पीपल की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए – पीपल के पेड़ को सनातन हिन्दू धर्म में पूजनीय और बहुत पवित्र माना गया है। कहा जाता है की पीपल की जड़ में भगवान विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि और फलों में सभी देवताओं का वास होता है। इसलिए इसकी पूजा बहुत लाभकारी होती है। मान्यताओं के अनुसार, इसकी पूजा करने से जीवन में आने वाली परेशानियों और पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त होती है।
इसके अलावा पाप कर्मों से भी मुक्ति मिलती है। अगर आप पीपल के पेड़ की पूजा विधि-विधान से करते हैं तो मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा भी बरसाती हैं। शनिवार के दिन नियमित रूप से सुबह पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने और शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि की महादशा से राहत मिलती है।
लेकिन क्या आप जानते है पीपल की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए, पीपल के पेड़ पर जल कब चढ़ाना चाहिए? अगर नहीं तो आज के इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े। तो आइये जानते है पीपल की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए –
पीपल की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए (Pipal Ki Puja Shubh Kitne Baje Karni Chahiye)
शास्त्रों के अनुसार पीपल की पूजा हमेशा सूर्योदय के बाद करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करना सर्वोत्तम होता है।
नियमित तौर से अगर आप पीपल के पेड़ में दीपक जलाते हैं तो सुबह 7 बजे से 10 बजे तक का समय इसके लिए शुभ माना गया है। वहीं शाम के वक्त 5 बजे से 7 बजे तक पीपल के पेड़ पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है। ध्यान रखे की पीपल के पेड़ में देर रात यानि 9 बजे के बाद और सुबह 10 बजे के बाद कभी भी दीपक न जलाएं। पीपल की पूजा के लिए यह समय शुभ नहीं माना जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति पीपल के पेड़ की पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही शत्रुओं का भी नाश होता है। इसकी पूजा से ग्रह दोष, बाधाएं, काल सर्प दोष और पितृदोष भी शांत रहते हैं।
कभी भी सूर्योदय से पूर्व पीपल के पेड़ की पूजा नहीं करनी चाहिए। इससे घर में दरिद्रता का वास रहता है। शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय से पहले पीपल के पेड़ पर देवी अलक्ष्मी का वास होता है, जो दरिद्रता का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा अगर आप सूर्योदय से पहले पीपल के पेड़ की पूजा करते हैं तो घर में हमेशा दरिद्रता और जीवन में समस्याऐं बनी रहती हैं। इसलिए सूर्योदय से पहले न तो पीपल वृक्ष की पूजा करनी चाहिए और न ही इस वृक्ष के पास जाना चाहिए। इतना ही नहीं रविवार के दिन भूलकर भी पीपल के पेड़ पर जल न चढ़ाएं।
पीपल के पेड़ पर जल कब चढ़ाना चाहिए (Pipal Ke Ped Par Jal Kab Chadhana Chahiye)
पीपल के पेड़ पर जल सूर्योदय के बाद चढ़ाना चाहिए। पीपल के पेड़ पर जल चढाने का समय प्रातः काल 7 बजे से 10 बजे तक और शाम के वक्त 5 से 7 बजे तक है।
ऐसे करें पूजा
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें। इसके पश्चात किसी ऐसे मंदिर में जाएं जहां पीपल का वृक्ष हो। मंदिर में भगवान की पूजा करने के बाद पीपल वृक्ष की पूजा करें। इसके लिए सर्वप्रथम गाय का दूध शुद्ध जल में ले, इसमें तिल व चंदन मिलाकर पीपल के पेड़ (Pipal Ke Ped) की जड़ में अर्पित करें। इसके पश्चात पीपल के पेड़ पर जनेऊ, फूल, प्रसाद और अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं। अब किसी आसन पर बैठकर या खड़े होकर इस मंत्र का जाप करें।
मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे।
अग्रत: शिवरूपाय वृक्षराजाय ते नम:।।
आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्।
देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।
पीपल के पेड़ के आसपास किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं होनी चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि पीपल के पेड़ की पूजा हमेशा सूर्योदय के बाद ही करनी चाहिए। इसके साथ ही रविवार को पीपल के वृक्ष की पूजा वर्जित मानी गई है।
FAQs
पीपल में कितने बजे चढ़ाना चाहिए?
पीपल में जल – प्रातः काल 7 बजे से 10 बजे तक और शाम के वक्त 5 से 7 बजे तक चढ़ाना चाहिए।
कौन से दिन पीपल की पूजा नहीं करनी चाहिए?
रविवार वाले दिन पीपल की पूजा नहीं करनी चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको पीपल की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए, पीपल के पेड़ पर जल कब चढ़ाना चाहिए के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख पीपल की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए (Pipal Ki Puja Shubh Kitne Baje Karni Chahiye) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।