Kabaddi In Hindi: कबड्डी के इतिहास की बात करें तो भारत में इसकी प्राचीनता वैदिक काल से जुड़ी हुई है और माना जाता है कि इस खेल की उत्पत्ति भारत में हुई थी। भले ही भारत में क्रिकेट बहुत लोकप्रिय है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यहां अन्य खेल नहीं खेले जाते या कोई अन्य खेल लोकप्रिय नहीं है।
ऐसे कई खेल हैं जो न सिर्फ हमारे देश में खूब खेले जाते हैं बल्कि इनकी उत्पत्ति भी हमारे देश में ही हुई है। ऐसा ही एक खेल है ‘कबड्डी’, जिसकी लोकप्रियता भी किसी अन्य खेल से कम नहीं है। कबड्डी न सिर्फ लड़कों में बल्कि लड़कियों में भी काफी लोकप्रिय है।
आज इस लेख के माध्यम से हम आपको कबड्डी क्या है, कबड्डी कैसे खेला जाता है, कबड्डी के नियम और कबड्डी का इतिहास सहित कबड्डी से जुड़ी कुछ अन्य जानकारी भी देंगे, तो आइये जानते है कबड्डी के बारे में जानकारी (Kabaddi Information In Hindi) –
कबड्डी खेल का परिचय (Information About Kabaddi In Hindi)
- राष्ट्रीय खेल – बंगलादेश
- अधिकतम ख़िलाड़ी – 12 ख़िलाड़ी
- कबड्डी मैदान – पुरुषों के लिए मैदान (13X10 मीटर), महिलाओं के लिए मैदान ( 12X8 मीटर)
- समय सीमा – पुरुषों के लिए 40 मिनट, महिलाओं के लिए 30 मिनट
- रेड समय – 30 सेकंड
- ब्रेक टाइम – 5 मिनट
- वजन मापदंड – सीनियर पुरुषों के लिए 85 किलो, सीनियर महिलाओं के लिए 75 किलो, जूनियर पुरुषों के लिए 70 किलो, जूनियर गर्ल्स के लिए 65 किलो
कबड्डी क्या है इन हिंदी (Kabaddi Kya Hai In Hindi)
कबड्डी एक खेल है जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में खेला जाता है। कबड्डी खेल भारत के पड़ोसी देशों नेपाल बांग्लादेश श्रीलंका और पाकिस्तान में भी लोकप्रिय है। कबड्डी बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है। कबड्डी खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है, एक टीम हमलावर के रूप में होती है और दूसरी टीम रक्षक के रूप में होती है। खेल की समय सीमा पुरुषों के लिए 40 मिनट और महिलाओं के लिए 30 मिनट है। इस खेल को खेलने के लिए कई नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करते हुए सभी खिलाड़ी इस गेम को खेलते हैं।
कबड्डी के नाम (Kabaddi Name In Hindi)
अलग-अलग जगहों पर कबड्डी को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसका नाम कबड्डी मुख्यतः उत्तर भारत में रखा गया। इसे दक्षिण भारत में चेडुगुडु के नाम से जाना जाता है। हालांकि इसका कबड्डी नाम काफी प्रचलित हुआ है।
कबड्डी खेल में कितने खिलाड़ी होते हैं (Players In Kabaddi In Hindi)
कबड्डी की टीम में भी 12 खिलाड़ी होते हैं। लेकिन इसमें से सिर्फ 7 खिलाड़ी ही खेलते हैं, जो विरोधी टीम का सामना करते हैं।
कबड्डी कैसे खेला जाता है इन हिंदी (Kabaddi Kaise Khela Jata Hai)
कबड्डी के खेल में कबड्डी की 1 टीम बनाई जाती है जिसमें 12 खिलाड़ी होते हैं। एक समय में 7 खिलाड़ियों को मैदान में खेलने के लिए भेजा जाता है। पुरुषों के लिए समय सीमा 40 मिनट, महिलाओं के लिए सीमा 30 मिनट निर्धारित की गयी है। मैच को 2 भागों में खेला जाता है पुरुषों के लिए 20-20 मिनट, जबकि महिलाओं के लिए 15-15 मिनट। बीच में 5 मिनट का ब्रेक टाइम भी दिया जाता है। एक भाग के पुरे होने के बाद दोनों टीमों को अपना – अपना पाला बदला पड़ता है यानी इधर के खिलाड़ी उधर और उधर के खिलाड़ी इधर।
कबड्डी खेलते समय यदि किसी खिलाड़ी का पैर मैदान में बनी लाइन के पीछे चला जाता है तो वह खिलाड़ी आउट हो जाता है। आक्रमण करने वाला खिलाड़ी कबड्डी-कबड्डी बोलता चला जाता है और दूसरी टीम में जाकर वह बोलना रुक जाता है, तो उसे आउट माना जाता है।
यदि वह कबड्डी-कबड्डी बोलते हुए अपनी टीम में आ जाता है, तो उस खिलाड़ी को पॉइंट मिल जाता है। एम्पायर के मना करने पर दोनों पक्षों का कोई भी खिलाड़ी उल्लंघन करता है, तो दूसरी टीम को 1 अंक दिया जाता है।
एक बार किसी खिलाड़ी को बदल देने के बाद उसे दोबारा शामिल नहीं किया जा सकता है। अंत में दोनों टीमों के अंक समान हो जाते हैं, तो उस अवधि में 5-5 रेड दिए जाते हैं। जो भी खिलाडी अधिक रेड करने में कामयाब होता है उसी टीम की जीत होती है।
कबड्डी खेलने का तरीका (Kabaddi Khelne Ka Tarika)
जब खेलने वाले सभी सातों खिलाड़ी क्रिकेट कोर्ट पर पहुंच जाते हैं तो वहां टॉस होता है और टॉस जीतने वाली टीम रेडिंग करने का फैसला करती है। अगर वह पहले रेडिंग मारती है तो उसे कबड्डी कबड्डी कहकर अपने दल से एक खिलाड़ी को विपक्षी टीम में भेजना होता है।
अगर वह खिलाड़ी अपने कौशल से खिलाड़ी को छूकर वापस लौट आता है, तो वह जिस विपक्षी टीम को छूता है उसे मरा माना जाता है, अर्थात वह व्यक्ति टीम से बाहर बैठेगा, जब तक उनकी टीम विपक्षी टीम के किसी एक को मार नहीं देती।
कबड्डी कबड्डी बोलने वाली टीम का रेडर यदि विरोधी टीम के पाले में चला जाता है और जो डिफेंडर उस खिलाड़ी को पकड़ने के लिए तैयार रहते हैं, उनमें से यदि कोई उस रेडर को पकड़ लेता है तो वह रेडर मरा हुआ माना जाएगा।
मरा हुआ खिलाड़ी तब तक टीम में दोबारा शामिल नहीं हो सकता जब तक कि विरोधी टीम का कोई खिलाड़ी मर न जाए।
कबड्डी कोर्ट में 3 लाइनें होती हैं, पहली लाइन वह होती है जिसे आपको छूना है, अगर आप उस लाइन को नहीं छूते हैं, तो आप आउट हो जाएंगे। दूसरी लाइन वह लाइन होती है जिसे आप छूते हैं तो आपकी टीम को एक पॉइंट मिलेगा और यह पॉइंट तब दिया जाता है जब कोर्ट में 6 या 6 से अधिक खिलाड़ी होते हैं।
कबड्डी के नियम हिंदी में (Kabaddi Ke Niyam Hindi Me | Kabaddi Rules In Hindi)
इस खेल को खेलने के लिए कई नियम बनाए गए हैं जिनके आधार पर सभी खिलाड़ियों को खेल खेलना होता है यदि कोई खिलाड़ी खेल के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे कबड्डी खेल से बाहर कर दिया जाता है।
यह खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है इसमें जिस टीम के अधिक अंक होते हैं वह टीम जीत जाती है। अंक प्राप्त करने के लिए एक टीम के खिलाड़ी को कबड्डी कबड्डी कहकर दूसरी टीम में जाना होता है। कबड्डी कबड्डी बोलता चला गया खिलाड़ी दूसरी टीम के खिलाड़ी को छूकर वापस आ जाता है, तो कबड्डी कबड्डी बोलने वाले खिलाड़ी को एक अंक मिलता है।
यदि वह एक से अधिक खिलाड़ियों को छूने के बाद वापस आता है, तो उस टीम को उतने ही अंक मिलते हैं जितने खिलाड़ियों को वह छूता है।
कबड्डी कबड्डी बोलकर आया खिलाड़ी अगर इस टीम के खिलाड़ियों द्वारा पकड़ा जाता है तो इस टीम को एक अंक मिलेगा।
दोनों टीमों में 7-7 खिलाड़ी होते हैं यानी एक कबड्डी प्रतियोगिता में 14 खिलाड़ियों की आवश्यकता होती है। हालांकि एक टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं, जिनमें से 7 खेल रहे होते हैं और 5 बैठे होते हैं, यानी रिजर्व होते हैं, अगर खेलते समय किसी खिलाड़ी को चोट लग जाती है, तो रिजर्व खिलाड़ी उसकी जगह लेता है।
कबड्डी का इतिहास इन हिंदी (Kabaddi History In Hindi)
कबड्डी के इतिहास की बात करें तो भारत में इसकी प्राचीनता को वैदिक काल से जोड़ा जोड़ा गया है और माना जाता है कि इस खेल की उत्पत्ति भारत में हुई थी। हालांकि ईरान की ओर से यह भी दावा किया जाता रहा है कि कबड्डी के खेल की शुरुआत उनके देश से हुई है। भारत में इसे वर्तमान स्वरूप में लोकप्रिय बनाने में तमिलनाडु व महाराष्ट्र राज्यों का बहुत ही योगदान है। कबड्डी खेल यहां का बहुत लोकप्रिय खेल है।
कबड्डी के खेल की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। इस खेल को पहली बार वर्ष 1936 में बर्लिन ओलम्पिक में एक खेल के रूप में शामिल किया गया था। 1950 में गठित ‘ऑल इंडिया कबड्डी फेडरेशन’ ने भारत में कबड्डी के नियम निर्धारित करने के साथ-साथ इस खेल को आगे बढ़ाने का प्रयास किया।
गौरतलब है कि साल 1972 में ऑल इंडिया कबड्डी फेडरेशन को ‘द एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया’ में तब्दील कर दिया गया था। कबड्डी न केवल भारत में बल्कि पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में भी बहुत लोकप्रिय है। यह बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है।
कबड्डी विश्व कप (2004 में शुरू हुआ) और 2014 से देश में शुरू हुई ‘प्रो कबड्डी लीग’ ने कबड्डी को और लोकप्रिय बना दिया है। भारत की पुरुषों के अलावा महिला टीम भी काफी अच्छा प्रदर्शन करती रही है। कबड्डी विश्व कप में भारतीय टीमों का प्रदर्शन हमेशा शानदार रहा है।