महाभारत के रचयिता कौन है (महाभारत की रचना किसने की थी) – Mahabharat Ki Rachna Kisne Ki Thi

Mahabharat Ke Rachyita Kaun Hai: महाभारत विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है। महाभारत को हिंदू धर्म में 5वां वेद कहा गया है। लेकिन क्या आप जानते है महाभारत के रचयिता कौन है, महाभारत की रचना किसने की थी, अगर नहीं तो आज के इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े।

आज के इस लेख में हम आपको महाभारत के रचयिता कौन थे, महाभारत की रचना किसने की है के साथ साथ इस विषय से सम्बंधित अन्य जानकारी भी देने वाले है, तो आइये जानते है –

महाभारत के रचयिता कौन थे (Mahabharat Ke Rachyita Kaun The)

महाभारत के रचयिता वेद व्यास हैं, लेकिन लिखने का कार्य भगवान श्री गणेश जी ने किया था। महाभारत के रचयिता वेद व्यास जी का पूरा नाम महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास है।

वेद व्यास जी पांडवों और कौरवों के दादा थे। महाभारत हिंदू धर्म के प्रमुख पवित्र ग्रंथों में से एक है, जिसकी रचना वेद व्यास जी ने की थी। वेद व्यास जी महाकाव्य महाभारत के अलावा 18 प्रमुख हिंदू पुराणों के लेखक भी हैं।

वेद व्यास जी को हिंदू पौराणिक कथाओं में सात अमर लोगों में से एक माना जाता है।वेद व्यास ऋषि पराशर व सत्यवती के पुत्र थे। गुरु पूर्णिमा का त्योहार उन्ही को समर्पित है। उन्हें महाभारत की रचना करने में 3 वर्ष का समय लगा था।

वेद व्यास जी न केवल महाभारत के रचयिता (लेखक) हैं, बल्कि महाभारत के एक महत्वपूर्ण पात्र भी हैं। व्यासजी का एक अन्य नाम ‘कृष्ण द्वैपायन’ भी है, क्योंकि उनका रंग श्याम था।

वेद व्यास संस्कृत साहित्य में वाल्मिकी के बाद सर्वश्रेष्ठ कवि हुए, जिनकी कविताएँ और उनके द्वारा लिखे गए काव्य एंव ग्रंथ पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुए।

महाभारत की रचना के पीछे वेद व्यास जी का उद्देश्य युद्ध का वर्णन करना नहीं, अपितु इस भौतिक जीवन की निरर्थकता को दर्शाना भी है।

महर्षि वेदव्यास कौन थे (Maharishi Vedvyas Kaun The)

महर्षि वेदव्यास का जन्म हस्तिनापुर में हुआ था। वेदव्यास जी के पिता का नाम पाराशर तथा माता का नाम सत्यवती था।

वेदव्यास जी के पिता ऋषि पराशर महान ऋषि वशिष्ठ के पोते और शक्तिमुनि और अद्यश्यंती के पुत्र थे। ऋषि पराशर के पास दिव्य और अलौकिक शक्ति थी। उन्होंने वैदिक ज्योतिष की रचना की। उन्होंने अनेक भयानक राक्षसों का वध भी किया था।

वही उनकी माता सत्यवती को एक अप्सरा ने जन्म दिया था। उस अप्सरा को मछली बने रहने का श्राप मिला, इसलिए सत्यवती के शरीर से मछली की गंध आती थी। उन्हें गंधावती भी कहा जाता था। सत्यवती का पालन-पोषण एक नाविक ने किया था।

वेद व्यास जी ने श्री गणेश जी की सहायता से महाभारत की रचना की थी। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि वेद व्यास स्वयं भगवान का रूप थे। इसके साथ ही वह त्रिकालज्ञ भी थे, जिन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि के बल से जान लिया था कि कलियुग में धर्म का क्षीण हो जायेगा। वेदों का विभाजन करने के कारण वे वेदव्यास (Ved Vyas) के नाम से प्रसिद्ध हुए।

महर्षि व्यास के जन्म की कथा (Ved Vyas Birth Story In Hindi)

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार ऋषि पराशर यमुना पार करने के लिए सत्यवती की नाव पर सवार हुए। सत्यवती नाव चला रही थी। ऋषि उसके रूप पर मोहित हो गये। सत्यवती के सामने ऋषि पराशर (Rishi Parashar) ने सहवास का प्रस्ताव रखा।

सत्यवती ऋषि पराशर के साथ रहने के लिए तैयार हो गईं, लेकिन उन्होंने ऋषि के सामने कुछ शर्तें रखीं। सत्यवती ने कहा कि यदि ऋषि ये शर्तें पूरी करते हैं तो वह उनके साथ सहवास को तैयार हैं।

सत्यवती की पहली शर्त यह थी कि उसे सहवास करते हुए कोई नहीं देखेगा। ऋषि ने इस शर्त को स्वीकार कर लिया और अपनी दिव्य शक्ति से घने कोहरे का एक कृत्रिम आवरण तैयार किया।

सत्यवती ने फिर कहा कि किसी भी स्थिति में उसका कौमार्य भंग नहीं होना चाहिए। ऋषि ने आश्वासन दिया कि सहवास के बाद उसका कौमार्य वापस आ जाएगा।

सत्यवती ने ऋषि पराशर के सामने एक और शर्त रखी। उसने कहा कि वह उसके साथ तभी रहेगी, जब ऋषि उसे मछली की दुर्गंध से मुक्ति दिलाएंगे। ऋषि ने तुरंत दुर्गंध दूर कर दी और शरीर से फूलों की सुगंध आने लगी।

इस प्रकार ऋषि पराशर और सत्यवती के बीच सहवास हुआ। सत्यवती ने फिर एक पुत्र को जन्म दिया। वे आगे चलकर महर्षि वेदव्यास के नाम से प्रसिद्ध हुए। वेदव्यास ने महाभारत की रचना की।

कहा जाता है कि सत्यवती का वह पुत्र जन्म लेते ही बड़ा हो गया और फिर एक सुनसान द्वीप पर तपस्या करने चला गया। तपस्या के दौरान उनका रंग काला पड़ गया, इसीलिए उन्हें कृष्ण द्वैपायन (Krishna Dwaipayan) भी कहा जाने लगा। द्वैपायन उस द्वीप का नाम था।

बाद में कृष्ण द्वैपायन ने वेदों का वर्णन किया, इसलिए वे वेदव्यास के नाम से प्रसिद्ध हुए। वेदव्यास महाभारत के रचयिता हैं। बाद में सत्यवती का विवाह कुरु देश के राजा शान्तनु से हुआ। इस प्रकार वह हस्तिनापुर की रानी बन गयी।

FAQs

महाभारत के कितने रचयिता थे?
महाभारत के रचयिता वेदव्यास जी थे।

क्या भगवान गणेश ने महाभारत लिखा था?
महाभारत लिखने का कार्य भगवान गणेश जी ने किया था।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के इस लेख में हमने आपको महाभारत की रचना किसने की थी (Mahabharat Ki Rachna Kisne Ki Thi) के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख महाभारत की रचना किसने की है (Mahabharat Ki Rachna Kisne Ki Hai) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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