हनुमान जी कलयुग में कहां है – शास्त्रों में बताया गया है कि कुछ आत्माएं ऐसी हैं जिन्हें चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है। इनमें से एक है महावीर हनुमान जी है। भगवान राम (Shree Ram Ji) से वरदान मिलने के कारण हनुमान जी अमर हो गये।
दरसल हनुमान जी को भगवान राम जी से अमर होने का वरदान मिला था और हनुमान जी कलयुग में भी मौजूद हैं। शास्त्रों और वेदों में भगवान हनुमान को कलयुग का देवता बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त सच्ची श्रद्धा से हनुमान जी की पूजा करता है, भगवान हनुमान जी उसे दर्शन जरूर देते हैं, इसीलिए हनुमान जी को कलयुग का जीवित या जागृत देवता कहा गया है।
तुलसीदास जी ने कलयुग में हनुमान जी की उपस्थिति का भी उल्लेख किया है। हनुमान जी की कृपा से ही तुलसीदास जी को भगवान राम और लक्ष्मण जी के दर्शन प्राप्त हुए। कहा जाता है कि कलयुग में आज भी भगवान हनुमान इन 5 स्थानों पर मौजूद हैं।
आज के इस लेख में हम आपको हनुमान जी कलयुग में कहां है, हनुमान जी कहाँ रहते है, हनुमान जी कहां मिलेंगे? के बारे में जानकारी देने जा रहे है, अगर आप यह सभी उपरोक्त जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो हमारे आज के इस लेख हनुमान जी कलयुग में कहां है को आखिरी तक अवश्य पढ़े, तो आइये जानते है –
हनुमान जी कहाँ रहते है (Hanuman Ji Kaha Rahte Hai)
गंधमादन पर्वत (Gandhamadan Mountain)
राम जी से अमरता का वरदान प्राप्त करने के बाद हनुमान जी ने उस स्थान को अपने निवास स्थान के रूप में चुना जो पवित्र हो और दैवीय कृपा प्राप्त हो। श्रीमद्भागवत पुराण में उल्लेख है कि ऐसा पवित्र स्थान गंधमादन पर्वत है। यहीं पर राम जी के प्रिय और कलियुग में धर्म के रक्षक हनुमान जी निवास करते हैं।
कलयुग में हनुमानजी का इसी पर्वत पर निवास है, इसके अनेक प्रमाण कई स्थानों पर मिलते हैं। कहा जाता है कि इस स्थान पर कई साधु-संतों ने भी तपस्या करके हनुमान जी के दर्शन प्राप्त किये थे। महर्षि कश्यप ने भी इसी पर्वत पर तपस्या की थी। यह पर्वत कैलाश पर्वत के उत्तर में स्थित है। इस पर्वत पर गंधर्व, किन्नर, अप्सराएं और सिद्ध ऋषि निवास करते हैं। इस पर्वत की चोटी तक किसी भी वाहन से पहुंचना असंभव माना जाता है। भगवान राम से अमरता का वरदान प्राप्त करने के बाद हनुमान जी ने इसी पर्वत को अपने निवास स्थान के रूप में चुना।
पौराणिक कथा के अनुसार, पांडव अपना अज्ञातवास बिताने के लिए हिमवंत को पार करके गंधमादन पर्वत पर पहुंचे। वहीं, एक बार जब भीम सहस्त्रदल कमल लेने के लिए गंधमादन पर्वत के जंगल में गए तो उन्होंने देखा कि उनके रास्ते में एक बड़ा वानर अपनी पूंछ फैलाए लेटा हुआ है। तब भीम ने उस वानर से अपनी पूंछ हटाने को कहा।
जिस पर वानर रूप में लेटे श्री हनुमान जी ने भीम से इसे स्वयं हटाने को कहा। इतना कहकर भीम ने पूंछ हटाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह टस से मस नहीं हुई। तब भीम को एहसास हुआ कि वह कोई साधारण वानर नहीं बल्कि पवनपुत्र हनुमान हैं। इसके बाद उन्होंने हनुमान जी को प्रणाम किया। हनुमान जी ने भीम के बल का घमंड दूर कर दिया था। कहा जाता है कि इस पर्वत पर एक मंदिर है, जिसमें हनुमान जी की मूर्ति के साथ-साथ उनके आराध्य श्रीराम और माता सीता की भी मूर्ति है।
किष्किंधा अंजनी पर्वत (Kishkindha Anjani Parbat)
इस पर्वत का उल्लेख रामायण में मिलता है। कर्नाटक के कोप्पल और बेल्लारी जिले के निकट किष्किंधा क्षेत्र में माता अंजनी ने इसी पर्वत पर तपस्या की थी। भगवान राम और हनुमान जी की मुलाकात भी इसी पर्वत पर हुई थी। कहा जाता है कि कलयुग में हनुमान जी इस पर्वत पर भी निवास करते हैं।
रामायण पाठ (Ramayana Path)
शास्त्रों में कहा गया है कि रामायण का पाठ जहां भी होता है, वहां हनुमान जी (Hanuman Ji ) किसी न किसी रूप में अवश्य मौजूद रहते हैं। इसलिए कई बार देखा जाता है कि जहां भी रामायण का पाठ होता है वहां बंदर आ जाते हैं।
नीम करोरी बाबा (Neem Karori Baba)
बाबा नीम करौली के भक्त उन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं। उनके भक्तों का मानना है कि हनुमान जी ने कलयुग में नीम करोली बाबा के रूप में जन्म लिया था। बाबा से जुड़े ऐसे कई चमत्कार थे, जो भगवान हनुमान से जुड़े हैं।
राम भक्त (Ram Bhakt)
भगवान हनुमान सिर्फ अपने भक्तों में ही नहीं बल्कि राम भक्तों के मन में भी बसते हैं। रामायण में उल्लेख है कि जब भगवान राम पृथ्वी लोक छोड़कर जा रहे थे तो भक्त हनुमान भी उनके साथ जाना चाहते थे। लेकिन राम जी ने कहा, जब कलयुग का समय आएगा और धर्म समाप्त हो जाएगा, तब आपको राम के भक्तों के दिलों में रहना है। इसलिए हनुमान जी सदैव राम भक्तों के हृदय में वास करते हैं।
हनुमान जी कहां मिलेंगे (Hanuman Ji Kaha Milenge)
हमने आपको ऊपर बताया है की आपको हनुमान जी कहां मिलेंगे और हनुमान जी कहाँ रहते है, लेकिन इसके अलावा अगर आप हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा अर्चना आराधना करते है, तो आपको हनुमान जी स्वयं दर्शन देने चले आएंगे। बस जरुरत है तो सच्ची श्रद्धा भक्ति भाव की।
FAQs
कलयुग में हनुमान जी के दर्शन कैसे होंगे?
कलयुग में हनुमान जी के दर्शन सच्ची श्रद्धा भाव भक्ति से होंगे।
हनुमान जी कलयुग में कहां रहते है?
हनुमान जी कलयुग में गंधमादन पर्वत पर रहते है।
हनुमान जी कहाँ रहते थे?
हनुमान जी कहाँ रहते थे, नहीं हनुमान जी अभी भी गंधमादन पर्वत पर रहते है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने आपको हनुमान जी कलयुग में कहां है, हनुमान जी कहाँ रहते है, हनुमान जी कहां मिलेंगे के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख हनुमान जी कलयुग में कहां है (Hanuman Ji Kalyug Me Kaha Rahte Hai) अच्छा लगा है, तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।