Hartalika Teej Kab Hai 2024: महिलाओं का प्रिय पर्व हरतालिका तीज का पावन पर्व आने वाला है। सौभाग्यशाली स्त्रियों का यह पावन पर्व हर साल भाद्रपद शुक्ल तृतीया को आता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और दूसरे दिन पूजा के बाद इस व्रत का पारण किया जाता है। आमतौर पर तीज साल में चार बार आती है लेकिन हरतालिका तीज को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत अविवाहित लड़कियां भी अच्छा पति पाने के लिए करती हैं।
भाद्रपद शुक्ल तृतीया को आने वाले तीज व्रत भारतीय महिलाओं के सबसे कठिन व्रतों में शामिल किया गया है। यह एक ऐसा व्रत है जिसे विवाहित महिलाओं के अलावा अविवाहित लड़कियां भी रखती हैं। यह व्रत मुख्य रूप से यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश सहित कई उत्तर-पूर्वी राज्यों में श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
हरतालिका तीज पर भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। हरतालिका व्रत निराहार और निर्जल रहकर किया जाता है। हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार इस व्रत के दौरान महिलाएं सुबह से लेकर अगले दिन सुबह सूर्योदय तक जल भी नहीं ले सकती हैं। विवाहित महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत बिना अन्न-जल के चौबीस घंटे तक करती हैं।
भारतीय विवाहित महिलाओं के लिए हरतालिका तीज का बहुत महत्व है। हरतालिका तीज पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस तीज को हरियाली तीज या श्रावणी तीज कहा जाता है। हिंदू धर्म की प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। हरतालिका तीज को दृढ़ संकल्प का प्रतीक और अखंड सौभाग्य की कामना का पवित्र व्रत माना जाता है।
ज्ञात हो कि यह व्रत बहुत कठिन होता है, क्योंकि इस व्रत को निर्जल रखा जाता है और निराहार रखा जाता है। सुहागिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत और पूजा करती है। तो आइये जानते है इस साल हरतालिका तीज कब की है 2024 (Hartalika Teej Kab Ki Hai 2024) –
हरतालिका तीज व्रत कब है 2024 (Hartalika Teej Vrat Kab Hai 2024)
हरतालिका तीज हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष ही तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इसलिए इस साल 6 सितंबर, 2024 को हरतालिका तीज व्रत रखा जायेगा।
हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त 2024 (Hartalika Teej Shubh Muhurat 2024)
दिन – शुक्रवार, 6 सितंबर 2024
तृतीया तिथि प्रारम्भ – 12:25 – 5 सितंबर 2024
तृतीया तिथि समाप्त – 15:05 – 6 सितंबर 2024
प्रातःकाल मुहूर्त – 06:01:46 से 08:32:40 तक
अवधि – 2 घंटे 30 मिनट
हरतालिका तीज व्रत का महत्व (Hartalika Teej Vrat Ka Mahtav)
सौभाग्यवती स्त्रियां अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए और अविवाहित लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं। पहला व्रत माता पार्वती ने भगवान शिव शंकर के लिए किया था। इसलिए विशेष रूप से गौरी-शंकर की पूजा की जाती है। उत्तर भारत के कई राज्यों में इस दिन मेहंदी लगाने और झूला झूलने की भी प्रथा है। उत्तर प्रदेश और बिहार के पूर्वांचल में इस पर्व की भव्यता विशेष रूप से देखी जाती है। इस व्रत को निर्जल रखा जाता है और अगले दिन पूजा के बाद ही व्रत तोड़ा जाता है।
हरतालिका तीज व्रत कथा (Hartalika Teej Vrat Katha)
माता पार्वती भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करना चाहती थीं और इसके लिए वह घोर तपस्या करने लगीं। माता पार्वती ने कई वर्षों तक निराहार और निर्जल व्रत किया। एक दिन महर्षि नारद माता पार्वती के पिता हिमालय के घर आए और कहा कि भगवान विष्णु आपकी पुत्री पार्वती के तप से प्रसन्न होकर उनसे विवाह करना चाहते हैं और मैं उनका प्रस्ताव लेकर आपके पास आया हूं। यह सुनकर हिमालय की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने हां कर दी।
नारद ने भगवान विष्णु को संदेश दिया और कहा कि महाराज को हिमालय का यह प्रस्ताव पसंद आया और वे अपनी बेटी की शादी आपसे करने के लिए सहमत हो गए हैं। नारद ने भी जाकर यह जानकारी माता पार्वती को सुनाई। यह सुनकर माता पार्वती बहुत दुखी हुईं और उन्होंने कहा कि मैं विष्णु नहीं भगवान शिव से विवाह करना चाहती हूं।
उन्होंने अपनी सखियों से कहा कि वह अपने घर से दूर जाकर वहां जाकर तपस्या करना चाहती है। इस पर उनकी सखियों ने पार्वती को महाराज हिमालय की नजरों से बचाकर पार्वती को जंगल की एक गुफा में छोड़ दिया। यहीं रहकर उन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की। जिसके लिए उन्होंने रेत की शिवलिंग की स्थापना की। जिस दिन माता पार्वती ने शिवलिंग की स्थापना की वह दिन हस्त नक्षत्र में भाद्रपद शुक्ल तृतीया का दिन था।
हरतालिका तीज पूजा सामग्री (Hartalika Teej Puja Samgri)
गीली काली मिट्टी या बालू रेत, बेलपत्र, शमी पत्ता, केले का पत्ता, धतूरा का फल और फूल, अकांव का फूल, तुलसी, मंजरी, जनैवा, नाडा, वस्त्र, सभी प्रकार के फल और फूल के पत्ते, श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, घी -तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, फुलहरा (प्राकृतिक फूलों से सजा हुआ), पंचामृत और अभिषेक के लिए घी, दही, चीनी, दूध, शहद।पार्वती माता की सुहाग सामग्री- मेहंदी, चूड़ी, बीचिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, सुहाग पूड़ा आदि।
हरतालिका तीज पूजा विधि (Hartalika Teej Puja Vidhi )
- हरतालिका तीज में भगवान गणेश, भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है।
- सर्वप्रथम मिट्टी से तीनों की मूर्तियां बनाएं और भगवान गजानंद को तिलक करें व दूर्वा का भोग लगाएं।
- इसके पश्चात शिव शंकर को फूल, बेलपत्र और शमी पत्र चढ़ाएं और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।
- तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के पश्चात हरतालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
- इसके बाद श्री गणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारकर भोग लगाएं।
चंद्रमा को अर्घ्य देने की विधि
संध्या को तीज के दिन पूजा करने के बाद चंद्रमा को अर्ध्य दिया जाता है। जिसके बाद उन्हें भी रोली, अक्षत और मौली अर्पित करे। चाँदी की अंगूठी और गेहूँ के दाने हाथ में लेकर चन्द्रमा को अर्पण कर अपने स्थान पर खड़े होकर परिक्रमा करें।
हरतालिका तीज व्रत नियम (Hartalika Teej Vrat Niyam)
- तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं को अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए। महिलाएं अपने गुस्से को शांत रखने के लिए हाथों में मेहंदी लगाती हैं। जिससे मन शांत रहता है।
- व्रत रखने वाली महिलाओं को अपने मन में किसी तरह का खोट नहीं लानी चाहिए। किसी के प्रति बुरी भावना न लाएं। किसी को बुरी बात न कहें। अपने मन को शुद्ध, सात्विक और कोमल रखें।
- ऐसा माना जाता है कि व्रत रखने वाली महिलाओं को रात को नहीं सोना चाहिए। पूरी रात जागकर महिलाओं के साथ भजन कीर्तन करना चाहिए। अगर कोई महिला रात को सोती है तो ऐसा माना जाता है कि वह अगले जन्म में अजगर का जन्म लेती है।
- इस दिन घर के बड़े-बुजुर्गों को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और उन्हें दुखी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने वालों को अशुभ फल मिलता है।
- इस व्रत को विधिवत करना चाहिए। विधि के अनुसार पूजा करें और हरतालिका तीज व्रत कथा का पाठ करें या इस कथा को सुनें। इस व्रत में व्रत कथा सुनना या पढ़ना अनिवार्य माना गया है।
महिलाएं भूलकर भी इस दिन न करें ये 5 काम
- तीज के दिन महिलाओं को क्रोध करने से बचना चाहिए। अगर आपको गुस्सा आता है तो आपको उस पर काबू पाने की जरूरत है।
- ऐसा माना जाता है कि व्रत रखने वाली महिला अगर व्रत के दिन सो जाती है तो अगले जन्म में वह महिला अजगर के रूप में जन्म लेती है। इसलिए इस दिन रात भर जागकर भगवान की पूजा करने का विधान है।
- ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई लड़की या महिला तीज का व्रत नहीं रखती है, तो वह अगले जन्म में मछली बनती है। वहीं इस दिन गलती से भी मांस और मछली का सेवन नहीं करना चाहिए।
- हरतालिका तीज व्रत के संबंध में यह माना जाता है कि इस दिन महिलाओं (सुहागन या लड़की) को दूध का सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से वह अगले जन्म में सर्प योनि में जन्म लेती है।
- जैसा कि सभी जानते हैं कि तीज का व्रत निर्जला व्रत है। ऐसे में अगर व्रत रखने वाली महिला गलती से कुछ खा लेती है तो ऐसा माना जाता है कि अगले जन्म में वह महिला वानर बन सकती है।
अखंड सौभाग्य प्राप्ति के लिए करें ये 5 उपाय
हरतालिका तीज के दिन, व्रती को देवी पार्वती को लाल रंग की चुनरी चढ़ानी चाहिए। इसके बाद ॐ गौरीशंकराय नमः मंत्र का जाप करें। 7 11, या 21 रुपये चुनरी में अपनी श्रद्धा के अनुसार बांधें। पूजा पूरी करने के बाद चुनरी में बंधे पैसे को अपने पास रखें।
इस दिन भगवान भोलेनाथ और माँ पार्वती की पूजा करें, कथा सुनें और फिर देवी पार्वती को खीर का भोग लगाएं। उस खीर को अपने पति को प्रसाद के रूप में खिलाएं। व्रत का पारण करने के लिए खीर खुद खाएं। इससे पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं और दांपत्य जीवन सुखमय बनता है।
हरतालिका तीज के दिन पूजा पूरी करने के बाद पांच बुजुर्ग विवाहित महिलाओं को साड़ी और बिछिया का दान करना चाहिए और उनसे आशीर्वाद लेने के साथ-साथ पति के पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इससे दाम्पत्य जीवन सुखमय रहता है।
वहीं जिन कन्याओं के शादी में विघ्न एवं विलम्ब हो रहा हो तो उन्हें हरतालिका तीज के दिन विधि विधान अनुसार यह व्रत करना चाहिए। धार्मिक मान्यता अनुसार हरतालिका तीज का व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस व्रत को करने से शीघ्र ही इनका विवाह हो जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन पति के हाथों से सिंदूर वासे पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं और दांपत्य जीवन में आपसी प्रेम बढ़ता है। इसलिए इस दिन किसी शुभ मुहूर्त में पति के हाथों से मांग भरवाएं।
अच्छा जीवन साथी चाहती है तो लड़कियों को रखना चाहिए हरतालिका तीज व्रत
अगर अविवाहित लड़कियां हरितालिका तीज का व्रत रखती हैं तो उन्हें विशेष फल की प्राप्ति होती है। इसके लिए लड़कियों को निर्जला व्रत रखते हुए विवाहित महिला की तरह पूजा करनी चाहिए।
इसके लिए मिट्टी का शिव परिवार बनाएं। स्नान करने के बाद व्रत करने वाली महिलाओं और लड़कियों को स्वच्छ और सुंदर कपड़े पहनने चाहिए। सुहागिनें खुद का पूरा श्रृंगार करें। फिर शिव परिवार को दूध, दही, घी, शहद, चीनी और सफेद मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए और विभिन्न प्रकार के आभूषण और नए वस्त्र अर्पित करने चाहिए।
तीज के दिन चार पहर भगवान शिव और माता पार्वती की उनके परिवार सहित पूजा-अर्चना करने का विधान है। हरितालिका तीज की कथा सुनने के बाद शाम को, आधी रात और फिर अगले दिन सुबह पूजा करके व्रत तोड़ना चाहिए। इस दौरान महिलाओं को रात भर भजन और कीर्तन कर पूजा करनी चाहिए। पूजन के बाद शिव परिवार मूर्ति और पूजा सामग्री को बहते पानी में विसर्जित कर देना चाहिए।
माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए यह व्रत रखा था। इसी प्रकार अविवाहित कन्याओं को योग्य वर की कामना करते हुए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। मां को श्रृंगार सामग्री और लाल चुनरी चढ़ाएं। इससे उनकी मनोकामनाएं पूरी होंगी।