Purab Paschim Uttar Dakshin Disha: दिशा का ज्ञान होना अति आवश्यक है, प्रत्येक व्यक्ति को पता होना चाहिए कि पूर्व दिशा, पश्चिम दिशा, उत्तर दिशा, दक्षिण दिशा कौन सी दिशा में है। दिशा का वास्तु शास्त्र में बहुत महत्व है। वास्तु शास्त्र में दिशा के माध्यम से घर के विभिन्न भागों और स्थानों को सही जगह पर बनाया जाता है।
लेकिन क्या आप जानते है पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण किधर है, अगर नहीं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े। इस लेख में हम आपको पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा किधर है, पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा कैसे पहचाने, के बारे में जानकारी देने जा रहे है तो आइये जानते है पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा दिखाओ –
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण इन इंग्लिश में (Purab Paschim Uttar Dakshin In English Mein)
- पूरब या पूर्व (East)
- पश्चिम (West)
- उत्तर (North)
- दक्षिण (South)
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा कैसे पता करें, पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण किधर है (Purab Paschim Uttar Dakshin Kidhar Hai)
पूर्व दिशा (East Direction)
जिस दिशा में सूर्य (Sun) उदय होता है, अर्थात जिस दिशा में सूर्य उगता है, वह दिशा पूर्व दिशा होती है। पूर्व दिशा को अंग्रेजी में ईस्ट कहते हैं
पश्चिम दिशा (West Direction)
जिस दिशा में सूर्य अस्त होता है अर्थात सूर्य अस्त डूबता होता है वह दिशा पश्चिम दिशा होती है। पश्चिम दिशा को अंग्रेजी में वेस्ट कहते हैं।
उत्तर दिशा (West Direction)
यदि आप पूर्व की ओर मुंह करके खड़े हो जाए, तो आपका बायां हाथ उत्तर की ओर होगा और यही दिशा उत्तर दिशा होगी। उत्तर को अंग्रेजी में नार्थ कहते हैं।
दक्षिण (South Direction)
यदि आप पूर्व की ओर मुख करके खड़े हो जाए, तो आपका दाहिना हाथ दक्षिण की ओर होगा और यही दिशा दक्षिण दिशा होगी। दक्षिण को अंग्रेजी में साउथ कहते हैं।
इसके अलावा आप कंपास की सहायता से भी दिशा का पता लगा सकते हैं, आजकल स्मार्टफोन में कंपास का फीचर आना शुरू हो गया है।
दिशा का महत्व (Importance Of Direction In Hindi)
दिशाओं के ज्ञान को वास्तु कहते हैं। वास्तु में दिशाओं को ध्यान में रखकर भवन निर्माण तथा उसकी आंतरिक सज्जा की जाती है। कहा जाता है कि वास्तु के अनुसार घर बनाने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। वास्तु में दिशाओं का बहुत महत्व होता है। वास्तु के अनुसार अगर आपके घर में गलत दिशा में कोई निर्माण हो रहा है तो वह किसी न किसी तरह से आपके परिवार को नुकसान ही पहुंचाता है। वास्तु में आठ महत्वपूर्ण दिशाएं होती हैं, जिनका भवन निर्माण करते समय ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।
FAQs For Purv Paschim Uttar Dakshin
चारों दिशाओं को कैसे पहचाने?
अगर हम पूर्व (सूर्य) की ओर मुँह करके खड़े हों जाए तो पीठ की ओर पीछे पश्चिम दिशा, दाहिने हाथ की ओर दक्षिण दिशा और बाएँ हाथ की ओर उत्तर दिशा होती है।
सूर्य कौन सी दिशा में उगता है?
सूर्य पूर्व दिशा में उगता है।
पूर्व दिशा किधर है?
जिस दिशा में सूर्य उगता है वह दिशा पूर्व दिशा कहलाती है।
पश्चिम दिशा किधर है?
जिस दिशा में सूर्य डूबता है वह दिशा पश्चिम दिशा कहलाती है।
दक्षिण दिशा किधर है?
सूर्य की ओर मुँह करके खड़े होने पर, दाहिने हाथ की दिशा दक्षिण दिशा कहलाती है।
उत्तर दिशा किधर है?
सूर्य की ओर मुँह करके खड़े होने पर, बाएँ हाथ की दिशा उत्तर दिशा कहलाती है।
निष्कर्ष
आज इस लेख में हमने आपको पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा कैसे पता करें, पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा कैसे पहचाने के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण किधर है (Purab Paschim Uttar Dakshin Disha Kidhar Hai) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।