कलयुग की स्त्री कैसी होगी – कलियुग में मनुष्य की आयु बहुत कम हो जायेगी। स्त्री और पुरुष दोनों बीमार हो जायेंगे और उम्र कम हो जायेगी। 16 वर्ष की आयु में लोगों के बाल सफेद हो जायेंगे और 20 वर्ष की आयु में वे बूढ़े हो जायेंगे। युवावस्था समाप्त हो जायेगी। कलियुग में एक समय ऐसा आएगा जब सभी पुरुष स्त्रियों की अधीनता में अपना जीवन व्यतीत करेंगे। सर्वत्र पाप का बोलबाला होगा। मनुष्य सात्विक जीवन की बजाय तामसिक जीवन जीने में विश्वास करेगा।
कलियुग के पांच हजार वर्ष बाद गंगा नदी सूख जायेगी और पुन: वैकुण्ठ धाम में लौट जायेगी। जब कलियुग के दस हजार वर्ष बीत जायेंगे तब सभी देवी-देवता पृथ्वी छोड़कर अपने लोक लौट जायेंगे। लोग पूजा-पाठ, व्रत-उपवास और सभी धार्मिक गतिविधियां करना बंद कर देंगे। एक समय आएगा जब भूमि अन्न पैदा करना बंद कर देगी और पृथ्वी जलमग्न हो जायेगी। तो आइये अब जानते है –
कलयुग की स्त्री कैसी होगी (Kalyug Ki Stri Kaisi Hogi)
जब घोर कलियुग आएगा तब लोग पुण्य कर्मों से दूर हो जायेंगे और बुरे कर्मों आदि में फँस जायेंगे। कोई भी सत्य सुनना पसंद नहीं करेगा और दूसरों की निंदा करने में जल्दी करेगा।
कलियुग में अनैतिक तरीके से धन कमाने की होड़ मच जाएगी और पुरुष पराई स्त्रियों पर मोहित हो जाएंगे। इतना ही नहीं, लोग नास्तिक, मूर्ख और पशु बुद्धि वाले हो जायेंगे। माता-पिता से द्वेष भाव रहेगा।
कलियुग में स्त्रियां भी अपना आचरण और सदाचार भूलकर भ्रष्ट हो जाएंगी। वह अपने देवतुल्य पति का अपमान करने लगेगी और अपने रिश्तेदारों के प्रति द्वेष रखने लगेगी। गन्दा भोजन, कुसंस्कार, बुरे आचरण तथा दूसरों की सेवा करने से विमुख हो जायेंगे।
पुराणों के अनुसार कलियुग में लोग थोड़े से धन से बहुत घमंड करेंगे। महिलाएं अपने बालों के दम पर अपनी खूबसूरती पर गर्व करेंगी।
कलियुग में स्त्रियाँ अपने धनहीन पतियों को त्याग देंगी; उस समय केवल धनवान पुरुष ही स्त्रियों के स्वामी होंगे। जो अधिक देगा उसे ही लोग अपना स्वामी मानेंगे। उस समय लोग प्रभुत्व के कारण ही रिश्ते निभाएंगे।
स्त्रियाँ कठोर स्वभाव वाली एवं कटु बोलने वाली होंगी। वे अपने पति की आज्ञा का पालन नहीं करेंगी, जिसके पास पैसा होगा उसके पास स्त्रियाँ होंगी।
केवल एक शक्तिशाली और धनी व्यक्ति ही हर चीज़ का स्वामी होगा। किसी के मुख से जो निकलेगा वही शास्त्र माना जायेगा।
कलियुग में ढोंग और पाखण्ड अपने चरम पर होगा। मनुष्य पिशाचों, मानव, लाशों की पूजा करेंगे। मनुष्य का स्वभाव केवल घर का बोझ ढोने वाले गधों जैसा ही रह जाएगा। लोग व्यक्तिपरक हो जायेंगे।
धार्मिक गतिविधियां लुप्त हो जाएंगी। जप के बिना लोग नास्तिक और चोर बन जायेंगे। सब एक दूसरे को लूट रहे होंगे।
कलियुग में समाज हिंसक हो जाएगा। जो शक्तिशाली होंगे वही शासन करेंगे। मानवता नष्ट हो जायेगी, रिश्ते-नाते ख़त्म हो जायेंगे।
एक भाई दूसरे भाई का दुश्मन बन जायेगा. जुआ, शराब, व्यभिचार और हिंसा ही धर्म होगा।
पुराणों के अनुसार कलियुग में सभी स्त्रियाँ स्त्री का श्रृंगार माने जाने वाले बाल काटने लगेंगी। लोग अपने बालों को रंगना भी शुरू कर देंगे, विष्णु जी के अनुसार ऐसी स्थिति में कलयुग का आरंभ होगा।
कलियुग के चरम पर पहुंचने से पहले हर कोई एक-दूसरे से झूठ बोलना शुरू कर देगा। कलियुग में लोगों की अकाल और दर्दनाक मृत्यु होगी। पूरे देश में अकाल और भुखमरी फैलने लगेगी, लोग प्यास और भूख से मरने लगेंगे और जब ऐसा होगा तो कलयुग अपने चरम पर पहुंच जाएगा।
विष्णु जी ने बताया कि जब 7 साल की कन्या बच्चे को जन्म दे तो समझ लें कि अब घोर कलयुग आ गया है। इसके कुछ ही समय बाद यह युग ख़त्म हो सकता है। मालूम हो तो हिंदू धर्म के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने ही सृष्टि की रचना की है इसलिए इसका विनाश भी ये ही तीनों करेंगे।
निष्कर्ष (Conclusion)
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