RTGS क्या है, कैसे काम करता है और RTGS लिमिट – (RTGS Meaning In Hindi)

RTGS Kya Hai In Hindi: आरबीआई भारत में बैंकिंग सेवाओं को आसान बनाने के लिए कई प्रयास करता है, इसलिए आरबीआई द्वारा समय-समय पर नए भुगतान मोड शुरू किए जाते हैं। भारत में ऑनलाइन लेनदेन को और अधिक सुरक्षित और तेज बनाने के लिए, आरबीआई ने वर्ष 2004 में आरटीजीएस नाम की सेवा शुरू की थी। जिसके माध्यम से कोई भी कंपनी या व्यक्ति सबसे बड़ी राशि को भी तुरंत ट्रान्सफर कर सकता है।

आरटीजीएस व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सर्विस है। लेकिन एक आम आदमी RTGS का इस्तेमाल कम ही करता है। जिसका कारण उन्हें RTGS क्या है, RTGS का फुल फॉर्म क्या है, RTGS कैसे काम करता है, RTGS से फंड कैसे ट्रांसफर किया जाता है और RTGS के फायदे और नुकसान क्या है, इसके बारे में जानकारी नहीं होती है।

अगर आप भी आरटीजीएस के बारे में नहीं जानते हैं तो आप सही ब्लॉग पर आए हैं क्योंकि इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम आपको आरटीजीएस की सारी जानकारी देने जा रहे हैं, लेकिन इसके लिए आपको इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा। तो चलिए आपका ज्यादा समय ना लेते हुए इस लेख को शुरू करते हैं और जानते हैं कि आरटीजीएस क्या है –

आरटीजीएस का फुल फॉर्म क्या है? (RTGS Ka Full Form Kya Hai)

आरटीजीएस का फुल फॉर्म रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट है। जिसका हिंदी मतलब होता है – वास्तविक समय में सकल निपटान।

आरटीजीएस क्या है? (What Is RTGS In Hindi)

आरटीजीएस ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करने का एक ऐसा तरीका है जिसके जरिए आप घर बैठे किसी अन्य बैंक अकाउंट में ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं और अपने बैंक अकाउंट में ऑनलाइन पैसे मंगवा सकते हैं। आरटीजीएस इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर का सबसे तेज और सबसे सुरक्षित तरीका है। आरटीजीएस के जरिए आप रियल टाइम में फंड ट्रांसफर कर सकते हैं।

आरटीजीएस में, बिना नेटिंग के ऑर्डर बाय ऑर्डर के आधार पर एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में धनराशि भेजी जाती है।

हालांकि पहले आरटीजीएस की सेवा एक निश्चित समय के लिए उपलब्ध होती थी लेकिन 14 दिसंबर 2020 से आरबीआई ने आरटीजीएस की सेवा 24x7x365 के लिए उपलब्ध करा दी। आप आरटीजीएस के माध्यम से कभी भी पैसे ट्रांसफर और प्राप्त कर सकते हैं।

आरटीजीएस के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करने के लिए, प्रेषक (पैसे भेजने वाले) के पास लाभार्थी का पूरा बैंक खाता विवरण होना आवश्यक है जैसे खाता धारक का नाम, बैंक खाता संख्या, आईएफएससी कोड।

आरटीजीएस का इस्तेमाल बड़े फंड ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया के जरिए आप 2 लाख से कम पैसे ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं। और ट्रांजैक्शन आरटीजीएस के जरिए पैसे ट्रांसफर करने के 30 मिनट के अंदर पूरा हो जाता है।

आरटीजीएस कैसे काम करता है? (How Does RTGS Work in Hindi)

आरटीजीएस की कार्यप्रणाली थोड़ी जटिल है जिसे समझना इतना आसान नहीं है। लेकिन फिर भी हमने आपको आसान शब्दों में आरटीजीएस की कार्यप्रणाली समझाने की कोशिश की है।

जब प्रेषक (Sender) आरटीजीएस के माध्यम से पेमेंट की प्रक्रिया को पूरा करता है, तो भेजने वाला बैंक अपने सेंट्रल प्रोसेसिंग सिस्टम को जानकारी को फीड करता है और फिर इसे प्रोसेसिंग के लिए RBI को भेजता है।

इसके बाद आरबीआई सारी ट्रान्जैक्शन को प्रोसेस करके कम्पलीट करता है और भेजने वाले बैंक के अकाउंट से अमाउंट को डेबिट करके उस बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर देता है जिस बैंक को आरटीजीएसकिया गया है।

इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद, एक विशिष्ट लेनदेन संख्या (UTN) उत्पन्न होती है जिसे आरबीआई सैंडिंग बैंक (पैसे भेजने वाली बैंक) को भेजता है। जब यह यूटीएन सेंडर बैंक को जाता है, तो इसका मतलब है कि फंड ट्रांसफर कर दिया गया है।

प्रेषक (Sender) बैंक यूटीएन प्राप्त करके, यह प्राप्तकर्ता (Receiver) बैंक को एक संदेश भेजता है जिसमें लाभार्थी के खाते का विवरण होता है जिसमें राशि जमा की जानी होती है।

और फिर प्राप्तकर्ता (Receiver) बैंक लाभार्थी के खाते में पैसे ट्रान्सफर करता है और लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर एक संदेश भेजता है जिसमें बैंक बताता है कि पैसा आपके खाते में सफलतापूर्वक जमा हो गया है। इस पूरी प्रक्रिया में केवल 30 मिनट का समय लगता है।

आरटीजीएस का इतिहास (History Of RTGS in Hindi)

आरटीजीएस को भारत में 26 मार्च 2004 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा पेश किया गया था। प्रारंभ में, आरटीजीएस की सेवा केवल इंटर-बैंक लेनदेन के सेटलमेंट के लिए उपलब्ध थी, लेकिन 29 अप्रैल 2004 को, RBI ने ग्राहकों के लेनदेन के सेटलमेंट के लिए आरटीजीएस को खोल दिया।

दिसंबर 2020 तक आरटीजीएस की सेवा के लिए एक निश्चित समय था और आरटीजीएस की सेवा सरकारी छुट्टियों और बैंक छुट्टियों के दिन बंद रहती थी। लेकिन 14 दिसंबर, 2020 को आरबीआई ने घोषणा की थी कि आज के बाद आरटीजीएस की सेवा 24 घंटे और सप्ताह के सातों दिन उपलब्ध रहेगी। तो अब ग्राहक आरटीजीएस के जरिए कभी भी फंड ट्रांसफर कर सकते हैं।

आरटीजीएस करने के लिए आवश्यक जानकारी

आरटीजीएस के माध्यम से पैसे भेजने के लिए आपको कुछ बुनियादी आवश्यकताओं की आवश्यकता होती है। अगर आप आरटीजीएस कर रहे हैं तो इसके लिए आपको निम्न जानकारी चाहिए।

  • बैंक का नाम और लाभार्थी की शाखा।
  • लाभार्थी का नाम जो उसके बैंक खाते में है।
  • लाभार्थी का बैंक खाता संख्या।
  • लाभार्थी के बैंक का आईएफएससी कोड।
  • न्यूनतम राशि 2 लाख।

आरटीजीएस कैसे करें? (RTGS Kaise Kare)

कई लोगों के मन में यह भी सवाल होता है कि आरटीजीएसके जरिए पैसे कैसे ट्रांसफर करें? तो इसका सीधा सा जवाब है कि अगर आप 2 लाख या इससे ज्यादा की रकम ट्रांसफर करना चाहते हैं तो ऑनलाइन मोबाइल बैंकिंग और ऑफलाइन बैंक में जाकर आरटीजीएस के जरिए पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।

इस लेख में, हमने आपको आरटीजीएस के माध्यम से फंड ट्रांसफर करने की ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रक्रिया के बारे में बताया है।

आरटीजीएस ऑनलाइन कैसे करें (Online RTGS Kaise Kare)

आरटीजीएस ऑनलाइन करने के लिए नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन करें –

  • सबसे पहले आप नेट बैंकिंग की सेवा को एक्टिवेट करें, उसके बाद ही आप आरटीजीएस के जरिए ऑनलाइन फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। नेट बैंकिंग एक्टिवेट करने के लिए आप अपने बैंक में जाकर नेट बैंकिंग का फॉर्म भर सकते हैं।
  • नेट बैंकिंग एक्टिवेट करने के बाद अपने बैंक की वेबसाइट पर यूजरनेम और पासवर्ड से लॉग इन करें।
  • यहां आपको प्रोफाइल में लाभार्थी का विकल्प मिलेगा। आप Add Beneficiary पर क्लिक करें।
  • इसके बाद आपको पेमेंट मेथड में आरटीजीएस सेलेक्ट करना होगा।
  • अब आपको लाभार्थी के बैंक खाते का पूरा विवरण भरना होगा, जैसे खाता संख्या, आईएफएससी कोड, शाखा का नाम, लाभार्थी का नाम आदि।
  • इसके साथ ही आप वह राशि भी डालें जो आप आरटीजीएस के जरिए भेजना चाहते हैं।
  • इन सभी विवरणों को भरने के बाद, कन्फर्म पर क्लिक करें और नियम और शर्तों को स्वीकार करें।
  • आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान प्रक्रिया को पूरा करने के लिए, आपके बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा, आप ओटीपी भरें और भुगतान करें।
  • 30 मिनट के भीतर लाभार्थी के बैंक खाते में धनराशि स्थानांतरित कर दी जाएगी।
  • तो इस तरह आप ऑनलाइन RTGS कर सकते हैं।

आरटीजीएस ऑफलाइन कैसे करें (Offline RTGS Kaise Kare)

  • अगर आपको RTGS ऑनलाइन करना नहीं आता है या आपके पास नेट बैंकिंग की सुविधा नहीं है तो आप आरटीजीएस ऑफलाइन भी कर सकते हैं।
  • आरटीजीएस के जरिए ऑफलाइन फंड ट्रांसफर करने के लिए आपको अपने बैंक की नजदीकी ब्रांच में जाना होगा।
  • इसके बाद आरटीजीएस का फॉर्म लें। यह फॉर्म आम तौर पर एनईएफटी या चेक डिपॉजिट के समान होता है।
  • इसके बाद आप लाभार्थी का पूरा विवरण सही-सही भरें और वह राशि भी भरें जो आप भेजना चाहते हैं।
  • यह सब करने के बाद आप फॉर्म को बैंक में जमा कर दें।
  • फॉर्म जमा करने के 30 मिनट के भीतर लाभार्थी के बैंक खाते में पैसा सफलतापूर्वक स्थानांतरित कर दिया जाता है।
  • तो इस तरह आप बैंक में जाकर ऑफलाइन आरटीजीएस कर सकते हैं।

आरटीजीएस करने की फीस (RTGS Fees In Hindi)

आरटीजीएस की सर्विस फ्री में नहीं मिलती है, आरटीजीएस करने के लिए भेजने वाले को कुछ एक्स्ट्रा चार्ज भी देना पड़ता है. लेकिन लाभार्थी को किसी प्रकार का कोई चार्ज नहीं देना होता है।

आरटीजीएस में पैसे ट्रांसफर करने के चार्ज को 2 स्लैब में बांटा गया है। एक 2 लाख से 5 लाख तक और दूसरा 5 लाख से अधिक तक। नीचे टेबल के जरिए हमने आपको दोनों स्लैब के चार्जेज के बारे में बताया है।

2 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक – 30 रुपये प्रति लेन-देन
5 लाख से अधिक – 55 रुपये प्रति लेन-देन

आरटीजीएस शुल्क (RTGS Charges In Hindi)

ध्यान दें कि ये शुल्क जीएसटी के बिना हैं, यदि आप आरटीजीएस के साथ लेनदेन करते हैं तो आपको शुल्क के साथ जीएसटी का भुगतान करना होगा।

आरटीजीएस समय (RTGS Timing In Hindi)

NEFT की तरह पहले RTGS करने का एक निश्चित समय होता था। आरटीजीएस सेवा सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक उपलब्ध रहती थीऔर शनिवार को यह सेवा सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक उपलब्ध रहती थी। इसके अलावा आरटीजीएस सेवा बैंक और सरकारी छुट्टियों के दिन बंद रहती थी।

लेकिन 14 दिसंबर, 2020 से आरटीजीएस सेवा 24x7x365 उपलब्ध है। इसलिए आप कभी भी आरटीजीएस के जरिए पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।

आरटीजीएस न्यूनतम राशि (RTGS Minimum Amount In Hindi)

आरटीजीएस की सेवा छोटी रकम ट्रांसफर करने के लिए नहीं है। आप आरटीजीएस के जरिए कम से कम 2 लाख रुपये ट्रांसफर कर सकते हैं. अगर आप 2 लाख से कम राशि ट्रांसफर करना चाहते हैं तो आप अन्य भुगतान विधि का उपयोग कर सकते हैं।

आरटीजीएस की विशेषताएं (Feature of RTGS in Hindi)

  • आरटीजीएस की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं –
  • आरटीजीएस रियल टाइम में फंड ट्रांसफर करने की सुविधा प्रदान करता है।
  • आरटीजीएस के माध्यम से फंड ट्रांसफर 30 मिनट के भीतर हो जाता है।
  • आरटीजीएस में फंड ऑर्डर बाय ऑर्डर के आधार पर भेजा जाता है।
  • आरटीजीएसबहुत विश्वसनीय है क्योंकि यह RBI के अंतर्गत आता है।
  • 14 दिसंबर 2020 के बाद से आरबीआई ने आरटीजीएस सेवा को 24X7 उपलब्ध कराया है।

आरटीजीएस के फायदे (Benefits Of RTGS In Hindi)

आरटीजीएस के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं –

  • आरटीजीएस इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर का सबसे तेज और सुरक्षित तरीका है।
  • आरटीजीएस बहुत कम शुल्क लेता है।
  • आप घर बैठे ऑनलाइन इंटरनेट बैंकिंग की सेवा का उपयोग करके आरटीजीएस के माध्यम से फंड ट्रांसफर कर सकते हैं।
  • अब आरटीजीएस की सुविधा 24X7 उपलब्ध है, आप आरटीजीएस के माध्यम से कभी भी पैसे भेज और मंगवा सकते हैं।
  • आरटीजीएस का पैसा 30 मिनट के भीतर लाभार्थी के बैंक खाते में जमा हो जाता है।
  • आप बिना किसी कागजी कार्रवाई के ऑनलाइन आरटीजीएस कर सकते हैं।
  • आरटीजीएस उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है, जिन्हें दिन में बड़ी रकम का लेन-देन करना होता है।
  • आरटीजीएस की सुविधा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपलब्ध है।

आरटीजीएस के नुकसान (Disadvantages Of RTGS In Hindi)

आरटीजीएस के कुछ नुकसान निम्नलिखित हैं –

  • आरटीजीएस से आप 2 लाख से कम का फंड ट्रांसफर नहीं कर सकते।
  • आप आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किए गए फंड को ट्रैक नहीं कर सकते हैं, इसमें सेंट्रल बैंक द्वारा केवल लाभार्थी बैंक को फंड ट्रांसफर करने का संदेश प्राप्त होता है।
  • आरटीजीएस की सर्विस फ्री नहीं है, हर ट्रांजैक्शन पर आपको कुछ रुपये देने होते हैं।
  • कई बार सर्वर डाउन होने पर आरटीजीएस की सेवा काम नहीं करती है।

आरटीजीएस और एनईएफटी के बीच अंतर (Difference Between RTGS And NEFT In Hindi)

आरटीजीएस और एनईएफटी एक दोनों से काफी अलग हैं, हमने आपको यंहा आरटीजीएस और एनईएफटी में अंतर बता दिया है –

  • आरटीजीएस का फुल फॉर्म रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट है। एनईएफटी का फुल फॉर्म नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर है।
  • आरटीजीएस में फंड ट्रांसफर रियल टाइम में होता है। एनईएफटी में फंड ट्रांसफर करने में कम से कम 2 घंटे का समय लगता है।
  • आरटीजीएस में फंड ट्रांसफर करने की न्यूनतम सीमा 2 लाख रुपये है। एनईएफटी में फंड ट्रांसफर करने की कोई न्यूनतम सीमा नहीं है।
  • अब आरटीजीएस सेवा चौबीसों घंटे उपलब्ध है। एनईएफटी सेवा एक निश्चित अवधि के लिए उपलब्ध होती है।
  • बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए आरटीजीएस एक अच्छा विकल्प है। कम या मध्यम राशि एनईएफटी के माध्यम से स्थानांतरित की जाती है।

FAQs

आरटीजीएस का मतलब क्या है?
आरटीजीएस एक इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर प्रक्रिया है जिसके द्वारा आप एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में ऑनलाइन या ऑफलाइन पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।

आरटीजीएस का पूरा नाम क्या है?
आरटीजीएस का फुल फॉर्म होता है – रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट।

आरटीजीएस का हिंदी मतलब क्या है?
आरटीजीएस को हिंदी में वास्तविक समय में सकल निपटान कहा जाता है।

भारत में आरटीजीएस की शुरुआत कब हुई थी?
भारत में आरटीजीएस सेवा 26 मार्च 2004 को शुरू की गई थी।

आरटीजीएस के माध्यम से फंड ट्रांसफर करने में कितना समय लगता है?
आरटीजीएस के जरिए फंड ट्रांसफर करने में कम से कम 30 मिनट का समय लगता है।

आरटीजीएस के जरिए कितना पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है?
आरटीजीएस के जरिए आप कम से कम 2 लाख रुपये ट्रांसफर कर सकते हैं, इसमें कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है।

क्या आरटीजीएस के माध्यम से विदेश में पैसा भेज सकते है।
नहीं, आरटीजीएस सेवा केवल भारत में उपलब्ध है।

आरटीजीएस किसके लिए सही है?
आरटीजीएस ज्यादातर उन कंपनियों, फर्मों, संस्थानों या व्यक्तियों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें बड़ी मात्रा में पैसे का लेन-देन करना होता है।

आरटीजीएस के क्या नुकसान हैं।
आरटीजीएस का नुकसान ये है कि इसमें ट्रांजैक्शन को ट्रैक करने की सुविधा नहीं दी जाती।

आरटीजीएस की लिमिट क्या है?
आरटीजीएस की न्यूनतम लिमिट 2 लाख रुपये है। और अधिकतम लिमिट नहीं होती है।

RTGS कितना समय लगता है?
आरटीजीएस का पैसा 30 मिनट के भीतर लाभार्थी के बैंक खाते में जमा हो जाता है।

आरटीजीएस की न्यूनतम सीमा क्या है?
आरटीजीएस की न्यूनतम सीमा 2 लाख रुपये है।

भारत में RTGS की शुरुआत कब हुई?
भारत में आरटीजीएस सेवा 26 मार्च 2004 को शुरू की गई थी।

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निष्कर्ष

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