पितृ दोष निवारण के सरल उपाय – यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृदोष है तो व्यक्ति को जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए कुछ उपाय अपनाकर इनसे छुटकारा पाना बहुत जरूरी है।
पितृदोष अत्यंत कष्टकारी होता है। जिस किसी की कुंडली में पितृदोष होता है उसे कई तरह के मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। पितृदोष के कारण व्यक्ति के जीवन में जबरदस्त परेशानियां आने लगती हैं, इसलिए पितृदोष के लक्षणों को पहचानना और उसके अनुसार उपाय करके इस दोष को शांत करना जरूरी है।
आज के इस लेख में हम आपको पितृदोष क्या है, पितृदोष के कारण, पितृदोष के लक्षण और पितृदोष के उपाय के बारे में जानकारी देंगे, तो आइये जानते है –
पितृदोष क्या है (Pitri Dosh Kya Hai In Hindi)
ऐसा माना जाता है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद यदि उसका अंतिम संस्कार विधि-विधान से नहीं किया जाता है या किसी की अकाल मृत्यु हो जाती है, तो उस व्यक्ति के साथ-साथ उससे जुड़े परिवार के सदस्यों को भी कई पीढ़ियों तक पितृदोष का सामना करना पड़ता है।
पितृदोष के कारण (Pitri Dosh Ke Karan)
पितृदोष कई कारणों से होता है जैसे पितरों का उचित तरीके से अंतिम संस्कार और श्राद्ध न करना, पितरों का अपमान करना, घर की महिलाओं का सम्मान न करना, जानवरों की हत्या करना, बुजुर्गों का अपमान करना आदि।
पितृदोष के लक्षण (Pitri Dosh Ke Lakshan)
कई बार यह पता नहीं चल पाता कि आप जिन समस्याओं से गुजर रहे हैं वह पितृदोष तो नहीं है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि अगर जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है तो उसके कारणों को जानें। हो सकता है कि जो समस्या आपको छोटी लगती हो वह पितृदोष हो।
पितृदोष के कारण जीवन में संतान सुख नहीं मिलता है। नौकरी और बिजनेस में कड़ी मेहनत करने के बावजूद नुकसान उठाना पड़ता है। परिवार में अशांति बनी रहती है और किसी न किसी सदस्य का स्वास्थ्य ख़राब रहता है। जीवन में शुभ कार्यों में बाधाएं आती हैं।
पितृ दोष निवारण के सरल उपाय / घर में पितृ दोष के उपाय
- शाम के समय पीपल के पेड़ पर दीपक जलाएं और नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र या रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र और नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें। इससे पितृ दोष की शांति होती है।
- रोजाना अपने इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करें, इष्ट देवता व कुल देवता करने से पितृदोष ठीक हो जाता है।
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें, श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करें। इससे पितरों को शांति मिलती है और दोष कम होते हैं।
- पितृदोष से मुक्ति के लिए भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र से अभिषेक करें।
- घर की दक्षिण दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों की फोटो लगाएं और उन पर माला चढ़ाकर रोजाना उनकी पूजा करें। ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
- नियमित रूप से प्रतिदिन हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करें। ऐसा करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- अपने स्वर्गीय परिजनों की मृत्यु तिथि पर जरूरतमंदों या ब्राह्मणों को भोजन कराएं। स्वर्गीय परिजनों की पसंद के अनुसार भोजन बनाएं।
- रोजाना पितृ कवच का पाठ करें। रोजाना पितृ कवच का पाठ करने से पितृदोष की शांति होती है।
- अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों को कपड़े और भोजन आदि का दान करें। ऐसा करने से भी यह दोष दूर हो जाता है।
- दोपहर के समय पीपल के पेड़ पर जल, फूल, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों को याद करके उनका आशीर्वाद मांगें।
- पितरों के नाम पर छायादार, फलदार वृक्ष लगवाने से भी पितर दोष कम हो जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि शाम को, गोधूलि बेला में, पूर्वज अपने प्रियजनों को देखने के लिए पृथ्वी पर आते हैं, इसलिए शाम के समय दीपक जलाकर जलाकर एवं नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र एवं रूद्र सूक्त या पितर स्तोत्र एवं नवग्रह स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इससे पितरों की कृपा आप पर बनी रहती है और दोष दूर हो जाते हैं।
- पितृ दोष को दूर करने के लिए भगवान शिव से जुड़े उपाय बहुत कारगर माने जाते हैं। सोमवार की सुबह स्नान करके शिव मंदिर में आक के 21 फूल, दही, बिल्वपत्र से भगवान शिव की पूजा करें। माना जाता है कि इस प्रकार 21 सोमवार तक पूजा करने से पितृदोष समाप्त होने लगता है और आपके जीवन में फिर से खुशियां आने लगती हैं। अपने कुल देवता और इष्ट देवता की प्रतिदिन पूजा करने से भी पितृदोष दूर होता है।
- बजरंग बाण का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सभी प्रकार के दुख, दर्द और भय को दूर करने के लिए बजरंग बाण का पाठ अवश्य करें। भगवान राम और माता सीता के नाम का जाप करें। ऐसा कहा जाता है कि जहां भगवान राम का संकीर्तन होता है, वहां हनुमान जी मौजूद रहते हैं। राम नाम का जाप करने से जीवन के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
FAQs
पितृ दोष कैसे खत्म किया जाता है?
पितृ दोष की पूजा करवा के पितृ दोष खत्म किया जाता है।
पितरों के नाराज होने से क्या होता है?
पितरों के नाराज होने से कई समस्याओ का सामना करना पड़ता है जैसे – जीवन में संतान सुख नहीं मिलना, नौकरी और बिजनेस में कड़ी मेहनत करने के बावजूद नुकसान उठाना और परिवार में अशांति बने रहना आदि।
पितरों को खुश करने हेतु क्या करना चाहिए?
पितरों को खुश करने के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध और तर्पण और दान करना चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको पितृ दोष निवारण के सरल उपाय, घर में पितृ दोष के उपाय के के साथ साथ पितृदोष क्या होता है, पितृदोष के कारण और पितृदोष के लक्षण के बारे में भी जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख घर में पितृ दोष के उपाय (Ghar Mein Pitra Dosh Ke Upay) अच्छा लगा है, तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।