Himalaya Se Nikalne Wali Nadiyon Ke Naam Bataiye – हिमालय से निकलने वाली भारत की नदियाँ काफी लंबी हैं। इन नदियों में 12 महीने पानी रहता है क्योंकि बारिश और पिघली बर्फ के कारण जलस्तर में कोई कमी नहीं आती, बस मौसम के अनुसार थोड़ा-बहुत बदलाव होता रहता है।
आज के इस लेख में हम आपको हिमालय से निकलने वाली नदियों के नाम, हिमालय से निकलने वाली 5 नदियों के नाम आदि के बारे में जानकारी देने वाले है। तो आइये जानते है –
हिमालय से निकलने वाली नदियों के नाम बताइए (Himalaya Se Nikalne Wali Nadiyon Ke Naam Bataiye)
हिमालय की नदियों को तीन प्रमुख नदी-तंत्रों (सिन्धु नदी-तंत्र, गंगा नदी-तंत्र तथा ब्रह्मपुत्र नदी-तंत्र) में विभाजित किया गया है। सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र हिमालय से निकलने वाली प्रमुख नदियाँ हैं। ये नदियाँ लंबी हैं और इनमें कई महत्वपूर्ण और बड़ी सहायक नदियाँ मिलती हैं। एक नदी और उसकी सहायक नदियों को नदी प्रणाली (नदी तंत्र) कहा जाता है।
हिमालय से निकलने वाली सभी नदियों के नाम (Himalaya Se Nikalne Wali Sabhi Nadiyon Ke Naam)
हिमालय से निकलने वाली सभी नदियों के नाम निम्नलिखित है –
सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र, श्योक, काबुल, कुर्रम, गोमल, सतलज, व्यास, रावी, चिनाब एवं झेलम की संयुक्त धारा, जास्कर, स्यांग, शिगार, गिलगिट, गोमती, घाघरा, गण्डक, बूढ़ीगंगा, कोशी, महानंदा, ब्रह्मपुत्र, यमुना, टोंस, सोन, सुबनसिरी, कामेंग, मानस, संकोज, तीस्ता, लोहित, दिबांग, धनश्री और कालांग है।
हिमालय से निकलने वाली 5 नदियों के नाम (Himalaya Se Nikalne Wali 5 Nadiyon Ke Naam)
हिमालय से निकलने वाली 3 नदियों के नाम है – सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र।
हिमालय से निकलने वाली 5 नदियों के नाम / हिमालय से निकलने वाली 10 नदियों के नाम
हिमालय से मुख्य रूप से तीन ही नदियाँ सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र निकलती है, जिन्हे नदी-तंत्रों (सिन्धु नदी-तंत्र, गंगा नदी-तंत्र और ब्रह्मपुत्र नदी-तंत्र) में विभाजित किया गया है। इन नदियों में इनकी कई सहायक नदियां सम्मिलित है।
हिमालय से निकलने वाली 5 नदियों के नाम है – सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना, सतलज। और हिमालय से निकलने वाली 10 नदियों के नाम है – सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना, सतलज, व्यास, रावी, महानंदा, घाघरा और गण्डक।
हिमालय से निकलने वाली नदियों के बारे में (About The Rivers Originating From The Himalayas In Hindi)
1) सिंधु नदी
सिन्धु नदी के अन्तर्गत कई सहायक नदियां आती है, जिनमे दायीं ओर से मिलने वाली नदियों के नाम – श्योक, काबुल, कुर्रम, गोमल है। वही बायीं ओर से मिलने वाली नदियों के नाम सतलज, व्यास, रावी, चिनाब एवं झेलम की संयुक्त धारा (मिठनकोट के पास) तथा जास्कर, स्यांग, शिगार, गिलगिट है।
सिन्धु नदी की लम्बाई 3180 किमी है। सिन्धु नदी का जल संग्रहण क्षेत्र 11.65 लाख वर्ग किमी है। सिन्धु नदी तिब्बत के मानसरोवर झील के निकट ‘चेमायुंगडुंग’ ग्लेशियर से निकलती है। सिन्धु नदी भारत से होकर पाकिस्तान और अंतत: कराची के निकट अरब सागर में मिल जाती है।
2) गंगा नदी
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गोमुख के पास गंगोत्री ग्लेशियर से भागीरथी के रूप में निकलने वाली, देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी के संगम के बाद संयुक्त धारा को गंगा नदी के नाम से जाना जाता है।
यमुना इलाहाबाद के पास गंगा से मिलती है जिसे संगम या प्रयाग कहते है। बंगाल में गंगा दो धाराओं में विभाजित हो जाती है, एक धारा हुगली नदी के रूप में अलग हो जाती है जबकि मुख्य धारा भागीरथी के रूप में आगे बढ़ती है।
बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी जमुना के नाम से भागीरथी (गंगा) में मिलती है। इनकी संयुक्त धारा को पद्मा कहते है। बांग्लादेश में मेघना नदी पद्मा नदी में मिलती है। बाद में गंगा एवं ब्रह्मपुत्र की संयुक्त धारा मेघना से मिलने के पश्चात मेघना के नाम से आगे बहती है और छोटी-छोटी धाराओं में बंटने के बाद बंगाल की खाड़ी में सम्मिलित हो जाती है।
गंगा नदी के अन्तर्गत कई सहायक नदियां आती है, जिनमे दायीं ओर से मिलने वाली नदियों के नाम – गोमती, घाघरा, गण्डक, बूढ़ीगंगा, कोशी, महानंदा, ब्रह्मपुत्र है। वही बायीं ओर से मिलने वाली नदियों के नाम – यमुना, टोंस, सोन है।
3) ब्रह्मपुत्र नदी
ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत में मानसरोवर झील के पास अंगसी ग्लेशियर से निकलती है। ब्रह्मपुत्र नदी को तिब्बत में सांगपो के नाम से जाना जाता है। जब यह नामचा बरबा पर्वत शिखर के पास अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है तो इसका नाम दिहांग होता है। बाद में इसकी दो सहायक नदियों दिबांग और लोहित के मिलन के बाद इसे ब्रह्मपुत्र के नाम से जाना जाता है। बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र को जमुना के नाम से जाना जाता है।तीस्ता नदी बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र से मिलती है। इसके बाद ब्रह्मपुत्र पद्मा (गंगा) में मिल जाती है।
ब्रह्मपुत्र नदी के अन्तर्गत कई सहायक नदियां आती है, जिनमे दायीं ओर से मिलने वाली नदियों के नाम – सुबनसिरी, कामेंग, मानस, संकोज, तीस्ता है। वही बायीं ओर से मिलने वाली नदियों के नाम – लोहित, दिबांग, धनश्री, कालांग है।
भारत में प्रवाह की दृष्टि से सबसे लंबी नदी गंगा है और भारत में बहने वाली नदियों की कुल लंबाई की दृष्टि से सबसे लंबी नदी ब्रह्मपुत्र है। जल की मात्रा की दृष्टि से ब्रह्मपुत्र भारत की सबसे बड़ी नदी है।
FAQs
हिमालय से निकलने वाली नदियों के नाम क्या है?
हिमालय से निकलने वाली नदियों के नाम – सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र है।
हिमालय से कितने नदी निकलती है?
हिमालय से मुख्य रूप से तीन नदी निकलती है – सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र।
हिमालय से निकलने वाली पवित्र नदी कौन सी है?
हिमालय से निकलने वाली पवित्र नदी गंगा है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको हिमालय से निकलने वाली नदियों के नाम बताइए, हिमालय से निकलने वाली 5 नदियों के नाम आदि के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख हिमालय से निकलने वाली नदियों के नाम बताइए (Himalaya Se Nikalne Wali Nadiyon Ke Naam Bataiye) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।