पढ़ाई करते समय कैसे बैठना चाहिए – कई बार बच्चे मन लगाकर पढ़ाई करते हैं फिर भी उन्हें परीक्षा में अच्छे अंक नहीं मिल पाते। वैसे तो सफलता मेहनत करने से ही मिलती है, लेकिन पढ़ाई के लिए आपके आसपास का माहौल भी बहुत मायने रखता है। कई बार बच्चे जिस स्थान और दिशा में बैठकर पढ़ाई करते हैं वह वास्तु के अनुसार सही नहीं होती है।
अगर बच्चे को खूब पढ़ाई करने के बाद भी परीक्षा में अच्छे नतीजे नहीं मिलते तो हो सकता है कि उसकी पढ़ाई की दिशा सही नहीं है। आपको अध्ययन कक्ष को वास्तु के अनुसार रखना चाहिए।
दरअसल अन्य चीजों की तरह अगर पढ़ाई की जगह वास्तु अनुसार हो तो अच्छा होता है। ऐसा माना जाता है कि बच्चों के स्टडी रूम में रखी जाने वाली चीजें जैसे की – स्टडी टेबल और बैठने की सही जगह से बच्चे को सफलता मिलती है, इसलिए इसे वास्तु नियमों के अनुसार ही इन्हे रखें।
वहीं, अगर बच्चे सही दिशा में बैठकर पढ़ाई करें है तो उनकी सफलता के चांस काफी बढ़ जाते हैं।
आज के इस लेख में हम आपको पढ़ाई करते समय कैसे बैठना चाहिए, पढ़ते समय कैसे बैठना चाहिए आदि के बारे में जानकारी देने वाले है। तो आइये जानते है –
पढ़ाई करते समय कैसे बैठना चाहिए / पढ़ते समय कैसे बैठना चाहिए
पढ़ाई करते समय आपको कुर्सी और टेबल का इस्तेमाल करना चाहिए। ताकि आप बेहतर पढ़ाई कर सकें। पढ़ाई के लिए खुली और शांत जगह का चयन करना चाहिए। शोर-शराबे वाली जगह का चुनाव बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। पढ़ने के लिए कुर्सी और मेज का प्रयोग करें। उचित रोशनी में ही बैठें और पढ़ें। पढ़ते समय अपने शरीर को ढीला न रखें।
कई बार छात्र आलस के कारण टेबल या कुर्सी पर बैठने की बजाय बिस्तर पर लेटकर पढ़ाई करते हैं। अगर आपको कुछ ऐसी चीजें पढ़नी-लिखनी हैं जिनका परीक्षा से कोई लेना-देना नहीं है तो कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन अगर बात कोर्स से जुड़ी हो तो मेज-कुर्सी पर ही पढ़ाई करें। ऐसी मान्यता है कि जब इंसान का शरीर सीधा रहता है तो दिमाग ज्यादा सक्रिय रहता है और चीजें ज्यादा याद रहती हैं।
कुछ विद्यार्थियों को कोई बात याद करते समय बार-बार सिर या पैर हिलाने की आदत होती है। ऐसा करना ठीक नहीं है। पढ़ते समय मन को शांत रखने के साथ-साथ शरीर को भी स्थिर रखना चाहिए।
वास्तु अनुसार पढ़ाई के लिए कुछ निश्चित दिशाएं ही अच्छी मानी जाती हैं और इन दिशाओं में बैठकर पढ़ाई करने से परीक्षा में अच्छे अंक मिलने की संभावना रहती है। वास्तु अनुसार पढ़ाई के लिए सबसे अच्छी दिशा उत्तर-पूर्व के कमरे में उत्तर या पूर्व की तरफ मुंह करके बैठना है।
पढ़ाई करते समय आपका मुख सदैव पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। यदि यह संभव न हो तो आप पूर्व की बजाय उत्तर की ओर मुख करके भी बैठ सकते हैं। इसके अलावा आप उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके भी पढ़ाई कर सकते हैं। ये दिशाएं पढ़ाई के लिए बहुत अच्छी मानी जाती हैं।
पढ़ाई करते समय किताबों, कॉपियों आदि को जूठे हाथों से न छुएं। मेज पर कोई भी खाने का सामान न रखें। अगर कुछ खाने का मन हो तो उठें, खाएं, फिर हाथ अच्छी तरह धो लें और पढ़ाई शुरू कर दें।
ऐसा हो बैठने का तरीका –
डेस्क और कुर्सी के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि आपके बैठने का तरीका सही हो। आराम के लिए अपने पीछे एक तकिया या मुड़ा हुआ तौलिया रखकर कुर्सी पर सीधे बैठें। कुर्सी पर कभी भी आगे की ओर न बैठें।
लंबे समय तक बैठे रहने पर बीच-बीच में कंधों को हिलाते और घुमाते रहें, ताकि कंधे शिथिल रहें। ज्यादा देर तक पैरों को क्रॉस करके न बैठें, इससे पैरों में दर्द हो सकता है। पढ़ाई करते समय बीच-बीच में अपनी आंखों को थोड़ा आराम दें।
पढ़ाई के बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लें, जैसे खड़े होना या टहलना। इससे मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं और रक्त संचार भी अच्छा रहता है। बिस्तर पर लेटकर न पढ़ें, इससे आलस्य आएगा और आपको जल्दी नींद भी आ जाएगी। आप जहां भी पढ़ाई करें वहां रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको पढ़ाई करते समय कैसे बैठना चाहिए, पढ़ते समय कैसे बैठना चाहिए आदि के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख पढ़ाई करते समय कैसे बैठना चाहिए (Padhai Karte Samay Kaise Bethna Chahiye) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।