मार्केटिंग क्या है | Marketing Kya Hai | Marketing Kya Hoti Hai: मार्केटिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शुरू से ही एक योजना बनानी पड़ती है, और मार्केटिंग की आवश्यकता एक छोटे व्यवसायी से लेकर बड़ी कंपनियों तक को पढ़ती है। तो आइए जानते हैं मार्केटिंग क्या है?
मार्केटिंग एक ऐसा तरीका है जिससे आप अपने उत्पाद और अपनी सेवाओं को लोगों तक पहुंचा सकते हैं और उन्हें उनके बारे में सारी जानकारी भी दे सकते हैं। इतना ही नहीं मार्केटिंग के जरिए आप लोगों के बीच एक अलग पहचान बनाने में भी सफल हो सकते हैं।
जब मार्केटिंग की बात आती है तो इसके कई तरीके सामने आते हैं लेकिन यह बहुत जरूरी है कि आप मार्केटिंग का सही तरीका चुनें और वही तरीका अपनाएं जो आपके बजट और आपके उत्पाद के अनुकूल हो। तो आइए हम आपको बताते हैं मार्केटिंग करने का सही तरीका जिससे आप लोगों और ग्राहकों के बीच अपनी पहचान बना पाएंगे।
मार्केटिंग को हिंदी में क्या कहते है?
मार्केटिंग को हिंदी में ‘विपणन’ कहते हैं।
मार्केटिंग क्या है? (Marketing Kya Hai?)
मार्केटिंग की कई अलग-अलग परिभाषाएँ हैं, लेकिन मार्केटिंग की अच्छी डेफिनेशन वो है जो मार्केटिंग को अच्छे से डिफाइन कर दे।
मार्केटिंग एक मैनेजमेंट प्रोसेस है जिससे आपके गुड्स या सर्विस एक कांसेप्ट से प्रोडक्ट बन कर कस्टमर तक पहुँचाना है।
इस प्रक्रिया में 4 अलग-अलग तत्व होते हैं। जिन्हें हम मार्केटिंग के चार Ps कहते हैं।
Product – आप जो बेचने जा रहे हैं उसका चयन करना।
Price – उस प्रोडक्ट की कीमत क्या होगी।
Location – आपके ग्राहक उस प्रोडक्ट को कहां से खरीदेंगे।
Promotion – आप अपने ग्राहक को प्रोडक्ट के बारे में कैसे बताएंगे।
Note – प्रोडक्ट का मतलब माल / सामान और सेवादोनों है।
आपका व्यवसाय कितना सफल होगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने व्यवसाय में इन चार तत्वों का कितना अच्छा उपयोग कर सकते हैं।
उत्पाद | Product
आप क्या बेचने जा रहे हो? यह जानने के लिए कि आप क्या बेचना चाहते हैं। आपको पता होना चाहिए कि आपके ग्राहक की ज़रूरतें क्या हैं, फिर ग्राहक की ज़रूरतों के अनुसार अपने प्रोडक्ट का चयन करें।
जितने अधिक लोगो की जरूरते आप अपने प्रोडक्ट से पूरी करेंगे। उतनी ही अधिक संभावना है कि वे उस प्रोडक्ट को आपसे खरीदेंगे, दूसरों को बताएंगे और आपके प्रोडक्ट को फिर से खरीदने आएंगे। प्रोडक्ट बनाते समय कुछ बातों का ध्यान रखें –
बड़े पैमाने पर प्रोडक्ट या अनुकूलन – आपका प्रोडक्ट आपके सभी ग्राहकों के लिए समान होगा या आपको अपने प्रोडक्ट को प्रत्येक ग्राहक के लिए अनुकूलित करना होगा।
क्या आपका प्रोडक्ट नया है या पहले से ही बाजार में है? – अगर आपका प्रोडक्ट नया है तो आपको लोगों को बताना होगा कि लोगों को आपके प्रोडक्ट की आवश्यकता क्यों है। या यदि आपका प्रोडक्ट पहले से ही बाजार में मौजूद है तो आपको बताना होगा कि यह पहले वाले से बेहतर या सस्ता कैसे है। इसे आजमाए –
आपने अपने खुद के ग्राहक के अनुसार प्रोडक्ट बनाया, लेकिन क्या आपने ग्राहक की प्रतिक्रिया देखी? अक्सर ग्राहक आपके प्रोडक्ट की एक छोटी सी कमी के कारण इसे नहीं खरीदते हैं। तो आप ग्राहक को प्रोडक्ट टेस्ट करने के लिए दे और फिर उनका रिस्पॉन्स चेक करे।
कीमत | Price
आप अपने प्रोडक्ट को कितने में बेचने वाले हैं? आपके प्रोडक्ट की कीमत आपके प्रोडक्ट की बिक्री को बहुत प्रभावित करती है। यदि आपका प्रोडक्ट सस्ता है तो ग्राहक को वह अच्छी गुणवत्ता का नहीं मिलेगा। और आपको लाभ काम होगा, यदि प्रोडक्ट महंगा है तो ग्राहक उससे कम खरीदेगा। अपने प्रोडक्ट की सही कीमत पाने के लिए, आपको इस पर विचार करना चाहिए:
- प्रोडक्ट बनाने की लागत
- प्रोडक्ट के प्रतियोगी की कीमत
- आपका ग्राहक आपके प्रोडक्ट के लिए कितना पैसा देने को तैयार है?
जगह | Location
ग्राहक आपका प्रोडक्ट कहां से खरीदेंगे? क्या आप प्रोडक्ट को सीधे अपने ग्राहक को बेचेंगे या आप इसे थोक व्यापारी या खुदरा विक्रेता को बेचने के लिए देंगे। अगर आप बेचने जा रहे हैं तो आप इसे ऑनलाइन बेचेंगे या ऑफलाइन ।
पदोन्नति | Promotion
लोगों को आपके प्रोडक्ट के बारे में कैसे पता चलेगा। प्रोडक्ट को खरीदने के लिए सबसे पहले लोगों को उसके बारे में जानना जरूरी है। उसके बारे में सकारात्मक सोच रखना जरूरी है और लोगों को खरीदने के लिए तैयार करना चाहिए।
यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने प्रोडक्ट का प्रचार कैसे करते हैं। मार्केटिंग क्या है, यह जानने के साथ-साथ यह जानना भी जरूरी है कि इसे बढ़ावा देने के तरीके क्या हैं।
पारंपरिक विज्ञापन जैसे टीवी, पत्रिका, समाचार पत्र या रेडियो। डिजिटल मार्केटिंग पीपीसी विज्ञापन, सोशल मीडिया और एसईओ । आप विज्ञापन का जो भी तरीका अपनाएं, आपकी कोशिश होनी चाहिए कि कम पैसे में आप अपने प्रोडक्ट को ज्यादा से ज्यादा दर्शकों को दिखा सकें और बेच सकें।
सेल्स और मार्केटिंग क्या है?
मार्केटिंग क्या है इसके साथ यह जानना भी जरूरी है कि मार्केटिंग क्या नहीं है। इसलिए मार्केटिंग का मतलब बेचना नहीं है। हां, मार्केटिंग का परिणाम सेल ही होता है जब हम प्रोडक्ट का ऑनलाइन या ऑफलाइन विज्ञापन करते हैं। उसकी ब्रांडिंग करते हैं और लोगों को उसके बारे में बताते हैं।
पर बिक्री का कार्य सेल्स डिपार्टमेंट विभाग में बैठे लोगों द्वारा किया जाता है जो प्रोडक्ट को सीधे ग्राहक को बेच रहे हैं। मार्केट का काम प्रोडक्ट की ब्रांडिंग करना और लोगों को प्रोडक्ट के बारे में बताना है।
मार्केटिंग के प्रकार
- B2B – Business To Business
- B2C – Business To Consumer
- C2B – Consumer To Business
- C2C – Consumer To Consumer
B2B – Business To Business
B2B मार्केटिंग में, हम पहले से बने हुए व्यवसाय के लिए अपने प्रोडक्ट का प्रचार करते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर हम ऑफलाइन की बात करें तो हम ऐसे थोक विक्रेता को टारगेट करते हैं जो हमारे उत्पाद को बेच सके। ऑनलाइन की बात करें तो हम इंडियामार्ट, ट्रेडइंडिया या अलीबाबा जैसी B2B वेबसाइटों को लक्षित करते हैं।
B2C – Business To Consumer
B2C मार्केटिंग में हम प्रत्यक्ष उपभोक्ता या ग्राहक को लक्षित करके विज्ञापन करते हैं। इसके लिए भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों में अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है।
C2B – Consumer To Business
हम C2B मार्केटिंग को कंज्यूमर-टू-बिजनेस मार्केटिंग के रूप में भी जानते हैं। यह B2C मार्केटिंग के विपरीत है। यह एक मार्केटिंग रणनीति है जब उपभोक्ता किसी कंपनी को सामान या सेवाएं प्रदान करते हैं।
C2C – Consumer To Consumer
C2C मार्केटिंग या कंज्यूमर-टू-कंज्यूमर (Consumer-to-Consumer) मार्केटिंग एक ऐसी रणनीति है जिसमें कंस्यूमर अपने सह-उपभोक्ताओं के साथ बातचीत कर सकते हैं। यह तब होता है जब वे एक सामान्य प्रोडक्ट या सेवा शेयर करते हैं। यह बिज़नेस मॉडल एक ग्राहक को दूसरे ग्राहक के साथ बिज़नेस करने में सक्षम बनाता है। C2C Marketing का एक अच्छा उदाहरण ऑफ़रअप और लेट गो ऐप्स हैं।
C2C का मुख्य उद्देश्य विक्रेताओं व खरीदारों को अच्छे संबंध स्थापित करने में सहायता करना है। इससे ग्राहकों को प्रोडक्ट को खोजने में आसानी होगी और साथ ही इससे लाभ भी होगा।
मार्केटिंग कैसे करें?
अब तक आपने जान लिया कि मार्केटिंग क्या है, अब हम जानेंगे कि मार्केटिंग के तरीके क्या हैं और मार्केटिंग (Marketing) कैसे की जाती है?
Paid Advertising
सशुल्क विज्ञापन ट्रेडिशनल और डिजिटल मार्केटिंग दोनों का उपयोग करता है। ट्रेडिशनल मार्केटिंग में टीवी, समाचार पत्र, रेडियो, पत्रिका या अन्य प्रिंट मीडिया का उपयोग किया जाता है। पीपीसी (पे पर क्लिक) विज्ञापनों का उपयोग डिजिटल मार्केटिंग में किया जाता है, जो विज्ञापन आप फेसबुक, ट्विटर, सर्च इंजन या वेबसाइटों में देखते हैं।
Cause Marketing
कॉज़ मार्केटिंग में, कंपनियां आपके उत्पाद को सामाजिक कारण या मुद्दे के साथ मिलाकर प्रचारित करती हैं।
Relationship Marketing
रिलेशनशिप मार्केटिंग में, कंपनियां अपने ग्राहकों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखती हैं और अच्छी सेवाएं प्रदान करके उनके प्रति वफादारी दिखाती हैं।
WORD OF MOUTH
यह मार्केटिंग इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपने ग्राहक पर क्या प्रभाव छोड़ते हैं। अगर आप अपने ग्राहक को कोई अच्छा उत्पाद दे रहे हैं तो वह अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को इसके बारे में बताएगा। पारंपरिक विपणन में यह बहुत महत्वपूर्ण है।
Transaction Marketing
ट्रेडिशनल मार्केटिंग में कंपनियां अपने ग्राहकों को शॉपिंग कूपन, गिफ्ट कार्ड और डिस्काउंट देकर लुभाती हैं। इससे ग्राहक उत्पाद की ओर आकर्षित होता है और बिक्री भी होती है।
Undercover Marketing
अंडरकवर मार्केटिंग में उत्पाद को इस तरह प्रचारित किया जाता है कि ग्राहक को कंपनियों के विज्ञापन का तरीका नहीं पता होता है, इस प्रकार की मार्केटिंग को स्टील्थ मार्केटिंग के रूप में भी जाना जाता है।
मार्केटिंग आपके बाकी व्यवसाय के साथ कैसे काम करती है?
मार्केटिंग एक अलग प्रक्रिया नहीं है, यह पूरे व्यवसाय के साथ मिलकर काम करती है जैसे –
- रिसर्च और डेवलपमेंट टीम का ध्यान एक ऐसा उत्पाद बनाने पर होना चाहिए जो आपके ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करे।
- आपकी प्रोडक्शन टीम मांग को पूरा करने में सक्षम होनी चाहिए, और आपने जो भी गुणवत्ता रखी है, उस गुणवत्ता के उत्पाद बनाने में सक्षम होना चाहिए।
- फाइनेंसियल टीम उत्पाद की सही कीमत पर चर्चा करके, उत्पाद की सही कीमत तय कर पाए ।
- ह्यूमन रिसॉर्स टीम अच्छे लोगों को नियुक्त और प्रशिक्षित कर सकती है जो आपकी कंपनी की अच्छी छवि बनाए रखे।
- पर्यावरण टीम अपनी पैकिंग का ध्यान रखें ताकि वह अच्छी हो, सस्ती हो और साथ ही पर्यावरण को प्रभावित न करे।
जैसा कि आप देख सकते हैं, मार्केटिंग कोई अलग कार्य नहीं है, यह आपकी कंपनी के बाकी निर्णयों पर भी निर्भर करता है।
मार्केटिंग मैनेजमेंट क्या है?
मार्केटिंग मैनेजमेंट उन तकनीकों, विचारों और कार्यान्वयन को संदर्भित करता है जिनका उपयोग कंपनियां अपने उत्पादों के मार्केटिंग के लिए करती हैं।
कंपनी कौन सा उत्पाद बनाएगी, कहां से बनाएगी, कितना का बेचेगी, कैसे बिकेगी और कहां बेचेगी , ये सब चीजें मार्केटिंग मैनेजमेंट में ही आती हैं।
मार्केटिंग मैनेजर बनने के लिए आपके पास 3+ साल का अनुभव होना चाहिए, मार्केटिंग का ज्ञान और अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स बहुत जरूरी हैं। मार्केटिंग मैनेजमेंट करने की सैलरी भी बहुत अच्छी होती है।
मार्केटिंग की विशेषताएं
मार्केटिंग को एक मानवीय गतिविधि कहा जाता है क्योंकि मार्केटिंग इंसानों द्वारा इंसानों के लिए की जाती है। आज मार्केटिंग के काम में भी मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन ये इंसानों द्वारा संचालित हैं, इसलिए मार्केटिंग एक मानवीय क्रिया है।
मार्केटिंग एक आर्थिक गतिविधि है क्योंकि यह लाभ के लिए किया जाता है लेकिन साथ ही यह एक सामाजिक गतिविधि भी है क्योंकि यह कार्य समाज के भीतर और समाज के लिए ही किया जाता है। इसलिए मार्केटिंग एक सामाजिक-आर्थिक गतिविधि है।
एक्सचेंज का मतलब लेनदेन है। इसके बिना मार्केटिंग क्रिया संभव नहीं है, इसलिए विनिमय को ही विपणन का आधार माना गया है। विपणन एक मूल्य के लिए उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच वस्तुओं या सेवाओं के आदान-प्रदान का एक कार्य है।
मार्केटिंग एक रचनात्मक गतिविधि है। मार्केटिंग उत्पादों में विभिन्न प्रकार की उपयोगिताओं का निर्माण करता है, जो उत्पाद को मूल्यवान बनाता है।
उपभोक्ता मार्केटिंग का केंद्र बिंदु है, इसलिए मार्केटिंग की सभी गतिविधियाँ उपभोक्ता की आवश्यकता, रुचि, फैशन आदि को ध्यान में रखते हुए की जाती हैं। इसलिए मार्केटिंग को उपभोक्ता उन्मुख प्रक्रिया कहा जाता है।
मार्केटिंग उपभोक्ता की इच्छा और आवश्यकता के ज्ञान से शुरू होता है और उपभोक्ता की इच्छा और आवश्यकता की संतुष्टि के साथ, विपणन प्रक्रिया पूरी होती है।
चाहे आप किसी भी धर्म या संस्कृति के आस्तिक हों, किसी भी देश या युग में रह रहे हों, बिना मार्केटिंग के आपका काम नहीं चलेगा क्योंकि मार्केटिंग का काम हर जगह होता है। मार्केटिंग के बिना संपूर्ण समाजों और सभ्यताओं का कार्य अधूरा रहेगा। तो यह कहा जा सकता है मार्केटिंग एक सार्वभौमिक क्रिया है।
बिक्री में विक्रेता उपभोक्ता को वस्तु बेचकर संतुष्ट होता है और इस बात पर कोई ध्यान नहीं देता कि उपभोक्ता को उस वस्तु से संतुष्टि मिलेगी या नहीं, जबकि मार्केटिंग में उत्पाद का निर्माण उपभोक्ता की आवश्यकता और इच्छा को ध्यान में रखकर किया जाता है। तो यहाँ यह कहा जा सकता है कि मार्केटिंग बिक्री से बिल्कुल अलग है।
मार्केटिंग का काम कभी नहीं रुकता, यह हमेशा चलता रहता है। उत्पाद को ग्राहक के लिए अधिक उपयोगी बनाने के लिए बाज़ारिया हमेशा बदलते ग्राहक के स्वाद, फैशन, वरीयताओं आदि पर ध्यान देता है। अतः यह कहा जा सकता है कि मार्केटिंग एक गतिशील प्रक्रिया है।
विभिन्न मार्केटिंग रणनीतियाँ
मार्केटिंग केवल एक रणनीति नहीं है, बल्कि कई अलग-अलग तकनीकों और युक्तियों का संयोजन है। नीचे हमने कुछ आवश्यक मार्केटिंग रणनीतियों को सूचीबद्ध किया है जिन्हें आपको जानना चाहिए –
मार्केटिंग प्लान – डिस्कवर करें कि मार्केटिंग योजना क्या है, आपको एक डिजाइन करने की आवश्यकता क्यों है, और एक मजबूत योजना बनाने की कुंजी। मार्केटिंग योजना के बिना, कोई कंपनी या ब्रांड अपने लक्ष्यों तक नहीं पहुंच सकता है।
डिजिटल मार्केटिंग – डिजिटल मार्केटिंग मार्केटिंग का अनुशासन है जो केवल डिजिटल वातावरण के भीतर एक रणनीति विकसित करने पर केंद्रित है।
डायरेक्ट मार्केटिंग – डायरेक्ट मार्केटिंग प्रत्यक्ष, दो-तरफा संचार पर आधारित एक प्रकार का अभियान है जो विशिष्ट दर्शकों से परिणामों को ट्रिगर करने का प्रयास करता है।
ईमेल मार्केटिंग – रिटर्न के मामले में ईमेल मार्केटिंग सबसे अधिक लाभदायक और प्रभावी तकनीकों में से एक है। स्वाभाविक रूप से, इसमें आपके दर्शकों को ईमेल भेजना शामिल है। लेकिन प्रभावी होने के लिए अपने सेगमेंट को अच्छी तरह से परिभाषित करना सुनिश्चित करें।
मोबाइल मार्केटिंग – मोबाइल मार्केटिंग एक व्यापक अवधारणा है जो सभी मार्केटिंग अभियानों और कार्यों को विशेष रूप से मोबाइल प्लेटफॉर्म और एप्लिकेशन (यानी स्मार्टफोन और टैबलेट) पर केंद्रित करती है।
वायरल मार्केटिंग – वायरल होना हर कंपनी का सपना होता है। वायरल मार्केटिंग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है और अविश्वसनीय रूप से तेजी से आगे बढ़ने में सक्षम है।
प्रदर्शन मार्केटिंग – प्रदर्शन मार्केटिंग एक पद्धति है जो विभिन्न विपणन विधियों और तकनीकों को लागू करती है और विज्ञापनदाताओं को गारंटी देती है कि उन्हें केवल प्राप्त परिणामों के लिए भुगतान करना होता है।
इनबाउंड मार्केटिंग – यह पद्धति योग्य वेब ट्रैफ़िक को आकर्षित करने और अंतिम बिक्री की दिशा में काम करने के लिए मूल्यवान सामग्री बनाने पर केंद्रित है।
मार्केटिंग में काम
मार्किट की जानकारी एकत्र करना व उसका विश्लेषण करना
एक मार्केटर का सबसे महत्वपूर्ण कार्य बाज़ार की जानकारी एकत्र करना और उसका विश्लेषण करना है। मार्केटर यह समझने का प्रयास करता है कि ग्राहक क्या खरीदना चाहते हैं और कब, किस मात्रा में व किस पैसा पर आदि? वह इस खरीद के पीछे के मकसद को समझने की भी कोशिश करता है यानी ग्राहक जरूरत के हिसाब से उत्पाद खरीद रहा है या स्टाइल के लिए। इन सभी सारी जानकारी और विश्लेषण के आधार पर, उत्पाद को डिज़ाइन किया गया है। लेबल, ब्रांडेड, पैक्ड, प्रचारित आदि।
मार्केटिंग प्लान बनाएं
इसमें उत्पादन और बिक्री बढ़ाने, उत्पाद को बढ़ावा देने आदि की योजना बनाना और इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कार्रवाई करना भी शामिल है।
उत्पाद डिजाइनिंग और विकास करें
मार्केटिंग के एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य में उत्पाद डिजाइनिंग और विकास शामिल है। उत्पाद डिजाइनिंग में उत्पाद के डिजाइन, पैकिंग आदि के लिए उपयोग किए जाने वाले आकार या गुणवत्ता मानकों से संबंधित निर्णय शामिल होते हैं ताकि उत्पाद को लक्षित ग्राहकों के लिए आकर्षक और प्रतियोगियों के उत्पाद से बेहतर बनाया जा सके। उदाहरण के लिए, रंगीन टीवी के लिए उत्पाद डिजाइनिंग में आकार, आकार, गुणवत्ता मानक, प्रौद्योगिकी आदि शामिल हैं।
मानकीकरण और ग्रेडिंग
मानकीकरण उत्पादों में एकरूपता और स्थिरता प्राप्त करने के लिए पूर्व निर्धारित मानकों के सामान के उत्पादन की एक प्रक्रिया है। यह खरीदारों को उत्पाद की गुणवत्ता, कीमत और पैकेजिंग का आश्वासन देता है।
पैकेजिंग और लेबलिंग
पैकेजिंग का अर्थ है उत्पाद के लिए पैकेज तैयार करना जबकि लेबलिंग का संबंध पैकेज पर लेबल लगाने से है। पैकेजिंग और लेबलिंग को मार्केटिंग के स्तंभ के रूप में मान्यता दी गई है। वे न केवल उत्पाद को सुरक्षा प्रदान करते हैं बल्कि प्रचार उपकरण के रूप में भी कार्य करते हैं।
कभी-कभी, ग्राहक किसी उत्पाद की गुणवत्ता का आकलन उसकी पैकेजिंग से करते हैं। कोलगेट टूथ पेस्ट, ताजमहल चाय जैसे कई उपभोक्ता ब्रांडों की सफलता में पैकेजिंग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ब्रांडिंग करें
ब्रांडिंग किसी उत्पाद को प्रतिस्पर्धी उत्पादों से अलग करने, ग्राहक वफादारी बनाने और उत्पाद को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए एक ब्रांड नाम देने की एक प्रक्रिया है। इस रणनीति के तहत सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह है कि क्या किसी व्यापारिक फर्म के सभी प्रोडक्ट को एक अलग Brand नाम या एक ही Brand दिया जाए। उदाहरण के लिए, (i) एलजी टीवी, एसी और वाशिंग मशीन (ii) फिलिप्स बल्ब, ट्यूब और टीवी, एसी और वाशिंग मशीन।
ग्राहक सहायता सेवाओं को लागू करें
मार्केटिंग की सफलता की कुंजी ग्राहक संतुष्टि है। इसलिए, मार्केटिंग का महत्वपूर्ण कार्य विभिन्न ग्राहक सहायता सेवाएं प्रदान करना है जैसे बिक्री के बाद सेवा, क्रेडिट की खरीद, ग्राहकों की शिकायतों को संभालना, उपभोक्ता जानकारी आदि। ये सेवाएं ग्राहकों की संख्या को प्राप्त करने, बनाए रखने और बढ़ाने में मदद करती हैं।
उत्पादों का मूल्य निर्धारण रखें
उत्पाद खरीदने के लिए ग्राहक को जो राशि चुकानी पड़ती है उसे उत्पाद की कीमत के रूप में जाना जाता है। किसी उत्पाद की मांग पर मूल्य निर्धारण का बहुत प्रभाव पड़ता है। कीमत में थोड़ी प्रतिस्पर्धी से उत्पाद की मांग को बढ़ा सकती है। इस प्रकार, किसी प्रोडक्ट की कीमत निर्धारित करते वक्त, विभिन्न कारकों जैसे, कंस्यूमर के प्रकार, उनकी आय, फर्म का उद्देश्य, उत्पाद की मांग और प्रतिस्पर्धियों की नीति आदि पर विचार किया जाना चाहिए।
प्रमोशन
उत्पादों और सेवाओं का प्रचार ग्राहकों को फर्म के उत्पादों, उनकी विशेषताओं, उपयोगों, कीमतों आदि के बारे में जानकारी प्रदान करना और उन्हें इन उत्पादों को खरीदने के लिए राजी करना है। विज्ञापन, व्यक्तिगत बिक्री।
फिजिकल डिलीवरी करें
बाजार द्वारा किया जाने वाला एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य वस्तुओं और सेवाओं का भौतिक वितरण है। इसमें महत्वपूर्ण निर्णय क्षेत्रों में वितरण, परिवहन, भंडारण और भंडारण के चैनलों का चयन शामिल है।
परिवहन का उपयोग
परिवहन का अर्थ है उत्पादन के स्थान से उपभोग के स्थान तक माल की आवाजाही। उदाहरण के लिए, मारुति कारों का उत्पादन गुड़गांव में होता है लेकिन ये पूरे देश में उपलब्ध हैं। न सिर्फ तैयार माल का परिवहन किया जाना बल्कि कच्चे माल को भी ले जाना है। एक व्यावसायिक फर्म उत्पाद की प्रकृति, लागत, लक्षित बाजार की स्थिति आदि जैसे कारकों के आधार पर परिवहन के अपने तरीके और अन्य संबंधित पहलुओं के बारे में निर्णय लेती है।
भंडारण करें
वस्तुओं के उत्पादन और उपभोग के बीच एक समय अंतराल होता है। इस प्रकार ऐसे सामानों के उचित भंडारण के लिए मार्केटिंग का यह एक महत्वपूर्ण कार्य है जब तक कि उनकी मांग न हो। उदाहरण के लिए, सेब का उत्पादन सर्दियों में किया जाता है और कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है और गर्मियों में भी बेचा जाता है।
मार्केटिंग व्यवसाय के लिए क्या करती है?
मार्केटिंग आपके व्यवसाय को अनगिनत तरीकों से मदद कर सकती है लेकिन कुछ सबसे प्रभावशाली लोगों पर एक नज़र डालें।
ब्रांड जागरूकता बढ़ाना
यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लोगों को आपके ब्रांड और आपके द्वारा ऑफ़र किए जाने वाले उत्पादों या सेवाओं से परिचित कराता है। यह आपको उन ग्राहकों के लिए भी यादगार बनाता है जो आपके ब्रांड पर भरोसा करना शुरू कर सकते हैं, वफादार ग्राहक बन सकते हैं और अपने नेटवर्क को आपके बारे में बता सकते हैं।
यातायात उत्पन्न करना
आपकी साइट पर ग्राहकों की संख्या बढ़ाने का अर्थ है अधिक योग्य लीड प्राप्त करना (लीड स्कोरिंग इसे निर्धारित करने में मदद कर सकता है) और अंततः आपकी बिक्री में वृद्धि करना। एक प्रभावी मार्केटिंग रणनीति इस प्रक्रिया में आपकी मदद करेगी।
राजस्व में वृद्धि
हर व्यवसाय अपनी बिक्री और मार्केटिंग को बढ़ाना चाहता है। अपनी वेबसाइट और एसईओ को अनुकूलित करने, ईमेल अभियान बनाने, आपके लिए सबसे अच्छी रणनीति खोजने के लिए ए / बी परीक्षण जैसी विभिन्न रणनीतियों के माध्यम से इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद कर सकता है, और भी बहुत कुछ।
अपने ब्रांड में विश्वास बनाना
अपने ब्रांड में उच्च स्तर का विश्वास बनाने से ग्राहकों की वफादारी और बार-बार खरीदारी होती है। इससे न केवल राजस्व बढ़ता है, बल्कि ऑनलाइन और मौखिक रूप से अच्छी समीक्षा भी होती है, जो अभी भी प्रचार के सबसे प्रभावी प्रकारों में से एक है।
अपने मेट्रिक्स को ट्रैक करें
जब आपकी मार्केटिंग रणनीति बनाने की बात आती है तो मेट्रिक्स अविश्वसनीय रूप से सहायक होते हैं। वे न केवल रणनीति चलाते हैं और उसकी प्रगति को ट्रैक करने में मदद करते हैं, बल्कि यह भी सूचित करते हैं कि आपके अभियानों को अधिक सुसंगत बनाने के लिए क्या अनुकूलित या समायोजित किया जा सकता है।
निष्कर्ष
आप समझ ही गए होंगे कि प्रोडक्ट की मार्केटिंग उतनी ही जरूरी है जितना कि एक अच्छा प्रोडक्ट बनाना। हमें लगता है कि आपको हमारा यह पोस्ट मार्केटिंग क्या है पसंद आया होगा। अगर आपका कोई सवाल है तो कमेंट में जरूर पूछें।