गुलाब का उपयोग क्या है (Gulab Ka Upyog Kya Hai): गुलाब न केवल सुंदरता और सुगंध बिखेरता है, बल्कि इसमें कई प्राकृतिक और औषधीय गुण भी होते हैं। यही कारण है कि गुलाब को फूलों का राजा कहा जाता है। गुलाब मन को प्रसन्न करने वाला फूल है। गुलाब किसी की भी खूबसूरती में चार चांद लगा देता है। यह खूबसूरत होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। गुलाब का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है। चाहे भगवान की पूजा करनी हो या किसी रूठे को मनाना हो, किसी का स्वागत करना हो या किसी से अपने प्यार का इजहार करना हो, रूप निखारना हो या कोई रोग दूर करना हो, घर को सजाना हो आदि, गुलाब हर तरह से उपयोगी है। इसके अलावा भी गुलाब के कई उपयोग है तो आइये जानते है गुलाब के फूल का उपयोग (Gulab Ke Phool Ka Upyog) –
गुलाब के उपयोग (Gulab Ke Upyog)
गुलाब के कई उपयोग हैं, जो इस प्रकार हैं –
गुलाब से गुलाब जल, गुलकंद, ठंडाई, जैम-जेली, इत्र, दवाएं, सौंदर्य प्रसाधन, सजावट, गहने, गजरे, गुलदस्ते आदि बनाए जाते हैं। गुलाब की स्थानीय बाजार के साथ-साथ वैश्विक बाजार में भी भारी मांग है। इसका बिजनेस किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।
गुलाब का इस्तेमाल सिर्फ गुलकंद, गुलाब जल और इत्र बनाने में ही नहीं होता, बल्कि आंख, मुंह, कान, चर्म रोग और बुखार के इलाज में भी इसका इस्तेमाल होता है। इसके साथ ही गुलाब का उपयोग कई जहरीले कीड़ों या जानवरों जैसे सांप, बिच्छू आदि के जहर के प्रभाव को कम करने के लिए भी किया जाता है।
आयुर्वेद में भी कई तरह की बीमारियों में गुलाब के कई तरह के उपयोग बताए गए हैं। इसमें कई बेहतरीन औषधीय गुण पाए जाते हैं। गुलाब में विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। गुलाब के फूल खाने से शरीर में विटामिन सी की कमी दूर होती है, जोड़ों और हड्डियों का दर्द दूर होता है और त्वचा चमकदार बनती है।
गुलाब की पत्तियों में प्राकृतिक ठंडक होती है। इसका उपयोग ब्यूटी पेस्ट और उबटन बनाने के लिए किया जाता है। गुलाब की पत्तियों का सेवन करने से शरीर के हर हिस्से खासकर पेट को ठंडक मिलती है। इसी वजह से प्राचीन काल में घर में गुलकंद बनाकर खाया जाता था। गुलाब के फूल की पत्तियों का चूर्ण आंखों पर लगाने से आंखों को ठंडक मिलती है।
गुलाब का उपयोग आयुर्वेद में उन औषधियों में किया जाता है जिनका उपयोग कब्ज या गैस निवारण के रूप में किया जाता है। गुलाब के फूल में विटामिन सी पाया जाता है।
सुंदरता बढ़ाने में गुलाब के उपयोग (Gulab Ke Phool Ka Upyog In Hindi)
रात को सोने से पहले चेहरे पर गुलाब जल लगाना अच्छा होता है। पानी में गुलाबजल मिलाकर रोजाना नहाने से त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं दूर हो जाती हैं और खूबसूरती तो बढ़ती ही है साथ ही ताजगी भी आती है।
गुलाब की पंखुड़ियां पीसकर उसमें थोड़ा सा बादाम का तेल मिलाकर चेहरे पर मालिश करने से चमक बढ़ती है और झुर्रियां दूर होती हैं।
गुलाब की पंखुड़ियां पीसकर उसमें मलाई मिलाकर चेहरे और होठों पर लगाने से होठों में निखार आता है और होठों का कालापन दूर हो जाता है और वे गुलाबी हो जाते हैं।
गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर उसमें थोड़ी सी ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे और होठों पर मालिश करने से त्वचा में निखार आता है, होठों का कालापन दूर होकर गुलाबी हो जाता है।
गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर दूध और गुलाब जल में मिलाकर त्वचा, गर्दन और हाथों पर लगाएं। 15 से 20 मिनट बाद पानी से धो लें। इससे त्वचा में निखार बढ़ता है।
गुलाब की पंखुड़ियां पीसकर उसमें एलोवेरा जेल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। 10 मिनट बाद पानी से धो लें। ऐसा कहने से चेहरे पर अच्छा ग्लो आता है।
गुलाब जल में थोड़ी सी ग्लिसरीन मिलाकर उससे चेहरे और होठों की मसाज करने से काफी अच्छा असर होता है। झुर्रियां दूर होती हैं और त्वचा की चमक बढ़ती है। वहीं, रोजाना रात को सोते समय गुलाब जल से चेहरे की मसाज करने से त्वचा जवां बनी रहती है।
एलोवेरा जेल में गुलाब जल मिलाकर सोने से पहले अपने चेहरे की मसाज करें और सुबह चेहरा धो लें। इससे झुर्रियां खत्म होती हैं और चेहरे की चमक बढ़ती है।
थ्रेडिंग या वैक्सिंग के बाद अगर त्वचा पर पिंपल्स हो गए हों तो उन पर गुलाब जल लगाने से आराम मिलता है।
गुलाब जल में थोड़ा सा चंदन का तेल मिलाकर मालिश करने से त्वचा में निखार आता है, झुर्रियां दूर होती हैं और पित्त पथरी में भी आराम मिलता है।
गुलाब की सूखी पंखुड़ियों के पाउडर में शहद या दूध मिलाकर पेस्ट बना लें। इससे चेहरे और होठों पर हल्के हाथों से मसाज करें। 10 मिनट बाद चेहरा धो लें। इससे त्वचा कोमल होती है।
गुलाब की सूखी पंखुड़ियों के पाउडर में थोड़ा सा बेसन और दूध मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे चेहरे पर लगाएं और 15 से 20 मिनट बाद चेहरा धो लें। इससे चेहरे पर निखार बढ़ता है।
गुलाब की पंखुड़ियों के पाउडर में गुलाबजल मिलाकर 1 घंटे बाद इस पेस्ट से चेहरे पर हल्के हाथों से मसाज करें। इसके बाद आधे घंटे बाद चेहरा धो लें। इससे दाग-धब्बे दूर होते हैं और त्वचा कोमल बनती है और चमक भी बढ़ती है।
बीमारियों में गुलाब के उपयोग (Gulab Ke Phool Ka Upyog In Hindi)
यदि शरीर से अत्यधिक पसीना निकलता हो, या शरीर से दुर्गंध आती हो, तो- पानी में गुलाब की पंखुड़ियां डालकर उबाल लें। इस पानी को नहाने के पानी में मिलाकर नहाने से शरीर की दुर्गंध दूर हो जाती है। दूसरी तरफ गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर उसमें पानी मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को पूरे शरीर पर लगाएं और आधे घंटे बाद नहा लें। ऐसा एक हफ्ते तक करने से शरीर की दुर्गंध दूर हो जाती है।
अगर मुंह से बहुत दुर्गंध आ रही हो, या मसूढ़ों से मवाद आ रही हो, या दांतों की जड़ें कमजोर हो रही हों, तो गुलाब का प्रयोग करें। ताजी गुलाब की पंखुड़ियों को खूब चबा-चबाकर खाएं। ऐसा रोजाना करने से मसूड़ों से खून आने, पस या दुर्गंध की समस्या से राहत मिलती है साथ ही मसूड़े मजबूत होते हैं।
मुंह में बार-बार छाले हो जाते हैं तो इससे निजात पाने के लिए गुलाब की पंखुड़ियों को पानी में उबालकर ठंडा कर लें। उस पानी से दिन में तीन से चार बार गरारे करने से मुंह के छालों में आराम मिलता है।
अगर आंखें बहुत ज्यादा लाल हो रही हों, सूजी हुई हों, या उनमें जलन हो रही हो तो दो बूंद गुलाब जल आंखों में डालने से इन समस्याओं से राहत मिलती है। कई जगहों पर बताया जाता है कि दो बूंद गुलाब जल कभी-कभी आंखों में डालने से आंखों के रोगों से काफी हद तक राहत प्राप्त होती है।
अगर आप दाद की खुजली से परेशान हैं तो गुलाब के अर्क में नींबू का रस मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाने से दाद की खुजली में आराम मिलता है।
गुलाब का उपयोग कुष्ठ रोग या तपेदिक के उपचार में भी किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार कुष्ठ रोगी को रोज गुलाब का फूल खिलाने से इस रोग से छुटकारा मिल जाता है।
चेचक के रोगी के बिस्तर पर गुलाब की पंखुड़ियों को सुखाकर उनका चूर्ण डालने से चेचक के घाव जल्दी सूख जाते हैं। गुलाब के फूलों को पीसकर किसी भी घाव पर लगाने से खून का बहना कम होता है साथ ही घाव जल्दी सूख जाता है।
शरीर के किसी भाग में जलन होने पर गुलाब जल में चंदन का चूर्ण मिलाकर उस स्थान पर लगाने से शीघ्र आराम मिलेगा।
गुलाब की पंखुड़ियों के चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से कब्ज, अतिसार में लाभ होता है। गुलाब के फूलों के तेल को गर्म करके ठंडा करके छानकर गुदा पर लगाने से गुदा की सूजन कम होती है।
आधा कप शुद्ध गुलाब जल में एक नींबू निचोड़कर उसमें थोड़ी सी मिश्री मिला लें। हैजा के रोगी को यह घोल पिलाने से बहुत आराम मिलता है।
जिन लोगों को अक्सर बदहजमी की शिकायत रहती है, उन्हें खाने के तुरंत बाद गुलकंद खाना चाहिए, इससे पाचन क्रिया अच्छी होगी।
दो चम्मच गुलकंद प्रतिदिन भोजन के बाद खाने से पेट की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। गुलाब के रस में सौंफ और पुदीने का रस मिलाकर उसकी 4-4 बूंद पानी में मिलाकर पीने से पेट के कई रोगों में आराम मिलता है।
अत्यधिक गर्मी या एलर्जी या गर्मी के कारण घबराहट होने पर कुछ ताजी गुलाब की पंखुड़ियों को इलायची, काली मिर्च और मिश्री के साथ पीस लें। इसे पानी के साथ लें, बहुत जल्दी आराम मिलेगा।
गुलाब की पंखुड़ियों को पानी में पीसकर माथे पर लगाने से सिरदर्द तुरंत ठीक हो जाता है। अगर सिर दर्द गर्मी या जी मिचलाने के कारण हो रहा हो तो दो इलायची के साथ गुलाब की ताजी पंखुड़ियां चबाने से इन समस्याओं से राहत मिलती है। सिर दर्द में गुलाब का इत्र भी माथे पर लगाया जा सकता है।
इसके साथ ही गुलाब के फूलों का उपयोग फेफड़ों की बीमारी, तपेदिक, पेट, आंतों और लीवर से संबंधित बीमारियों और बवासीर के इलाज में भी किया जाता है। गर्मी के कारण जी मिचलाना, सीने या गले में जलन जैसी समस्याओं में भी गुलाब की पंखुड़ियों का रस काफी फायदेमंद माना जाता है।
निष्कर्ष
आशा करते है आपको यह लेख गुलाब का उपयोग क्या है (Gulab Ka Upyog Kya Hai) जानकारीपूर्ण लगा होगा। और गुलाब के उपयोग (Gulab Ke Upyog) के बारे में जानकारी आपको मिल गयी होगी।
त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए, चेहरे पर निखार लाने के लिए और त्वचा को गुलाबी बनाने के लिए गुलाब का प्रयोग बहुत किया जाता है। गुलाब की पंखुड़ियां त्वचा को सुंदर, कोमल और कोमल बनाने में मदद करती हैं और त्वचा को एक नया जीवन देती हैं। गुलाब की पंखुड़ियों में विटामिन सी, बी और के के साथ कैल्शियम, सोडियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन और फाइबर भी पाया जाता है। गुलाब की पंखुड़ियां एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं और त्वचा के लिए टॉनिक का काम करती हैं।