योतिषी की मदद जरूर लें।
रत्न धारण करने से पहले उसे मंत्रों द्वारा शुद्ध अवश्य कर लें। रत्न धारण करने से पहले रत्न को अभिमंत्रित अवश्य कर लें।
रत्न को एक बार उंगली में पहनने के बाद बार-बार उतारने से बचना चाहिए। रत्न पहनने के बाद बार-बार उतारने से उसका प्रभाव कम हो जाता है और मुनाफा कम मिलता है।
कभी भी टूटा हुआ रत्न धारण न करें। यदि आपने जो रत्न पहना है वह टूट गया है, तो ऐसे रत्न पहनने से बचें। यदि रत्न का मूल रंग भी उड़ गया हो, तो ऐसा रत्न भी नहीं पहनना चाहिए।
कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति का रत्न धारण नहीं करना चाहिए और आपको अपना रत्न किसी दूसरे व्यक्ति को पहनने के लिए नहीं देना चाहिए।
रत्न हमेशा ज्योतिष शास्त्र में बताई गई संबंधित धातु में ही बनवाकर पहनना चाहिए।
पहने जाने वाले रत्न का आकार और वजन कितना होना चाहिए। इस बारे में किसी ज्योतिषी से भी सलाह लें। पत्थर के कम और ज्यादा वजन से हम प्रभावित होते हैं।
कोई भी रत्न पहनने से पहले एक बार ज्योतिषी से सलाह जरूर लें।
रत्न धारण करने का समय –
वैसे रत्न आप सुबह 6 से 8 बजे के बीच पहन सकते हैं। यह समय रत्न धारण करने के लिए शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप शुभ समय चुनकर भी रत्न धारण कर सकते हैं।
नीलम रत्न के बारे में (Neelam Ratna In Hindi)
शनिदेव का मुख्य रत्न नीलम है। भूविज्ञान में इसे बहुत शक्तिशाली और प्रभावशाली रत्न कहा गया है। नीलम मुख्य रूप से वायु तत्व को नियंत्रित करता है। यदि यह किसी भी राशि के लिए शुभ है यानी यह आपके स्वामी ग्रह के अनुकूल है तो यह आपको सफलता के शिखर पर पहुंचा सकता है, लेकिन यदि यह आपके लिए अशुभ है तो व्यक्ति को अपना सब कुछ खोने में देर नहीं लगती है। इसलिए सलाह दी जाती है कि ज्योतिषियों को सलाह के बगैर इसे धारण नहीं करना चाहिए।
गलत सलाह के आधार पर नीलम पहनने से आपका जीवन बर्बाद हो सकता है। यह करीब 24 घंटे में अपना असर दिखाना शुरू कर देता है। नीलम शनि का रत्न है और यह उन्हें समर्पित है। इसके दो रत्न हैं जमुनिया व लिलिया।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि के लोग नीला नीलम पहन सकते हैं। शनि इन राशियों के स्वामियों के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार करता है और इसीलिए इन राशियों को नीलम धारण करने से शुभ परिणाम मिलते हैं। शनि राशि कुंभ और मकर राशि के लोगों के अलावा वृषभ राशि के लोगों को भी नीलम पहनने की सलाह दी जाती है।
नोट – बिना किस ज्योतिषी सलाह के नीलम या कोई भी रत्न धारण न करे। नीलम या कोई भी रत्न धारण करने से पूर्व एक बार ज्योतिषी सलाह अवश्य ले।
नीलम रत्न धारण करने के फायदे
नीलम रत्न के बारे में कहा जाता है कि अगर इसे धारण किया जाए तो यह जल्द ही अपना असर दिखाना शुरू कर देता है। इस रत्न को धारण करने से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इसके साथ ही व्यापार, नौकरी आदि में लाभ होता है। स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी व्यक्ति को प्राप्त होता है। इसे भाग्य बढ़ाने वाला रत्न कहा गया है।
नीलम रत्न धारण करने के नुकसान
नीलम रत्न अनुकूल होने पर जितनी तेजी से लाभ दिखाता है उतनी ही तेजी से प्रतिकूल प्रभाव के कारण नीलम पहनने से आपको नुकसान भी हो सकता है। यह आपकी आर्थिक स्थिति और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है इसलिए इसे किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह से ही धारण करना चाहिए। साथ ही इसे खरीदते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
FAQs
कौन अधिक शक्तिशाली पुखराज या नीलम है?
नीलम अधिक शक्तिशाली है।
क्या नीलम सभी को सूट करता है?
नहीं, नीलम सभी को सूट नहीं करता है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने आपको सबसे शक्तिशाली रत्न कौन सा है के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख सबसे शक्तिशाली रत्न कौन सा है अच्छा लगा है, तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।