Pratyay Kise Kahate Hain – आज के इस लेख में हम आपको प्रत्यय किसे कहते है, प्रत्यय की परिभाषा उदाहरण सहित, प्रत्यय का अर्थ, प्रत्यय का भेद और प्रत्यय के प्रकार के बारे में जानकारी देने वाले है। अगर आप उपरोक्त जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख के अंत तक बने रहे। तो चलिए जानते है –
प्रत्यय का अर्थ क्या होता है (Pratyay Ka Arth Kya Hota Hai)
प्रत्यय दो शब्दों प्रति + अय से मिलकर बना है। प्रति का अर्थ है – साथ में, लेकिन बाद में और अय का अर्थ है – चलने या लगने वाला। अतः प्रत्यय का अर्थ होता है – शब्दों के साथ में, पर बाद में लगने वाला। शब्दों के अंत में प्रत्यय का प्रयोग किया जाता है।
प्रत्यय किसे कहते हैं / प्रत्यय क्या है (Pratyay Kya Hai In Hindi)
वह शब्दांश जो किसी शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाता है, प्रत्यय कहलाता है। प्रत्यय का अपना कुछ अर्थ नहीं होता है, और न ही इनका स्वतंत्र रूप से उपयोग होता है।
प्रत्यय की परिभाषा उदाहरण सहित (Pratyay Ki Paribhasha Udaharan Sahit)
प्रत्यय की परिभाषा – वे शब्दांश जो किसी शब्द के अंत में जोड़े जाते हैं, और इन्हें जोड़ने से शब्द का अर्थ बदल जाता है। प्रत्यय कहलाते है।
प्रत्यय एक अवकारी शब्दांश है। जो किसी शब्द के अंत में जुड़ जाने पर उसका अर्थ या भाव बदल देते है। अर्थात् वे शब्द में नये लक्षण (विशेषता) उत्पन्न करते हैं। उदाहरण के लिए – लिख शब्द के अंत में आवट प्रत्यय जोड़ने से लेखावट शब्द का निर्माण होता है।
प्रत्यय के उदाहरण (Pratyay Ke Udaharan In Hindi)
1. सफल + ता → सफलता
2. लिख + आई → लिखाई
3. भोला + पन → भोलापन
4. चढ़ + आई → चढ़ाई
5. मिल + आवट → मिलावट
6. घबरा + आहट → घबराहट
7. कृ + तव्य → कर्तव्य
8. बच्चा + पन → बचपन
9. अपना + त्व → अपनत्व
10. दूर + ई → दूरी
11. गरीबी + ई → गरीबी
12. देन + दार → देनदार
इन शब्दों में ‘ता’, ‘आई’ ‘पन’ और ‘आवट’ आदि शब्दांश प्रत्यय हैं। जिसे मूल शब्द ‘सफल’, ‘लिख’ और ‘भोला’ के अंत में जोड़ने पर ‘सफलता’, ‘लिखाई’ ‘भोलापन’ और ‘मिलावट’ शब्द बनते हैं।
प्रत्यय के प्रकार / प्रत्यय के भेद (Pratyay Ke Prakar)
प्रत्यय के दो प्रकार या भेद होते हैं, जिनके नाम निम्नलिखित है –
- कृत प्रत्यय
- तद्धित् प्रत्यय
1) कृत प्रत्यय
वे शब्दांश जो क्रिया के मूल रूप अर्थात् धातु के अंत में जुड़कर नये शब्द बनाते हैं। कृत प्रत्यय कहलाते है। कृत प्रत्यय से बने शब्द कृदंत शब्द कहलाते हैं। क्रियाओं के सामान्य रूप जैसे पढ़ना, लिखना, उठना, चलना आदि में से ‘ना’ को हटा देने पर जो रूप बचता है उसे धातु कहते हैं। उदाहरण के लिए, ‘पढाई’ शब्द बनाने के लिए ‘पथ’ धातु में प्रत्यय ‘आई’ जोड़ा जाता है।
कृत प्रत्यय के उदाहरण –
- कृ + ता – कर्ता
- वृ + अन – वरण
- सज + आवट – सजावट
- लिख + अक – लेखक
- काट + आई – कटाई
- मिल + आप – मिलाप
- उतर + अन – उतरन
कृत् प्रत्यय के भेद –
- कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय
- कर्मवाचक कृत् प्रत्यय
- करणवाचक कृत् प्रत्यय
- भाववाचक कृत् प्रत्यय
- क्रियावाचक कृत् प्रत्यय
2) तद्धित् प्रत्यय
वे शब्दांश जो धातु के अतिरिक्त संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि के अंत में जुड़कर नये शब्द बनाते हैं। प्रत्यय कहलाते है।उदाहरण के लिए, सुंदर और कठिन शब्दों में ‘ता’ और ‘आई’ प्रत्यय जुड़कर नए शब्द ‘सौंदर्य’ और ‘कठिनाई’ बनते हैं।
तद्धित् प्रत्यय के उदाहरण –
- बालक + पन – बालकपन
- मित्र + ता – मित्रता
- अपना + त्व – अपनत्व
- अहम् + कार – अहंकार
- सर्व + स्व – सर्वस्व
- अच्छा + आई – अच्छाई
- बुरा + आई – बुराई
- समीप + य – सामीप्य
तद्धित प्रत्यय के भेद –
- कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय
- भाववाचक तद्धित प्रत्यय
- संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय
- अप्रत्यवाचक तद्धित प्रत्यय
- उनवाचक तद्धित प्रत्यय
- स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय
ध्यान दे – प्रत्येक का एक प्रकार स्त्रीलिंग प्रत्यय भी होता है लेकिन मूलतः ये दोनों (कृत और तद्धित) ही माने जाते हैं। प्रत्यय मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं – कृत और तद्धित। लेकिन हिंदी भाषा के प्रत्यय को चार भागों में बांटा गया है।
1. संस्कृत प्रत्यय
2. हिन्दी प्रत्यय
3. विदेशी प्रत्यय
4. ई प्रत्यय
ध्यान दे – कृत, तद्धित और स्त्री प्रत्यय हिन्दी और संस्कृत प्रत्यय के तीन-तीन भाग हैं। लेकिन आप अपने बोर्ड सिलेबस के अनुसार ही पढ़े, जो आपके सिलेबस में दिया गया है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको प्रत्यय किसे कहते है, प्रत्यय की परिभाषा उदाहरण सहित, प्रत्यय का अर्थ, प्रत्यय का भेद और प्रत्यय के प्रकार आदि के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख प्रत्यय किसे कहते हैं (Pratyay Kise Kahate Hain) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।