Mars Transit 2025 – मिथुन राशि में मंगल का गोचर, जानें सभी 12 राशियों पर इसका कैसा रहेगा असर

Mangal Gochar 2025 – धार्मिक कार्यों में आपकी रुचि रहेगी और आध्यात्मिक उन्नति होगी। आप लोगों की मदद करेंगे। जिससे आप खुश रहेंगे। यदि आपको किसी नए टेंडर के लिए आवेदन करना है या नौकरी के लिए प्रयास करना है तो समय उत्तम रहेगा।

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए मंगल कुंडली में प्रथम और अष्टम भाव का स्वामी है और अब वक्री अवस्था में रहते हुए आपके तृतीय भाव में गोचर करेगा। राशि से तृतीय पराक्रम भाव में गोचर करते हुए मंगल का प्रभाव आपके लिए अच्छा रहेगा, लेकिन परिवार के छोटे सदस्यों से मतभेद बढ़ सकते हैं, ऐसे में अगर आप खुद पर नियंत्रण रखते हुए काम करेंगे तो ज्यादा सफल रहेंगे। धार्मिक कार्यों में आपकी रुचि रहेगी और आध्यात्मिक उन्नति होगी। आप लोगों की मदद करेंगे। जिससे आप खुश रहेंगे।

वृष राशि

वृष राशि वालों के लिए मंगल सप्तम और द्वादश भाव का स्वामी है और अब वक्री अवस्था में रहते हुए आपके द्वितीय भाव में गोचर कर रहा है। आपकी राशि से द्वितीय धन भाव में गोचर करते हुए मंगल अचानक धन लाभ के योग बना रहा है। लेकिन आपकी किसी बात के बारे में लोगों को पता चलने से आपको नुकसान भी उठाना पड़ेगा। आप महंगी चीजों की खरीदारी करेंगे। पैतृक संपत्ति से जुड़े विवाद सुलझेंगे। यदि आप मकान और वाहन खरीदना चाह रहे हैं तो उस दृष्टि से समय बेहतर रहेगा। कार्यक्षेत्र में षडयंत्र का शिकार होने से बचें।

मिथुन राशि

मंगल वक्री गति से मिथुन राशि में आपके प्रथम भाव यानि लग्न में गोचर कर चुके हैं। मिथुन राशि वालों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। चिंता बढ़ सकती है। कामकाज में नकारात्मकता हावी हो सकती है। उतार-चढ़ाव अधिक रहेंगे। मन उदास रह सकता है और स्वभाव भी आक्रामक हो सकता है, इसलिए इन सब बातों को ध्यान में रखकर कोई भी निर्णय लेंगे तो अधिक सफल होंगे। केंद्र या राज्य सरकार के विभागों के प्रतीक्षित कार्य पूर्ण होंगे। छुपे हुए शत्रुओं से बचें और किसी भी कार्य को तब तक सार्वजनिक न करें जब तक वह पूर्ण न हो जाए।

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए मंगल पंचम और दशम भाव के स्वामी हैं और अब मंगल वक्री गति करते हुए आपके द्वादश भाव में गोचर करेंगे। राशि से द्वादश व्यय भाव में गोचर करते हुए मंगल का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। कामकाज को लेकर काफी भागदौड़ रहेगी। कामकाज के सिलसिले में आपको यात्रा भी करनी पड़ सकती है। आपको अनावश्यक खर्च से बचना होगा अन्यथा आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। यात्रा सावधानी से करें, वाहन दुर्घटना से बचें और यात्रा के दौरान अपने सामान की सुरक्षा पर ध्यान देना होगा।

सिंह राशि

राशि वालों के लिए मंगल चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और अब वक्री अवस्था में मंगल आपके एकादश भाव में मिथुन राशि में गोचर कर चुका है। राशि से एकादश लाभ भाव में गोचर करते हुए मंगल का प्रभाव आपको अच्छे परिणाम देगा। उच्च अधिकारियों से संबंध मजबूत होंगे लेकिन परिवार के वरिष्ठ सदस्यों या बड़े भाइयों से मतभेद गहरा सकते हैं। प्रेम संबंधी मामलों में उदासीनता रहेगी।

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए मंगल तृतीय और अष्टम भाव का स्वामी है। वक्री मंगल का मिथुन राशि में गोचर होने से यह आपके दशम भाव यानि कर्म भाव में हुआ है। दशम कर्म भाव में गोचर करते हुए मंगल कार्य-व्यवसाय में उन्नति तो देगा लेकिन कहीं-कहीं तनाव भी पैदा करेगा और आपको अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहें। मित्रों और रिश्तेदारों से अप्रिय समाचार मिलने के योग हैं, स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। यदि आपको किसी नए टेंडर के लिए आवेदन करना है या नौकरी के लिए प्रयास करना है तो समय उत्तम रहेगा।

तुला राशि

इस राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और सातवें भाव का स्वामी है। मंगल महाराज वक्री अवस्था में गोचर करते हुए अब आपके नवम भाव में हैं। नवम भाव भाग्य का भाव है। राशि से भाग्य के नवम भाव में गोचर करते हुए मंगल मिले-जुले परिणाम देगा। आपके कार्य धीरे-धीरे पूरे होंगे, जिसमें आपको निराश और हताश होने की जरूरत नहीं है। अपने अदम्य साहस और पराक्रम के बल पर आप कठिन परिस्थितियों पर आसानी से नियंत्रण पा लेंगे। आध्यात्मिक उन्नति होगी और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आप आगे आएंगे।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और छठे भाव का स्वामी है। अब वक्री गति करते हुए आपके अष्टम भाव में गोचर कर चुका है। आपकी राशि से आयु के अष्टम भाव में गोचर करते हुए मंगल का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है, कार्यक्षेत्र में षड्यंत्र का शिकार होने से बचें। आपके अपने ही लोग आपको नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे, पैतृक संपत्ति से जुड़े विवाद गहरा सकते हैं। अचानक धन लाभ की भी संभावना रहेगी। यात्रा सावधानी से करें। वाहन दुर्घटना से बचना होगा। यदि आपका किसी से विवाद चल रहा है तो उसे कोर्ट-कचहरी के बाहर ही सुलझा लें।

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए मंगलदेव बारहवें और पांचवें भाव के स्वामी हैं। मंगलदेव अब वक्री अवस्था में सप्तम भाव में गोचर कर रहे हैं। आपकी राशि से सप्तम वैवाहिक भाव में गोचर कर रहे मंगल का प्रभाव कार्य और व्यापार की दृष्टि से तो अच्छा रहेगा, लेकिन विवाह संबंधी वार्ता सफल होने में अभी और समय लगेगा। सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा। यदि आपको सरकारी कार्य के लिए आवेदन करना है तो उस दृष्टि से भी यह समय अच्छा रहेगा। आपके अपने ही लोग कहीं न कहीं षड्यंत्रकारी साबित होंगे। इसलिए हर कार्य और निर्णय को बहुत सोच-समझकर करने की जरूरत है।

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए मंगलदेव उनकी कुंडली में चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वक्री अवस्था में आपके छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। राशि से छठे शत्रु भाव में गोचर कर रहे मंगल का प्रभाव आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। कार्य-व्यवसाय में उन्नति होगी तथा लिए गए निर्णयों की सराहना भी होगी। कार्य में सफलता मिलेगी। अत्यधिक कर्ज के लेन-देन से बचें तथा स्वास्थ्य के प्रति चिंतित रहें।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और दसवें भाव का स्वामी है तथा अब वक्री अवस्था में आपके पंचम भाव में गोचर कर रहा है। आपकी राशि से पंचम भाव यानि शिक्षा भाव में गोचर करते हुए यह संतान से संबंधित चिंताएं बढ़ा सकता है। विद्यार्थियों तथा प्रतियोगिता में बैठने वालों को परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। प्रेम संबंधी मामलों में उदासीनता रहेगी। प्रेम विवाह में भी बाधाएं आएंगी।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और नौवें भाव का स्वामी है तथा वक्री अवस्था में चलते हुए आपके चौथे भाव में गोचर कर रहा है। आपकी राशि के चौथे सुख भाव में गोचर करते हुए मंगल आपको सफलता के बावजूद कहीं न कहीं पारिवारिक विवाद तथा मानसिक अशांति का सामना करवाएगा। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित रहें। यात्रा सावधानी से करें तथा अपने सामान को चोरी होने से भी बचाएं। विदेश में रहने वाले मित्रों या रिश्तेदारों से अप्रिय समाचार मिलने की संभावना है। संपत्ति से जुड़े विवाद सुलझेंगे। वाहन भी खरीद सकते हैं।

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