कलयुग में कौन सा भगवान जीवित है – जो अभी तक जीवित है, आगे भी जीवित रहेंगे, जो अमर है, उन्हें चिरंजीवी कहा जाता है। अर्थात इनका कभी अंत नहीं होता। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, पृथ्वी पर 8 ऐसे चिरंजीवी मौजूद हैं जिनका कभी अंत नहीं होगा। इनमें से कुछ को भगवान ने अमरता का वरदान दिया है तो कुछ श्राप के चलते अमर हो गए हैं।
इसलिए आज के इस लेख में हम आपको कलयुग में कौन सा भगवान जीवित है, कौन-कौन भगवान अमर है के बारे में जानकारी देने वाले है। तो आइये जानते है –
कलयुग में कौन सा भगवान जीवित है (Kalyug Me Kaun Sa Bhagwan Jivit Hai)
कलयुग में – हनुमान जी, परशुराम भगवान, अश्वत्थामा, महर्षि व्यास, विभीषण, कृपाचार्य, असुर राज बलि और ऋषि मार्कंडेय जीवित है।
1) हनुमान जी
हनुमान जी को माता सीता ने अमरता का वरदान दिया है। जब हनुमान जी भगवान श्री राम का संदेश लेकर सीता जी के पास अशोक वाटिका गये थे तो राम के प्रति उनकी भक्ति और समर्पण को देखकर सीता जी ने उन्हें यह वरदान दिया था। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी आज भी पृथ्वी पर निवास करते हैं और सदैव भगवान राम जी की भक्ति में लीन रहते हैं।
2) अश्वत्थामा
कुछ लोगों को एक श्राप के कारण अमरता प्राप्त हुई। अश्वत्थामा ने महाभारत युद्ध के दौरान अपने पिता द्रोणाचार्य की हत्या का बदला लेने के लिए अन्याय का सहारा लिया था। उसने पांडवों के सोते हुए पुत्रों को मार डाला था। जिसके बाद श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा को श्राप दिया कि वह संसार के अंत तक अपने शरीर को घावों से लथपथ भटकता रहेगा और उसके घावों से हमेशा खून निकलता रहेगा। माना जाता है कि इसी श्राप के कारण अश्वत्थामा आज भी पृथ्वी पर भटक रहे हैं।
3) राजा बलि
राजा बलि भगवान विष्णु के महान भक्त प्रह्लाद के वंशज हैं। जब भगवान विष्णु राजा बलि की परीक्षा लेने के लिए भगवान वामन के भेष में आए थे, तब राजा बलि ने अपना सब कुछ भगवान वामन को दान कर दिया था। इससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें अमरता का वरदान दिया। ऐसा माना जाता है कि राजा बलि आज भी पाताल लोक में निवास कर रहे हैं।
4) विभीषण
रावण के सबसे छोटे भाई और राम के महान भक्त विभीषण को भगवान राम ने अमरता का वरदान दिया था। रावण के वध के बाद श्री राम ने सोने की लंका विभीषण को सौंप दी और उन्हें अमरता का आशीर्वाद दिया। ऐसा माना जाता है कि विभीषण आज भी धरती पर मौजूद हैं।
5) परशुराम
परशुराम भगवान विष्णु के दसवें अवतार माने जाते हैं। वे भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे और सदैव तपस्या में लीन रहता था। उनकी भक्ति देखकर स्वयं महादेव ने उन्हें अमरता का वरदान दिया। परशुराम जी का उल्लेख रामायण और महाभारत दोनों में मिलता है।
6) कृपाचार्य
कृपाचार्य कौरवों और पांडवों के गुरु हैं। ऋषि कृपाचार्य ने महाभारत युद्ध में कौरवों की ओर से सक्रिय भूमिका निभाई थी। उनका नाम परम तपस्वी ऋषियों में शामिल है। उनकी तपस्या के फलस्वरूप उन्हें अमरता का वरदान प्राप्त था।
7) वेदव्यास
महर्षि वेदव्यास चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद) के रचयिता हैं। वह सत्यवती और ऋषि पराशर के पुत्र हैं। उन्होंने 18 पुराणों की भी रचना की है। महाभारत जैसे विस्तृत ग्रंथ की रचना भी वेद व्यास ने की है। उन्हें भी अमरत्व का वरदान प्राप्त है।
8) ऋषि मार्कण्डेय
ऋषि मार्कण्डेय भी 8 चिरंजीवियों में से एक हैं। वह भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे। शिव के अत्यंत शक्तिशाली महामृत्युंज्य मंत्र की रचना भी ऋषि मार्कंडेय ने की थी। उनका जन्म अल्पायु के साथ हुआ था। लेकिन यमराज से उनकी जान बचाने के लिए भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए। साथ ही महादेव ने उन्हें अमरता का वरदान भी दिया।
कौन-कौन भगवान अमर है (Kaun Kaun Se Bhagwan Amar Hai)
हनुमान जी, परशुराम भगवान, अश्वत्थामा, महर्षि व्यास, विभीषण, कृपाचार्य, असुर राज बलि और ऋषि मार्कंडेय अमर है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको कलयुग में कौन सा भगवान जीवित है, कौन-कौन भगवान अमर है के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख कलयुग में कौन सा भगवान जीवित है अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।