खून कितने रंग का होता है – खून के कई रंग होते हैं या खून कई रंग के होते है, और हर खून की अलग-अलग विशेषताएं होती हैं। इंसान और जानवर के खून में अंतर होता है, इसलिए दोनों को एक-दूसरे का खून नहीं चढ़ाते है।
खून सिर्फ लाल रंग का ही नहीं होता या यूं कहें कि खून का रंग लाल हो ये जरूरी नहीं है। इसके कई रंग हो सकते हैं, जैसे – नीला, हरा बैंगनी। विभिन्न जीवों में खून होता है। यह जरूरी नहीं है कि इंसान के शरीर में जो खून बहता है वही रंग किसी अन्य जानवर के शरीर में भी हो।
आज के इस लेख में हम आपको खून कितने रंग का होता है, खून का रंग लाल क्यों होता है आदि के बारे में जानकारी देने वाले है। इसलिए आज के इस लेख खून कितने रंग का होता है को अंत तक अवश्य पढ़े। तो आइये जानते है –
खून कितने रंग का होता है (Khoon Kitne Rang Ka Hota Hai In Hindi)
खून कितने रंग का होता है तो बता दे की खून – लाल, नीला, हरा, बैंगनी, गुलाबी, पीला और रंगहीन होता है।
खून का रंग लाल क्यों होता है (Khoon Ka Rang Lal Kyo Hota Hai In Hindi)
मानव के खून का रंग हीमोग्लोबिन, आयरन और ऑक्सीजन के मिश्रण के कारण लाल दिखाई देता है। मनुष्यों के अलावा लाल रक्त अधिकांश कशेरुकी जंतुओं में पाया जाता है। इस रक्त के रासायनिक मिश्रण को हीमोग्लोबिन कहा जाता है।
हीमोग्लोबिन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो रक्त में प्रवाहित होता है। इसकी उप इकाई हैम है। हैम में आयरन भारी मात्रा में पाया जाता है। लोहे के कारण बनने वाली रासायनिक आकृति ही इसे लाल रंग देती है। वो भी तब जब उसे ऑक्सीजन मिले। ऑक्सीजन रहित रक्त का रंग गहरा लाल होता है, नीला नहीं।
ऑक्टोपस और स्क्विड जैसे प्राणियों के खून का रंग नीला होता है, लेकिन यहां भी ऑक्सीजन का ही चमत्कार है। नीला खून आमतौर पर समुद्री जीवों में पाया जाता है। जैसे ऑक्टोपस, स्क्विड, मोलस्क, क्रस्टेशियंस और मकड़ियाँ।
नीला खून –
नीले रक्त का कारण हीमोसाइनिन है। हीमोग्लोबिन रक्त की लाल रक्त कोशिकाओं से चिपका रहता है। लेकिन हेमोसाइनिन रक्त में स्वतंत्र रूप से बहता है। हीमोसाइनिन में लोहे की जगह तांबा होता है। दरअसल ये खून बिना किसी रंग का होता है. लेकिन जब इसे ऑक्सीजन मिलती है तो तांबे के प्रभाव से यह नीला हो जाता है।
हरा खून –
वही केंचुए जैसे जीवों को ऑक्सीजन मिलने पर उनका रंग हरा हो जाता है। ऐसे प्राणियों के शरीर में हरे रक्त का संचार होता है, जो बहुत छोटे होते हैं। जैसे टुकड़ों में बंटे शरीर वाले वॉर्म, केंचुए, जोंक और समुद्री कीड़े।
इनके रक्त में क्लोरोक्रूरिन पाया जाता है। रासायनिक दृष्टि से यह हीमोग्लोबिन के समान है। जीवों की कुछ प्रजातियों में हीमोग्लोबिन और क्लोरोक्रूरिन दोनों पाए जाते हैं। जब तक इसे ऑक्सीजन नहीं मिलती तब तक यह हल्का हरा दिखता है। ऑक्सीजन मिलते ही इसका रंग गहरा हरा हो जाता है। यदि इसे अधिक ऑक्सीजन मिले तो यह हल्का लाल हो जाता है।
बैंगनी खून –
समुद्री कीड़ों में बैंगनी रक्त पाया जाता है। जैसे मूंगफली के कीड़े, लिंग के कीड़े और ब्राचिओपोड्स। इनके रक्त में हेमीइरीथ्रिन पाया जाता है। हीमोग्लोबिन की तुलना में हेमीइरीथ्रिनकेवल एक चौथाई ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में सक्षम है। जब तक ऑक्सीजन के संपर्क में न लाया जाए, हेमीरीथ्रिन रंगहीन होता है। ऑक्सीजन मिलते ही इसका रंग बैंगनी-गुलाबी हो जाता है।
पीला खून –
सी-क्यूकम्बर के नाम से मशहूर जीव के खून का रंग पीला होता है। दिलचस्प बात यह है कि वैज्ञानिक अभी तक इसके खून के पीले होने का कारण नहीं समझ पाए हैं।
रंगहीन खून –
अंटार्कटिक की गहराइयों में बेहद ठंडे तापमान में रहने वाली क्रोकोडाइल आइसफिश का खून रंगहीन और पारदर्शी होता है। दरअसल, इस मछली के खून में हीमोग्लोबिन और हीमोसायनिन नहीं होता है।
FAQs
पीला खून किसका होता है?
सी-क्यूकम्बर का खून पीला होता है।
हरा खून किसका होता है?
टुकड़ों में बंटे शरीर वाले वॉर्म, केंचुए, जोंक और समुद्री कीड़े में हरा खून होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको खून कितने रंग का होता है, खून का रंग लाल क्यों होता है आदि के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख खून कितने रंग का होता है (Khoon Kitne Rang Ka Hota Hai In Hindi) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर जरूर करे।